महिलाओं को मंगल बहुत भाता है, परन्तु कैसे ।। Mangal And Mahilayen.
हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,
मित्रों, यह बात सुनने में बहुत अजीब सा है । परन्तु यह बात पूर्णतः सत्य है । सामान्य तौर पर ऋतुस्त्राव के दौरान स्त्रियों के रक्त की हानि होती है ।।
ज्योतिष में इसे मंगल के ह्रास के रूप में देखा जाता है । मंगल के इस नुकसान की भरपाई के लिए सुहागिनों को लाल बिंदी लगाने, लाल चूडियां पहनने, लाल साड़ी एवं लाल रंग का सिंदूर लगाना चाहिये ।।
इससे जैसे लाल रंग को धारण करने से मंगल का तेज महिलाओं को फिर से प्राप्त हो जाता है । हालांकि लोकमान्यता में अधिकांशतया इसे सुहाग से जोड़ा जाता है ।।
लेकिन ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह मंगल के नुकसान की भरपाई माना जाता है । सामाजिक मान्यताओं में वैधव्य का दोष स्त्रियों को दिया जाता है ।।
जैसे स्त्री मांगलिक हो और उसका पति मांगलिक न हो तो ऎसा माना जाता है, कि स्त्री हावी रहेगी और दांपत्य जीवन में तनाव रहेगा ।।
अगर मंगल और शनि आठवें स्थान पर हो तो उसे चूंदड़ी मंगल कहा जाता है । ऎसी स्थिति में मंगल वैधव्य के योग बनाता है । विधुर की तुलना में विधवा को पुरूष प्रधान समाज में अधिक समस्याओं को सामना करना पड़ता है ।।
यही कारण होता है, कि इसी बात का ध्यान रखते हुए कुण्डली मिलान के समय पुरूष की तुलना में स्त्री के मंगल पर अधिक ध्यान दिया जाता है ।।
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