अशुभ सूर्य ग्रह की शान्ति का सरल उपाय।। Ashubh Surya Ki Shanti Ka Upay.
हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,
मित्रों, यदि कुण्डली में कोई ग्रह योग कारक होकर भी यदि अशुभ फल दे रहा हो तो उस ग्रह का विधि पूर्वक पूजन अवश्य करना चाहिए । आज हम ग्रहों के शान्ति हेतु जप, मंत्र, दान आदि की विधि बताते हैं ।।
कुण्डली में जब सूर्य ग्रह अशुभ हो तो उसकी शान्ति हेतु क्या करें । सूर्य ग्रह हमारे संसार के नियोक्ता व शक्ति का प्रमुख स्रोत हैं । सूर्य का वेदोक्त मंत्र – ॐ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यं च । हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन् ।।
सूर्य का पुराणोक्त मंत्र – जपा कुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम । तमोऽरिं सर्व पापघ्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम् ।। साथ ही सूर्य गायत्री मंत्र – ॐ आदित्याय विद्महे भास्कराय धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोदयात् ।।
तंत्रोक्त सूर्य बीज मंत्र – ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम: ।। लघु मंत्र – ॐ घृणि सूर्याय नमः ।। सूर्यार्घ्य मंत्र – एहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशि जगत्पते । अनुकम्पय मां भक्तया गृहाणार्घ्य दिवाकरः ।।
मित्रों, सूर्य द्वारा आपको कष्ट मिल रहा हो तो इन उपरोक्त मन्त्रों में से किसी भी मन्त्र का जप कर अथवा किसी ब्राह्मण से करवा सकते हैं । इन मन्त्रों की जप संख्या 7000 रखनी है । और मंत्र संख्या का विधिवत जप करके उसका दशांश हवन करना होता है ।।
सूर्य से सम्बन्धित कुछ वस्तुओं का दान करके भी हम अशुभ सूर्य से शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं । सूर्य के निमित्त हम गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र, घी, सुवर्ण, माणिक्य, ताम्रपात्र, नारियल, लाल चन्दन, लाल फूल, दक्षिणा, लाल दाल वगैरह का दान कर सकते हैं ।।
अगर सूर्य से शुभ फल प्राप्ति हेतु इन उपरोक्त सामग्रियों का दान जब भी करना हो तो इस बात का ध्यान रखें की सूर्योदय काल में ही इन वस्तुओं का दान करना है । रविवार का व्रत करने से भी सूर्य नारायण प्रसन्न होते हैं ।।
मित्रों, सूर्य ग्रह को बली बनाने हेतु माणिक्य रत्न धारण करना चाहिए । सूर्य यंत्र को तांबे पर खुदवाकर उसका नित्य पूजन करना चाहिए । सूर्य यंत्र को भोजपत्र पर अष्टगन्ध से लिखकर गले या दाहिने हाथ के बाजू पर भी धारण करने से सूर्य दोष निवृत हो जाता है ।।
सूर्य ग्रह की शान्ति के लिए इलाइची, देवदारू, केशर, खस, रक्त पुष्प, रक्त चन्दन, कनेर पुष्प, गंगाजल एवं मनः शिला को मिलाकर रविवार के दिन स्नान करने से अत्यन्त लाभ प्राप्त होता है ।।
इसके अलावा रविवार को केसर का तिलक लगाना, सूर्य गायत्री, आदित्य हृदय स्तोत्र एवं सूर्य कवच का पाठ करने से भी बहुत लाभ होता है । भगवान विष्णु की उपासना करना भी अत्यन्त लाभकारी होता है ।।
रविवार के दिन अन्धों को अथवा कुष्ठ रोगियों को पकाये अन्न का दान करना भी लाभप्रद होता है । सूर्य दोष निवारण के अन्य उपाय भी हैं । जैसे सूर्योदय काल में ताम्रपात्र से भगवान सूर्य नारायण को जल, दूध, पुष्प, गंध, लाल चन्दन आदि मिलाकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए ।।
रविवार के दिन नमक का परहेज रखें अर्थात नमक का सेवन न करें । ग्यारह रविवार तक केवल दही और चावल का ही सेवन करना चाहिए । रविवार के दिन लाल रंग की गाय को आटें में गुड़ मिलाकर खिलाना चाहिये ।।