अचानक धन और जेल देता है राहू।।

Rahu suddenly gives money
Rahu suddenly gives money

आकस्मिक धन देनेवाला तथा साथ ही आकस्मिक जेल और बन्धन दिलानेवाला ग्रह राहू ।। Rahu suddenly gives money.

हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,

मित्रों, राहु का बारहवें घर में बैठना बडा अशुभ होता है । क्योंकि यह जेल और बन्धन का कारक हो जाता है । १२ वें घर में बैठ कर अपनी महादशा अन्तर्दशा में या तो पागलखाने या अस्पताल में या जेल में बिठा देता है ।।

इतना ही नहीं अगर कोई सत्कर्म करनेवाला व्यक्ति हो और सत्य के लिये तथा दूसरों के हित के लिये अपना भाव रखता हो तो एक बन्द कोठरी में भी उसकी पूजा करवाता है । साथ ही घर बैठे सभी साधन लाकर देता है । यह साधन किसी भी प्रकार के हो सकते है ।।

राहु जीवन बहुत कुछ अकस्मात् करवा देता है । जैसे आकस्मिक और अतुलनीय धन देना । आज हम इस विषय में भी बातें करते हैं । राहु शून्य डिग्री से 20 डिग्री में हो तो अच्छा फल देता है जबकि 20 डिग्री से 30 डिग्री में मिश्रित फलदायी होता है ।।

जन्म नक्षत्र में ही राहु हो तो भी उसका अच्छा फल प्राप्त होता है । यदि स्त्री राशि में होकर किसी केन्द्र या त्रिकोण में स्थित हो तो छाया ग्रह के गुण के अनुसार शुभ परिणाम का द्योतक हो जाता है ।।

यदि विदेश यात्रा का योग देखना हो तो अन्य योग जैसे नवम, नवमेश, द्वादश, द्वादेश के चर राशिगत परिणाम के साथ-साथ सदैव राहु के परिणाम को भी देखा जाना चाहिए । तृतीय, चतुर्थ, नवम, दशम भाव में हो तो विदेश यात्रा का योग प्रबल होता है ।।

यदि अन्य योग के साथ गोचरवश ग्रह भी प्रभाव दें, तब यह विदेश यात्रा का योग भी देता है । राहु-केतु यदि किसी कारक ग्रह के साथ विराजमान हो जाए तो वह कारक ग्रह भी बन जाते हैं ।।

अर्थात स्थिति के अनुसार यदि त्रिकोण भाव से त्रिकोणेश के साथ बैठे तो अपनी शक्ति भी भाग्येश और त्रिकोणेश को देकर दुगना प्रभाव दे देता है । हाँ यदि अष्टम द्वादश में पापी ग्रह के साथ बैठे तो यह अवश्य मृत्युकारी, कष्टकारी योग भी छाया ग्रह होने के कारण बना देता है ।।

यदि आकस्मिक धन प्राप्ति के योग के विषय में जानना हो तो धनेश, लाभेश एवं धनदायक गुरु ग्रह के साथ-साथ राहु की स्थिति का प्रभाव ही अधिकांश आकस्मिक धन योग प्राप्ति को काफी हद तक प्रभावित करता है ।।

शुभ ग्रह जिसे केन्द्राधिपति दोष लगा हो उसके साथ बैठने पर राहु को भी केन्द्राधिपति दोष लग जाता है जबकि पापी केन्द्रेश के साथ होने पर यह पापत्व को कम करके शुभ परिणाम देनेवाला हो जाता है ।।

कुल मिलाकर राहु के गुण-अवगुण राशिगत भावेश के परिणामों के आधार पर ही तय होते हैं । यद्यपि राहु अपने रोगकारी गुण को तो यथावत ही रखता है । अतः ज्योतिषी को अपनी पैनी नजर का उपयोग कर तदनुसार ही परिणाम घोषित करना चाहिए, न कि सदैव राहु के भयकारी परिणाम से भयभीत करना चाहिए ।।

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