पञ्चांग 23 अप्रैल 2025 दिन बुधवार।।

Panchang 25 June 2025
Panchang 25 June 2025

बालाजी वेद, वास्तु एवं ज्योतिष केन्द्र।।

पञ्चांग, Panchang, आज का पञ्चांग, Aaj ka Panchang, Panchang 2025,
आज का लेख एवं आज का पञ्चांग 23 अप्रैल 2025 दिन बुधवार।।

मित्रों, तारीख 23 अप्रैल 2025 दिन बुधवार को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि है। आज बिहार राज्य के रोहतास जिला के बाबु वीरकुंवर सिंह जी की जन्म जयन्ती है। वो बाबु वीरकुंवर सिंह जी जिन्होने अंग्रेजों के दांत खट्टे 80 वर्ष के उम्र में कर दिए थे। एक बार जब गंगा किनारे युद्ध चल रहा था, तब उनके एक हाथ में गोली लगी तो उन्होंने अपना हाथ ही जड़ से काटकर माँ गंगा को दान कर दिए थे। ऐसे वीर योद्धा को हमारा शत-शत नमन है। आप सभी भारतवासियों को “बाबु वीरकुंवर सिंह जी के जन्म जयन्ती” की हार्दिक शुभकामनायें।।

हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी), आज के योग और आज के करण। आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातकों पर अपनी कृपा बनाए रखें। इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव ही सर्वश्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो। ऐसी मेरी आप सभी आज के अधिष्ठात्री देवों से हार्दिक प्रार्थना है।।

मेरे प्रियात्मनों, यह वेबसाईट बिलकुल नि:शुल्क है। यदि आपको इस साईट से कुछ भी लाभ प्राप्त हुआ हो, आपको हमारे लेख पसंद आते हो तो मदद स्वरुप आप स्वयं हमारे साईट पर विजिट करें एवं अपने सभी सम्पर्कियों को भी इस साईट के बारे में अवश्य बताएं।।

।। पधारने हेतु भागवत प्रवक्ता – स्वामी धनञ्जय महाराज की ओर से आपका ह्रदय से धन्यवाद। आपका आज का दिन मंगलमय हो। अपने गाँव, शहर अथवा सोसायटी में भागवत कथा के आयोजन हेतु कॉल – 9375238850 करें या इस लिंक को क्लिक करें।।

वैदिक सनातन हिन्दू पञ्चांग, Vedic Sanatan Hindu Panchang पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi), 2:- वार (Day), 3:- नक्षत्र (Nakshatra), 4:- योग (Yog) और 5:- करण (Karan).

पञ्चांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग का श्रवण करते थे। शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है। वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।।

नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापों का नाश होता है। योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है। करण के पठन-श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए नित्य पञ्चांग को देखना, पढ़ना एवं सुनना चाहिए।।

Panchang 23 April 2025

आज का पञ्चांग 23 अप्रैल 2025 दिन बुधवार।।
Aaj ka Panchang 23 April 2025.

विक्रम संवत् – 2082.

संकल्पादि में प्रयुक्त होनेवाला संवत्सर – कालयुक्त.

शक – 1946.

अयन – उत्तरायण.

गोल – दक्षिण.

ऋतु – बसन्त.

मास – वैशाख.

पक्ष – कृष्ण.

गुजराती पंचांग के अनुसार – चैत्र कृष्ण पक्ष.

