पञ्चांग 29 अक्टूबर 2025 दिन बुधवार।।

Panchang 29 October 2025
Panchang 29 October 2025

बालाजी वेद, वास्तु एवं ज्योतिष केन्द्र।।

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आज का लेख एवं आज का पञ्चांग 29 अक्टूबर 2025 दिन बुधवार।।

मित्रों, तारीख 29 अक्टूबर 2025 दिन बुधवार को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। आज बुधाष्टमी का महान पर्व है, बुधाष्टमी को सूर्यग्रहण के सामान बताया गया है। अर्थात सूर्यग्रहण के समय में जितना जप-तप का फल होता है उससे भी ज्यादा बुधाष्टमी को फल होता है। आज गोपाष्टमी भी है। आज शाम को गायों को अलंकृत करके उनकी यथाविधान पूजा करनी चाहिए। आज जैन लोगों का अष्टाह्निका व्रत भी आरम्भ हो रहा है। आप सभी सनातनियों को “बुधाष्टमी तथा गोपाष्टमी” की हार्दिक शुभकामनायें।।

हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी), आज के योग और आज के करण। आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातकों पर अपनी कृपा बनाए रखें। इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव ही सर्वश्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो। ऐसी मेरी आप सभी आज के अधिष्ठात्री देवों से हार्दिक प्रार्थना है।।

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वैदिक सनातन हिन्दू पञ्चांग, Vedic Sanatan Hindu Panchang पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi), 2:- वार (Day), 3:- नक्षत्र (Nakshatra), 4:- योग (Yog) और 5:- करण (Karan).

पञ्चांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग का श्रवण करते थे। शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है। वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।।

नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापों का नाश होता है। योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है। करण के पठन-श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए नित्य पञ्चांग को देखना, पढ़ना एवं सुनना चाहिए।।

Panchang 29 October 2025

आज का पञ्चांग 29 अक्टूबर 2025 दिन बुधवार।।
Aaj ka Panchang 29 October 2025.

विक्रम संवत् – 2082.

संकल्पादि में प्रयुक्त होनेवाला संवत्सर – कालयुक्त.

शक – 1946.

अयन – याम्यायनम्.

गोल – सौम्य.

ऋतु – शरद.

मास – कार्तिक.

पक्ष – शुक्ल.

गुजराती पंचांग के अनुसार – कार्तिक शुक्ल पक्ष.

Panchang 29 October 2025

तिथि – सप्तमी 06:16 AM बजे तक उपरान्त अष्टमी तिथि है।।

नक्षत्र – उत्तराषाढ़ा 17:30 PM तक उपरान्त श्रवण नक्षत्र है।।

योग – धृति 07:51 AM तक उपरान्त शूल योग है।।

करण – वणिज 06:16 AM तक उपरान्त विष्टि 21:50 PM तक उपरान्त बव करण है।।

चन्द्रमा – मकर राशि पर।।

सूर्य – तुला राशि एवं स्वाति नक्षत्र पर गोचर कर रहे हैं।।

मुम्बई सूर्योदय – प्रातः 06:39:50

मुम्बई सूर्यास्त – सायं 18:03:17

वाराणसी सूर्योदय – प्रातः 06:26:26

वाराणसी सूर्यास्त – सायं 17:34:35

राहुकाल (अशुभ) – दोपहर 12:22 बजे से 13:48 बजे तक।।

विजय मुहूर्त (शुभ) – दोपहर 12:10 बजे से 12:34 बजे तक।।

Panchang 29 October 2025

अष्टमी तिथि विशेष:- अष्टमी तिथि को नारियल त्याज्य बताया गया है। अष्टमी तिथि बलवती अर्थात स्ट्रांग तिथि मानी जाती है। इसका मतलब कोई भी विकट कार्य आज आप कर-करवा सकते हैं। इतना ही नहीं अपितु अष्टमी तिथि व्याधि नाशक तिथि भी मानी जाती है। इसका मतलब आज आप कोई भी भयंकर रोगों के इलाज का प्रयत्न भगवान के नाम के साथ करेंगे-करवाएंगे तो निश्चित लाभ होगा। यह अष्टमी तिथि जया नाम से विख्यात मानी जाती है। यह अष्टमी तिथि शुक्ल पक्ष में मध्यम फलदायिनी मानी जाती है।।

