चतुर्थ भाव एवं सुख-सुविधा तथा आपका ऐश्वर्य।।

Fourth Home and happiness
Fourth Home and happiness

चतुर्थ भाव एवं सुख-सुविधा तथा आपका ऐश्वर्य।। Fourth Home and happiness.

हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,

मित्रों, जन्म कुण्डली के चौथे घर को हमारे यहाँ मातृ भाव एवं सुख स्थान कहा जाता है । जैसे कि इस घर के नाम से ही पता चलता है, यह घर जातक के जीवन में माता की ओर से मिलने वाले योगदान तथा जातक के द्वारा किए जाने वाले सुखोंपभोग को दर्शाता है ।।

मूलतः चौथा घर कुण्डली का एक महत्त्वपूर्ण घर होता है । किसी भी बुरे ग्रह का चौथे घर अथवा चन्द्रमा पर दु:ष्प्रभाव जातक के जीवन में मातृ दोष बना देता है । किसी व्यक्ति के जीवन में उसकी माता की ओर से मिले अथवा मिलनेवाले योगदान एवं प्रभाव को देखने के लिए इस घर को ध्यान से देखना चाहिये ।।

साथ ही जातक का माता के साथ संबंध और माता का सुख देखने के लिए कुण्डली के इस घर का ध्यानपूर्वक अध्ययन करना आवश्यक होता है । कुण्डली के इस घर से किसी व्यक्ति के बचपन में उसकी माता की ओर से मिले सहयोग तथा उसकी मूलभूत शिक्षा के बारे में भी पता चलता है ।।

चौथा घर व्यक्ति के ज़ीवन में मिलने वाले सुख, खुशियों, सुविधाओं, तथा उसके घर के अंदर के वातावरण अर्थात घर के अन्य सदस्यों के साथ उसके संबंधों को भी दर्शाता है । किसी व्यक्ति के जीवन में वाहन-सुख, नौकरों-चाकरों का सुख, उसके अपने मकान बनने या खरीदने जैसे योगों को भी कुण्डली के इस घर से देखा जाता है ।।

Fourth Home and happiness

चौथे घर के बलवान होने से तथा किसी अच्छे ग्रह के प्रभाव में होने से जातक को अपने जीवन काल में अनेक प्रकार की सुख-सुविधाओं तथा ऐश्वर्यों का भोग करने को मिलता है एवं उसे अच्छे-से-अच्छे वाहनों का सुख तथा नए मकान प्राप्त होने का सुख़ भी मिलता है ।।

परन्तु वहीँ दूसरी ओर अगर कुण्डली के चौथे घर के बलहीन अथवा किसी बुरे ग्रह के प्रभाव में होने की स्थिति में जातक के जीवन काल में उपरोक्त सभी बातों के विपरीत स्थितियाँ बनती हैं अर्थात इस प्रकार के सुख-सुविधाओं का आम तौर पर अभाव ही रहता है ।।

चौथा घर शरीर के अंगों में छाती, फेफड़ों, हृदय तथा इसके आस-पास के अंगों के विषय में बताता है । इस घर पर बुरे ग्रहों का प्रभाव जातक को छाती, फेफड़ों तथा हृदय से संबंधित अनेक रोगों से पीड़ित कर सकता है ।।

साथ ही जातक की मानसिक शांति पर बुरा प्रभाव डाल सकता है । अथवा कुंडली धारक को मानसिक रोगों से पीड़ित भी कर सकता है । क्योंकि जन्म कुण्डली का चौथा घर जातक की मानसिक शांति से सीधे तौर पर जुड़ा होता है ।।

किसी व्यक्ति की जमीन-जायदाद के बारे में बताने के लिए तथा जमीन-जायदादों से संबंधित व्यवसायों में उसे होने वाले लाभ या हानि के बारे में जानने के लिए भी इसी घर को देखा जाता है ।।

किसी व्यक्ति को अपने जीवन में मिलने वाली मानसिक शांति तथा घर के वातावरण के बारे में भी यह घर बताता है । कुण्डली के इस घर पर कुछ विशेष ग्रहों का बुरा प्रभाव हो तो जातक को अपने घर के वातावरण में घुटन अथवा असुविधा का अहसास होता है ।।

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ऐसी स्थिति में ऐसे लोग आम तौर पर घर से बाहर रहकर ही अधिक शांति का अनुभव करते है । चौथा घर जातक के अपने रिश्तेदारों के साथ संबंधों के बारे में भी बताता है । इस घर पर किसी विशेष बुरे ग्रहों का प्रभाव होने से जातक के अपने रिश्तेदारों के साथ संबंधों में भी तनाव आ सकता है । लेकिन शुभ ग्रहों से सम्बन्ध या प्रभाव जातक को इस प्रकार के सभी शुभ फलों से जीवन में आनन्दित कर देते हैं ।।

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।।। नारायण नारायण ।।।

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