Panchang 23 April 2025

तिथि – दशमी 16:44 PM बजे तक उपरान्त एकादशी तिथि है।।

नक्षत्र – धनिष्ठा 12:08 PM तक उपरान्त शतभिषा नक्षत्र है।।

योग – शुक्ल 18:51 PM तक उपरान्त ब्रह्म योग है।।

करण – वणिज 05:34 AM तक उपरान्त विष्टि 16:44 PM तक उपरान्त बव करण है।।

चन्द्रमा – मकर राशि पर 00:32 AM तक उपरान्त कुम्भ राशि पर।।

मुम्बई सूर्योदय – प्रातः 06:15:17

मुम्बई सूर्यास्त – सायं 18:57:41

वाराणसी सूर्योदय – प्रातः 05:36:23

वाराणसी सूर्यास्त – सायं 18:24:35

राहुकाल (अशुभ) – दोपहर 12:37 बजे से 14:12 बजे तक।।

विजय मुहूर्त (शुभ) – दोपहर 12:25 बजे से 12:49 बजे तक।।

Panchang 23 April 2025

दशमी तिथि विशेष – दशमी तिथि को कलम्बी एवं परवल का सेवन वर्जित है। दशमी तिथि धर्मिणी और धनदायक तिथि मानी जाती है। यह दशमी तिथि पूर्णा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह दशमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायिनी मानी जाती है। दशमी को धन देनेवाली अर्थात धनदायक तिथि माना जाता है। इस दिन आप धन प्राप्ति हेतु उद्योग करते हैं तो सफलता कि उम्मीदें बढ़ जाती हैं। यह दशमी तिथि धर्म प्रदान करने वाली तिथि भी माना जाता है। अर्थात इस दिन धर्म से संबन्धित कोई बड़े अनुष्ठान वगैरह करने-करवाने से सिद्धि अवश्य मिलती है। इस दशमी तिथि में वाहन खरीदना उत्तम माना जाता है। इस दशमी तिथि को सरकारी कार्यालयों से सम्बन्धित कार्यों को आरम्भ करने के लिये भी अत्यंत शुभ माना जाता है।।

दशमी तिथि के देवता यमराज जी बताये जाते हैं। यमराज दक्षिण दिशा के स्वामी माने जाते हैं। इस दशमी तिथि में यमराज के पूजन करने से जीव अपने समस्त पापों से छुट जाता है। पूजन के उपरान्त क्षमा याचना (प्रार्थना) से जीव नरक कि यातना एवं जीवन के सभी संकटों से मुक्त हो जाता है। इस दशमी तिथि को यम के निमित्ति घर के बाहर दीपदान करना चाहिये, इससे अकाल मृत्यु के योग भी टल जाते हैं।।

दशमी तिथि को जिस व्यक्ति का जन्म होता है, वो लोग देशभक्ति तथा परोपकार के मामले में बड़े तत्पर एवं श्रेष्ठ होते हैं। देश एवं दूसरों के हितों के लिए ये सर्वस्व न्यौछावर करने को भी तत्पर रहते हैं। इस तिथि में जन्म लेनेवाले जातक धर्म-अधर्म के बीच के अन्तर को अच्छी तरह समझते हैं और हमेशा धर्म पर चलने वाले होते हैं।।

Panchang 23 April 2025

धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मे जातकों का गुण एवं स्वभाव:- धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मा जातक सभी गुणों से संपन्न होकर जीवन में सम्मान और प्रतिष्ठा पाता है। आप स्वभाव से बहुत ही नरम दिल एवं संवेदनशील व्यक्ति होते हैं। आप दानी और अध्यात्मिक व्यक्ति हैं परन्तु अपनी इच्छाओं के विरुद्ध जाना आपके बस में नहीं होता है। आपका रवैया अपने प्रियजनों के प्रति बेहद सुरक्षात्मक होता है। परन्तु फिर भी आप दूसरों के लिए जिद्दी और गुस्सैल ही रहते हैं।।

आप एक ज्ञानी व्यक्ति होंगे जो किसी भी आयु में ज्ञान अर्जन करने में संकोच नहीं करेंगे। अपने इसी गुण के कारण आप किसी भी प्रकार के कार्य को निपुणता के साथ पूर्ण करने में सक्षम रहते हैं। आप संवेदनशील तो हैं परन्तु कमज़ोर नहीं हैं। आप मानवता में विश्वास रखने वाले व्यक्ति होंगे जो दूसरों को कडवे वचन कभी नहीं बोल सकते। धनिष्ठा नक्षत्र का जातक कभी विरोध की भावना नहीं रखते परन्तु अपने साथ हुए दुर्व्यवहार को कभी भूलते भी नहीं।।