इस अष्टमी तिथि के देवता भगवान शिव भोलेनाथ जी माने जाते हैं। इसलिये इस अष्टमी तिथि को भगवान शिव का दर्शन एवं पूजन अवश्य करना चाहिए। आज अष्टमी तिथि में कच्चा दूध, शहद, काला तिल, बिल्वपत्र एवं पञ्चामृत शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है। घर में कोई रोगी नहीं होता एवं सभी मनोकामनाओं की सिद्धि तत्काल होती है।।

मंगलवार को छोड़कर बाकि अन्य किसी भी दिन की अष्टमी तिथि शुभ मानी गयी है। परन्तु मंगलवार की अष्टमी शुभ नहीं होती। इसलिये इस अष्टमी तिथि में भगवान शिव के पूजन से हर प्रकार की सिद्धियाँ प्राप्त होती है। इस अष्टमी तिथि को अधिकांशतः विष्णु और वैष्णवों का प्राकट्य हुआ है। इसलिये आज अष्टमी तिथि में भगवान शिव और भगवान नारायण दोनों का पूजन एक साथ करके आप अपनी सम्पूर्ण मनोकामनायें पूर्ण कर सकते हैं।।

मित्रों, अष्टमी तिथि को जिस व्यक्ति का जन्म होता है वह व्यक्ति धर्मात्मा होता है। मनुष्यों पर दया करने वाला तथा हरेक प्रकार के गुणों से युक्त गुणवान होता है। ये कठिन से कठिन कार्य को भी अपनी निपुणता से पूरा कर लेते हैं। इस तिथि के जातक सत्य का पालन करने वाले होते हैं यानी सदा सच बोलने की चेष्टा करते हैं। इनके मुख से असत्य तभी निकलता है जबकि किसी मज़बूर को लाभ मिले।।

Panchang 29 October 2025

उत्तराषाढा नक्षत्र के जातकों का गुण एवं स्वभाव:- यदि आपका जन्म उत्तराषाढा नक्षत्र में हुआ है तो आप एक सफल एवं स्वतंत्र व्यक्ति हैं। आप ईश्वर में आस्था रखते हुए जीवन में प्रसन्नता और मैत्री के साथ आगे बढ़ने में विश्वास रखते हैं। विवाह के उपरान्त आपके जीवन में और अधिक सफलता एवं प्रसन्नता आती है। उत्तराषाढा में जन्मा जातक ऊँचे कद और गठीले शरीर के मालिक होते हैं।।

चमकदार आँखे और चौड़ा माथा आपके व्यक्तित्व में चार चाँद लगाते हैं। गौर वर्ण के साथ आपकी आंखे थोड़ी लालिमा लिए हुए होती हैं। आप मृदुभाषी होंगे और सभी से प्रेम पूर्वक व्यवहार आपमें स्वाभाविक ही रहेगी। आप सादी जीवन शैली में विश्वास रखते हैं और अधिक ताम-झाम से दूरी बनाये रखना पसंद करेंगे। धन की अधिकता भी आपके इन विचारों को प्रभावित नहीं करेगी।।

कोमल हृदयी होने के कारण आप कभी भी किसी को हानि पहुंचाने के बारे में नहीं सोच सकते। क्योंकि दूसरों की भलाई करना आपके स्वभाव में ही होगा। नम्र स्वभाव होते हुए भी आप किसी के सामने घुटने नहीं टेकते हैं। और न ही किसी भी प्रकार की कठिनाई आपको हिला सकती है। आपको जीवन में किसी पर भी निर्भरता पसंद नहीं होगा। सकारात्मक और स्थिर सोच के कारण आप अपने जीवन से सम्बंधित अधिकतर निर्णय स्वयं लेंगे।।

आपके लिए हुए निर्णय सही भी होंगे। जलदबाज़ी में निर्णय लेना आपके स्वभाव में नहीं होगा। आप सभी को आदर और सम्मान देना पसंद करेंगे विशेषतः स्त्रियों को। आप अपने विचारों को व्यक्त करने से कभी नहीं हिचकिचायेंगे। किसी के विरोध में भी यदि आपको बोलना हो तो आप अवश्य बोलेंगे परन्तु बेहद विनम्रता के साथ। अपने इसी स्वभाव के कारण आप माफ़ी मांगने से भी नहीं झिझकते।।

बहुत ही कम आयु से अपने ऊपर सभी जिम्मेदारियों के आ जाने के कारण आप कभी-कभी मानसिक अशांति भी महसूस करेंगे। जीवन को हर पहलु से और अधिक सफल बनाने के लिए आप सदैव प्रयासरत रहेंगे। इन्ही प्रयासों में विफल होने पर आप अपने आपको असहाय समझने लगेंगे। परन्तु वास्तविकता में ऐसा नहीं होगा। आप एक सक्षम और जुझारू व्यक्ति होंगे और कठिन से कठिन परिस्तिथियों में से भी निकलने में सक्षम होंगे।।

