दीपावली पर्व के पाँच दिन की पाँच पूजा।।

Dipavali ke panch din
Dipavali ke panch din

दीपावली पर्व के पाँच दिन।। Dipavali ke panch din.

मित्रों, गुजरात में दिपावली की शुरुआत वाघ बारस से ही मानी जाती है। पांच दिन के दीपावली पर्व की शुरुआत इस वर्ष नवम्बर के आरंभिक सप्ताह में हो चुकी है। मूलतः इसका प्रारंभ धनतेरस के दिन से होता है और अंत भैया दूज को होता है।।

मित्रों, नवम्बर का पहला सप्ताह व्रत एवं त्योहारों से भरा हुआ है। इस सप्ताह में ही पांच दिन के दीपावली पर्व का आगाज होना है। जिसका प्रारंभ धनतेरस के दिन से होता है और अंत भैया दूज को होता है।।

इस सप्ताह धनतेरस, प्रदोष व्रत, यम दीपम, काली चौदस, मास शिवरात्रि, दीपावली, नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजा, कमला जयंती, अन्नकूट या गोवर्धन पूजा और कार्तिक अमावस्या सभी आने वाले हैं। आइए जानते हैं कि ये सभी व्रत और त्योहार किस तारीख को आने वाले हैं।।

1 नवम्बर: रमा एकादशी: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन व्रत रखने वाले लोग भगवान श्रीकृष्ण की विधिपूर्वक पूजा करते हैं। इस व्रत से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।।

02 नवम्बर: धनतेरस: धनतेरस को धन त्रयोदशी भी कहा जाता है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस होता है। इस दिन भगवान धनवन्तरि की पूजा करते हैं और सोना, चांदी या धातु का कोई सामान खरीदने की परंपरा है।।

03 नवम्बर: यम दीप: परिवार में कोई भी सदस्य की असमय मृत्यु न हो, इससे बचने के लिए शाम के समय घर से बाहर एक दीपक यमराज के लिए जलाते हैं, जिसे यम दीपम कहा जाता है।।

02 नवम्बर: प्रदोष व्रत: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, हर मास की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होता है। इस बार मंगलवार को पड़ने के कारण यह शुक्र प्रदोष व्रत है। इस दिन देवों के देव महादेव की आराधना की जाती है।।

03 नवम्बर: रूप चौदस और काली चौदस: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को रूप चौदस होता है। सूर्योदय से पूर्व उबटन, स्नान एवं पूजा का करते हैं, जिससे रूप और स्वर्ग की प्राप्ति होती है। बंगाल में इस दिन काली मां का जन्मदिन मनाते हैं, इसलिए इसे काली चौदस भी कहते हैं।।

04 नवम्बर: दीपावली, लक्ष्मी पूजा, कमला जयंती, कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।।

मां आदिशक्‍ति के उग्र और सौम्‍य कुल 10 अवतारों में से मां कमला दसवां अवतार हैं। अमावस्या के दिन ही मां कमला की पूजा होती है। इनकी पूजा से विद्या और कौशल में विकास, धन और ऐश्‍वर्य में वृद्धि होती है।।

05 नवम्बर: अन्नकूट या गोवर्धन पूजा: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को अन्नकूट या गोवर्धन पूजा मनाया जाता है। यह दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है।।

गोवर्धन पूजा या अन्नकूट का त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथी को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार इस साल प्रतिपदा तिथि 05 नवंबर को रात्रि 02 बजकर 44 मिनट शुरू होकर दिन में 11 बजकर 14 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि होने के कारण प्रतिपदा तिथि 05 नवंबर को ही मानी जा रही है। गोवर्धन पूजा या अन्नकूट पूजा 05 नवंबर दिन शुक्रवार को ही मनायी जाएगी।।

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