आप सही समय आने पर अपने तरीके से बदला लेते हैं। अत्यधिक ज्ञान और तीक्ष्ण बुद्धि के कारण आप जीवन में नयी ऊचाईयों को छूते हैं। अधिकतर घनिष्ठा के जातकों को इतिहास या विज्ञान के क्षेत्रों में कार्यरत देखा गया है। रिसर्च और वकालत के क्षेत्रों में आप तरक्की करते हैं। घनिष्ठा नक्षत्र में जन्मे जातक किसी भी बात को छुपा कर रखने में सक्षम होते हैं। यह अपने भेद जल्दी ही किसी को नहीं बताते।।

आप अपने कार्य के प्रति बेहद सजग एवं वफादार होते हैं। अपने जीवन के 24 वर्ष के बाद आपको अपने करियर में स्थिरता मिलेगी। आप अपने कार्य को लगन और निष्ठापूर्वक करने में विश्वास रखते हैं। परन्तु व्यवसायिक कार्यक्षेत्र में अपने अधिनस्त कर्मचारियों से आपको सावधान रहने की आवश्यकता है। धनिष्ठा के जातकों का जीवन बचपन से ही सभी सुख सुविधाओं से परिपूर्ण होता है।।

आप अपने भाई बहनों से बेहद लगाव रखते हैं। समाज और परिवार में आप का स्थान अति सम्मानीय होता है। परन्तु जीवन में कई बार आपको अपने रिश्तेदारों द्वारा परेशानी और रुकावटें झेलनी पड़ती हैं। आपको अपने पूर्वजों की धन सम्पदा भी प्राप्त होती है। आपको अपने जीवन में ससुराल पक्ष से अधिक सहयोग प्राप्त नहीं होता है और न ही आपके सम्बन्ध उनसे मधुर होते हैं। परन्तु एक गुणी एवं सुयोग्य पत्नी के कारण आपका दांपत्य जीवन ठीक चलता है।।

धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मी जातिकाओं को साज श्रृंगार में अधिक रूचि होती है। परन्तु जीवन में धन की कमी को झेलने के कारण इनमें सन्यासियों जैसी प्रवृत्ति जन्म ले लेती है। धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मी जातिकाओं का वैवाहिक जीवन दुःख एवं अनेक प्रकार के कष्टों से भरा होता है। धनिष्ठा नक्षत्र के जातक किसी से भी नहीं घबराते हैं। ऐसे जातकों के हाथ पैर की हड्डी टूटना, रक्तचाप अथवा ह्रदय से सम्बंधित रोग होने की आशंका होती है।।

प्रथम चरण:- धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी ग्रह मंगल है, वहीं इसका राशि स्वामी शनि है। इस धनिष्ठा नक्षत्र के प्रथम चरण का स्वामी सूर्य हैं। धनिष्ठा नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्मा जातक लम्बी आयु वाला होता है। धनिष्ठा नक्षत्र के प्रथम चरण का स्वामी सूर्य शनि का शत्रु है। परन्तु मंगल का मित्र है अतः सूर्य की दशा अशुभ फल देगी शनि की दशा में जातक को उत्तम स्वस्थ्य एवं धन की प्राप्ति होती है। मंगल की दशा में जातक को भौतिक उपलब्धियां प्राप्त होंगी।।

द्वितीय चरण:- धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी ग्रह मंगल है, वहीं इसका राशि स्वामी शनि है। इस धनिष्ठा नक्षत्र के द्वितीय चरण का स्वामी बुध हैं। धनिष्ठा नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्मे जातक की गिनती समाज के विद्वानों में होती है। धनिष्ठा नक्षत्र के द्वितीय चरण का स्वामी बुध शनि का शत्रु है और मंगल का भी शत्रु है। अतः बुध की दशा जातक को अपेक्षित फल नहीं दे पाती परन्तु शनि की दशा उत्तम फलदायी होती है।।