अपने बौधिक विचारों और सकारात्मक सोच के कारण आप सृजनात्मक और कलात्मक या यूँ कहें विज्ञान और कला दोनों ही क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करेंगे। आपकी इमानदारी, अथक परिश्रम और मजबूत इरादे जीवन में आपको सदैव सफलता दिलायेंगे। रुकावटों के कारण थक कर बैठ जाना आपके स्वभाव में नहीं होगा। अपने कार्यक्षेत्र में आप अपने करीबी सहयोगियों के सन्दर्भ में अति कुशलता एवं सजगता के साथ रहेंगे।।

जीवन के 38वें वर्ष के उपरान्त आप स्थिरता और समृद्धि प्राप्त करेंगे। वैवाहिक जीवन सुखमय और प्रसन्नता से भरा रहेगा। यद्यपि जीवन साथी के स्वास्थ्य के कारण आप परेशान हो सकते हैं। संतान पक्ष से सुख संतोषजनक रहेगा। उत्तराषाढा नक्षत्र में जन्मी स्त्री पतिव्रता एवं मधुर वाणी वाली होती हैं। अतिथियों की आवभगत और सेवा करना इनके स्वभाव में ही होता है।।

उत्तराषाढा नक्षत्र में जन्मा जातक जहाँ रहता है वहां का प्रख्यात व्यक्ति होता है। ऐसे जातकों को घुटने या कूल्हों के जोड़ों से सम्बंधित रोग, सूजन, छाती या फेफड़े का दर्द, अक्समात चोट या जलने की संभावना भी प्रबल होती है।।

प्रथम चरण:- उत्तराषाढ़ा नक्षत्र इक्कीसवाँ नक्षत्र है और इसका स्वामी ग्रह सूर्य है। इस नक्षत्र के प्रथम चरण का स्वामी गुरु हैं। दोनों ग्रह परस्पर मित्र हैं। लग्नेश भी गुरु होने के कारण गुरु ग्रह का प्रभाव अधिक है। इस नक्षत्र में जन्मा जातक राजा तुल्य ऐश्वर्यशाली एवं पराक्रमी होगा। गुरु की दशा में जातक का सर्वांगीण विकास होगा और सूर्य की दशा अन्तर्दशा में जातक का प्रबल भाग्योदय होगा।।

द्वितीय चरण:- उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी ग्रह सूर्य है। इस द्वितीय चरण का स्वामी शनि हैं। उत्तराषाढा के दुसरे चरण में जन्मा जातक आजीवन अपने मित्रों का विरोध सहता है। लग्नेश शनि सूर्य का शत्रु है अतः शनि की दशा धनदायक होगी। परन्तु सूर्य की दशा अशुभ फलदायक होगी। लग्नेश शनि की दशा भी अपेक्षित लाभ नहीं देगी।।

तृतीय चरण:- उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी ग्रह सूर्य है। इस तृतीय चरण का स्वामी भी शनि हैं। उत्तराषाढा के तीसरे चरण में जन्मा जातक अपने जीवन में सदैव मान सम्मान चाहने वाला होता है। शनि लग्नेश भी है अतः लग्नेश शनि की दशा उत्तम फल देगी। शनि की दशा आपके लिए उन्नतिदायक एवं धनदायक होगी। परन्तु सूर्य की दशा अशुभ फलदायक होगी।।

चतुर्थ चरण:- उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी ग्रह सूर्य है। इसके चतुर्थ चरण का स्वामी बृहस्पति हैं। उत्तराषाढा के चौथे चरण में जन्मा जातक स्वभाव से धार्मिक एवं आध्यात्मिकता में रूचि रखने वाला होता है। उत्तराषाढा के चौथे चरण का स्वामी बृहस्पति है जो लग्नेश शनि का शत्रु है। परन्तु लग्न नक्षत्र स्वामी सूर्य का मित्र है। अतः सूर्य और बृहस्पति की दशा समान्य रहेगी और शनि की दशा लाभप्रद रहेगी।।

Panchang 29 October 2025

आज बुधवार के दिन यह सावधानी अवश्य रखें:- बुधवार को बालों से संबंधित कोई भी वस्तु न खरीदें, टूथ ब्रश आदि भी नहीं खरीदना चाहिए। बुधवार के दिन दूध की खीर या अन्य कोई व्यंजन जिसमें दूध जलने की संभावना हो नहीं बनाना चाहिए। अगर हो सके तो आज के दिन दूध न उबालें। बुधवार के दिन किसी को उधार पैसे न दें। इससे आपको धन संबंधित परेशानी हो सकती है।।

