दीपावली 2025 पूजन का सर्वोत्तम मुहूर्त एवं पुजा विधि।। Diwali 2025 Date time Subh Muhurat:
मित्रों, इस वर्ष दीपों का पर्व दीपावली (Deepawali) दिनांक 20 अक्टूबर 2025 दिन सोमवार को है। दीपावली का पूजन प्रदोष काल और स्थिर लग्न में करना सर्वोत्तम होता है। वृषभ, सिंह, वृश्चिक तथा कुम्भ लग्न को स्थिर लग्न माना गया है। आज 20 अक्टूबर 2024 को हस्त उपरान्त चित्रा नक्षत्र सायंकाल 20:17 PM बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर को रात्री 10:02 PM बजे तक है।।
प्रदोष काल का समय गृहस्थ एवं व्यापारियों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त माना जाता है। प्रदोष काल अर्थात दिन और रात्रि का संयोग काल। दिन भगवान विष्णु का प्रतीक है और रात्रि माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। धर्म सिंधु के अनुसार प्रदोष काल अमावस्या निहित दीपावली पूजन को सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है।।
दिपावली पूजन का “शुभ मुहूर्त “।।
दिपावली के दिन “लाभ” अमृत” और चल योग सायंकाल 15:18 PM से शुरू होकर 19:45 PM तक रहेगा। इस समय व्यापार एवं धन वृद्धि के लिए किया गया पूजन सफल होता है। अगर आप धनतेरस के दिन वाहन और दूसरी पसंदीदा चीजों की खरीदारी नहीं कर पाते हैं तो इस समय के दौरान भी खरीदारी करना शुभ रहेगा।।
दिपावली 2025 पूजन का शुभ मुहूर्त।। Muhurat of Laxmi Puja and Vidhi:
प्रदोष काल का समय:- सायं 19:09 बजे से रात 20:19 PM तक। इस मुहूर्त में एक सबसे अच्छी बात यह है, कि इसमें स्थिर लग्न वृषभ भी मिल जा रहा है। वृष लग्न 19:12 से 21:08 तक है और प्रदोष भी है, इन दोनों के मिल जाने से यह दीपावली पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त बन जाता है।।
वृष लग्न:- दीपावली पूजन वृषभ लग्न जो की स्थिर लग्न भी माना जाता है, में करना श्रेयस्कर माना जाता है। व्ययसाय से जुड़े लोगों को अपने प्रतिष्ठान में इसी समय में पूजन करवाना चाहिये। वृषभ लग्न 19:12 से 21:08 तक रहेगा। निशीथ काल:- 23.41 से 24.39 तक रहेगा। यह मुहूर्त व्यापारियों के लिए बहुत अच्छा होता है। इसमें 23.41 से 24.39 तक पूजन का विशेष शुभ मुहूर्त है।।
महानिशीथ काल:- 23:18 मिनट से 24:09 तक। सिंह लग्न रात्रि 01:40 से 03:58 बजे तक है। गृहस्थ प्रदोष काल में पूजन करें। व्यापारी प्रदोष और वृष लग्न में दीपावली पूजन करें तो सर्वोत्तम होता है। छात्र प्रदोष काल में पूजन करें। आई टी, मीडिया, फ़िल्म, टी वी इंडस्ट्री, मैनेजमेंट और जॉब करने वाले शुक्र प्रधान जातक वृषभ लग्न में पूजन करें।।
सरकारी सेवा के लोग अधिकारी और न्यायिक सेवा के लोग भी वृष लग्न में ही पूजन करें। तांत्रिक महानिशीथ काल में पूजन करें। चौघड़िया मुहूर्त में भी किसी विशेष लाभ हेतु पूजा कर सकते हैं। सायंकाल “लाभ” अमृत” और चल योग सायंकाल 15:18 PM से शुरू होकर 19:45 PM बजे तक चौघड़िया रहेगी। राजनीति में सफलता प्राप्ति हेतु अमावस्या की रात्रि के महानिशीथ काल में विधि-विधान पूर्वक तांत्रिक पूजन करवायें या करें।।
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