तृतीय चरण:- धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी ग्रह मंगल है, वहीं इसका राशि स्वामी शनि है। इस धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण का स्वामी शुक्र हैं। धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण में जन्मा जातक थोडा डरपोक होता है। धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण का स्वामी शुक्र शनि का शत्रु है और मंगल का भी शत्रु है। अतः शुक्र की दशा जातक को अपेक्षित फल नहीं देगी परन्तु शनि की दशा-अन्तर्दशा उत्तम फलदायी होगी।।

चतुर्थ चरण:- धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी ग्रह मंगल है, वहीं इसका राशि स्वामी शनि है। इस धनिष्ठा नक्षत्र के चतुर्थ चरण का स्वामी मंगल हैं। धनिष्ठा नक्षत्र के चौथे चरण में जन्मा जातक महान नारी का पति होता है। धनिष्ठा नक्षत्र के चौथे चरण का स्वामी मंगल है और नक्षत्र स्वामी भी मंगल है। अतः मंगल की दशा जातक को राजयोग प्रदान करती है। शनि की दशा में जातक को उत्तम स्वस्थ्य एवं धन की प्राप्ति होगी।।

Panchang 23 April 2025

आज बुधवार के दिन यह सावधानी अवश्य रखें:- बुधवार को बालों से संबंधित कोई भी वस्तु न खरीदें, टूथ ब्रश आदि भी नहीं खरीदना चाहिए। बुधवार के दिन दूध की खीर या अन्य कोई व्यंजन जिसमें दूध जलने की संभावना हो नहीं बनाना चाहिए। अगर हो सके तो आज के दिन दूध न उबालें। बुधवार के दिन किसी को उधार पैसे न दें। इससे आपको धन संबंधित परेशानी हो सकती है।।

आज बुधवार के दिन ये विशेष उपाय करें – बुधवार गणपति, गजानन, विघ्नहर्ता श्री गणेशजी का दिन है। इसलिये आज के दिन इनकी पूजा का विशेष महत्त्व होता है। आज के दिन गणपति की पूजा के उपरान्त मोदक, बेशन के लड्डू एवं विशेष रूप से दूर्वादल का भोग लगाना चाहिये इससे मनोकामना की सिद्धि तत्काल होती है।।

अगर आपकी कुण्डली में बुध अच्छा हो तो इन कार्य क्षेत्र में आपको सफलता सहजता से मिल सकती है। बुधवार को भी इन कामों को करना चाहिए। जिससे आपके जीवन में सफलता प्राप्त हो जाएगी।।

ज्योतिष, शेयर, दलाली जैसे कार्यों के लिए भी यह दिन शुभ माना गया है। सिंदूर का तिलक या टीका लगाएं। इस दिन पूर्व, दक्षिण और नैऋत्य दिशा में यात्रा कर सकते हैं। इस दिन धन जमा करने से धन में बरकत होती है। माता दुर्गा के मंदिर जाना चाहिए। इस दिन किसी कन्या को साबुत बादाम भी दान में देना चाहिए।।

बुधवार का विशेष – बुधवार के दिन तेल मर्दन अथवा मालिश करने से माता लक्ष्मी प्रशन्न होती हैं और धनलाभ होता है – (मुहूर्तगणपति)।।
बुधवार को क्षौरकर्म (बाल दाढी अथवा नख काटने या कटवाने) से धन एवं पूण्य का लाभ होता है।। (महाभारत अनुशासनपर्व)।।

दिशाशूल – बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो, यात्रा करनी ही हो तो धनिया, तिल की वस्तु, ईलायची अथवा पिस्ता खाकर यात्रा कर सकते है।।

Panchang 23 April 2025

मित्रों, बुधवार को जन्म लेने वाले व्यक्ति मधुर वाणी बोलने वाले होते हैं। इस तिथि के जातक पठन पाठन में रूचि रखते हैं और ज्ञानी होते हैं। ऐसे लोगों का लेखन में अत्यधिक रूचि होती है और अधिकांशत: इसे अपनी जीवका का साधन भी बना लेते हैं। ये जिस विषय का चयन करते हैं उसके अच्छे जानकार होते हैं। इनके पास धन तो होता है परंतु ऐसे लोग धोखेबाज भी होते हैं।।