आज बुधवार के दिन ये विशेष उपाय करें – बुधवार गणपति, गजानन, विघ्नहर्ता श्री गणेशजी का दिन है। इसलिये आज के दिन इनकी पूजा का विशेष महत्त्व होता है। आज के दिन गणपति की पूजा के उपरान्त मोदक, बेशन के लड्डू एवं विशेष रूप से दूर्वादल का भोग लगाना चाहिये इससे मनोकामना की सिद्धि तत्काल होती है।।

अगर आपकी कुण्डली में बुध अच्छा हो तो इन कार्य क्षेत्र में आपको सफलता सहजता से मिल सकती है। बुधवार को भी इन कामों को करना चाहिए। जिससे आपके जीवन में सफलता प्राप्त हो जाएगी।।

ज्योतिष, शेयर, दलाली जैसे कार्यों के लिए भी यह दिन शुभ माना गया है। सिंदूर का तिलक या टीका लगाएं। इस दिन पूर्व, दक्षिण और नैऋत्य दिशा में यात्रा कर सकते हैं। इस दिन धन जमा करने से धन में बरकत होती है। माता दुर्गा के मंदिर जाना चाहिए। इस दिन किसी कन्या को साबुत बादाम भी दान में देना चाहिए।।

बुधवार का विशेष – बुधवार के दिन तेल मर्दन अथवा मालिश करने से माता लक्ष्मी प्रशन्न होती हैं और धनलाभ होता है – (मुहूर्तगणपति)।।

बुधवार को क्षौरकर्म (बाल दाढी अथवा नख काटने या कटवाने) से धन एवं पूण्य का लाभ होता है।। (महाभारत अनुशासनपर्व)।।
दिशाशूल – बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो, यात्रा करनी ही हो तो धनिया, तिल की वस्तु, ईलायची अथवा पिस्ता खाकर यात्रा कर सकते है।।
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मित्रों, बुधवार को जन्म लेने वाले व्यक्ति मधुर वाणी बोलने वाले होते हैं। इस तिथि के जातक पठन पाठन में रूचि रखते हैं और ज्ञानी होते हैं। ऐसे लोगों का लेखन में अत्यधिक रूचि होती है और अधिकांशत: इसे अपनी जीवका का साधन भी बना लेते हैं। ये जिस विषय का चयन करते हैं उसके अच्छे जानकार होते हैं। इनके पास धन तो होता है परंतु ऐसे लोग धोखेबाज भी होते हैं।।

ऐसे जातक सामन्य रंग-रूप, बुद्धिमान, लेखक, पत्रकार, प्रकाशक एवं द्विस्वभाव के होते हैं। किसी एक कार्य को न कर अनेक कार्य में जुटे होते हैं। वैसे शान्तिप्रिय रहना इनका स्वभाव होता है। अधिकांशतः मार्केटिंग के क्षेत्र में ऐसे लोगों को उत्तम सफलता मिलती है। बुधवार को जन्म लेने वाले हमेशा असमंजस के शिकार रहते हैं। वह एक समय कई कार्यों पर हाथ आजमाने की कोशिश करते हैं, कई बार सफलता मिल भी जाती है और कई बार गिरते भी हैं।।

इनमें छल-कपट नहीं होता और कई बार तो ये दूसरों की गलतियां खुद पर तक ले लेते हैं। इनको लेखन, पत्रकारिता, प्रकाशन, बैंकिंग और मार्केटिंग के क्षेत्र में अपना किस्मत आजमाना चाहिये। इन क्षेत्रों में इन्हें अच्छी सफलता की संभावना होती है। इनके लिये बुधवार एवं शुक्रवार का दिन भाग्यवर्धक होता है तथा 3 और 6 इनका लकी नम्बर होता है।।

आज का सुविचार – मित्रों, यदि जीवन में लोकप्रिय होना हो तो सबसे ज्यादा “आप” शब्द का, उसके बाद “हम” शब्द का और सबसे कम “मैं” शब्द का प्रयोग करना चाहिए। इस संसार में कोई किसी का हमदर्द नहीं होता, लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पुछ्ते हैं.. और कितना वक़्त लगेगा।।

Panchang 29 October 2025

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मकर राशि वालों के मृत्यु का योग।। Makar Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.

“तुला राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी।। Tula Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.

“मिथुन राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी। Mithun Rashi Walo Ki Mrityu.

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