ऐसे जातक सामन्य रंग-रूप, बुद्धिमान, लेखक, पत्रकार, प्रकाशक एवं द्विस्वभाव के होते हैं। किसी एक कार्य को न कर अनेक कार्य में जुटे होते हैं। वैसे शान्तिप्रिय रहना इनका स्वभाव होता है। अधिकांशतः मार्केटिंग के क्षेत्र में ऐसे लोगों को उत्तम सफलता मिलती है। बुधवार को जन्म लेने वाले हमेशा असमंजस के शिकार रहते हैं। वह एक समय कई कार्यों पर हाथ आजमाने की कोशिश करते हैं, कई बार सफलता मिल भी जाती है और कई बार गिरते भी हैं।।

इनमें छल-कपट नहीं होता और कई बार तो ये दूसरों की गलतियां खुद पर तक ले लेते हैं। इनको लेखन, पत्रकारिता, प्रकाशन, बैंकिंग और मार्केटिंग के क्षेत्र में अपना किस्मत आजमाना चाहिये। इन क्षेत्रों में इन्हें अच्छी सफलता की संभावना होती है। इनके लिये बुधवार एवं शुक्रवार का दिन भाग्यवर्धक होता है तथा 3 और 6 इनका लकी नम्बर होता है।।

आज का सुविचार – मित्रों, यदि जीवन में लोकप्रिय होना हो तो सबसे ज्यादा “आप” शब्द का, उसके बाद “हम” शब्द का और सबसे कम “मैं” शब्द का प्रयोग करना चाहिए। इस संसार में कोई किसी का हमदर्द नहीं होता, लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पुछ्ते हैं.. और कितना वक़्त लगेगा।।

Panchang 23 April 2025

व्यापार एवं धन प्राप्ति के कुछ अत्यंत प्रभावी टिप्स।।…. आज के इस लेख को पूरा पढने के लिये इस लिंक को क्लिक करें….. वेबसाईट पर पढ़ें:  & ब्लॉग पर पढ़ें:

मकर राशि वालों के मृत्यु का योग।। Makar Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.

“तुला राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी।। Tula Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.

“मिथुन राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी। Mithun Rashi Walo Ki Mrityu.

ज्योतिष के सभी पहलू पर विस्तृत समझाकर बताया गया बहुत सा हमारा विडियो हमारे YouTube के चैनल पर देखें । इस लिंक पर क्लिक करके हमारे सभी विडियोज को देख सकते हैं – Watch YouTube Video’s.

इस तरह की अन्य बहुत सारी जानकारियों, ज्योतिष के बहुत से लेख, टिप्स & ट्रिक्स पढने के लिये हमारे ब्लॉग एवं वेबसाइट पर जायें तथा हमारे फेसबुक पेज को अवश्य लाइक करें, प्लीज – My facebook Page.

Panchang 23 April 2025

वास्तु विजिटिंग के लिये तथा अपनी कुण्डली दिखाकर उचित सलाह लेने एवं अपनी कुण्डली बनवाने अथवा किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति के लिए संपर्क करें।।

किसी भी तरह के पूजा-पाठ, विधी-विधान, ग्रह दोष शान्ति आदि के लिए तथा बड़े से बड़े अनुष्ठान हेतु योग्य एवं विद्वान् ब्राह्मण हमारे यहाँ उपलब्ध हैं।।

सिलवासा ऑफिस:- बालाजी ज्योतिष केन्द्र, गायत्री मंदिर के बाजू में, मेन रोड़, मन्दिर फलिया, आमली, सिलवासा।।

सिलवासा ऑफिस में प्रतिदिन मिलने का समय:-
10:00 AM to 02:00 PM And 04:30 PM to 08:30 PM.

WhatsAap & Call: +91 – 8690 522 111.
E-Mail :: [email protected]

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here