प्रशासनिक अधिकारी बनने के योग।।

Bhagwan Shri Ram
administrative officers yoga

प्रशासनिक अधिकारी बनने के योग, आपकी कुण्डली में हैं या नहीं ।। administrative officers yoga.

हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz. Astro Classes, Silvassa.

मित्रों, हमारे दादाजी कहते थे कि सूर्य सभी ग्रहों का राजा होता है और सुबह उठकर स्नानादि से निवृत्त हो सर्वप्रथम जो व्यक्ति सूर्य को सूर्यार्घ देता है उसे कभी किसी ग्रह की बुरी दशा नहीं सताती ।।

साथ ही सूर्य की कृपा जिस व्यक्ति पर बनी रहे वो व्यक्ति सरकारी सर्विस में उच्चाधिकारी बनता है । सूर्य अगर राजा है तो गुरु को ज्ञान का कारक एवं मंगल को बल का प्रतिक माना गया है ।।

मुख्य रुप से प्रशासनिक प्रतियोगिताओं में सफलता और उच्च पद प्राप्ति में इन्हीं तीनों ग्रहों की भूमिका मानी गयी है, ये ज्योतिष शास्त्र का अकाट्य सिद्धांत है ।।

प्रशाशनिक अधिकारी बनना अर्थात् जनता की सेवा, और इसमें तो फिर शनिदेव महत्वपूर्ण हो जाते हैं । क्योकि शनिदेव पब्लिक और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच सामंजस्य बैठाने का काम करते हैं ।।

अगर जन्म कुण्डली में बुध की स्थिति अच्छी हो तो जातक अपने बुद्धि तथा अपने दिमाग से अच्छे से अच्छी स्थिति को प्राप्त कर ही लेता है ।।

मित्रों, मंगल व्यक्ति को साहस, पराक्रम एवं जोश देता है । जो किसी भी कार्य की सफलता में आवश्यक होता है । इसलिए प्रशाशनिक अधिकारी बनने के लिये आपकी कुण्डली में मंगल उच्च का तथा पूर्ण बलवान होना चाहिए ।।

उच्चाधिकारी बनने हेतु उच्च शिक्षा की आवश्यकता होती है । जिसे कुण्डली से जानने के लिए काफी मसक्कत करनी पड़ती है । लेकिन गुरु, बुध एवं पंचम भाव को गहराई से देखकर व्यक्ति के शिक्षा के स्तर को जाना जा सकता है ।।

मित्रों, इसके लिए जातक का गुरु, बुध एवं पंचम भाव मजबूत होना चाहिए । हम कभी-कभी देखते हैं, की कोई बच्चा वैसे तो पढने में काफी होशियार होता है । लेकिन परीक्षा हॉल में बैठते ही सब भूल जाता है ।।

बच्चे तो बच्चे बड़े होने पर भी जो लोग आई. ए. एस. आई. पी. एस. और लोक सेवा आयोग जैसे क्षेत्र में उच्च पद की प्राप्ति हेतु उच्च से उच्च परीक्षा हॉल में बैठते हैं, तो उनके साथ भी ऐसा ही होता देखा जाता है ।।

इसका कारण है उचित समय पर दिमाग का न चलना । और ये लग्नेश की दुर्बल स्थिति के वजह से होता है । उच्चाधिकारी बनने के लिए किसी भी जातक की कुण्डली में लग्न, लग्नेश, दशम भाव तथा दशमेश का कुण्डली में बेहतर होना आवश्यक होता है ।।

मित्रों, किसी भी क्षेत्र में ऊँचाई तक पहुँचने के लिए पराक्रम, साहस, बुद्धि, विद्या, पुरे लगन से किया गया मेहनत, समर्पण और एकाग्रता होनी आवश्यक होती है, जिससे सफलता की उंचाईयों को छूना संभव हो जाता है ।।

अच्छे ग्रहों की दशा व्यक्ति की कुण्डली में नौकरी पाने की उम्र में आये तो सफलता मिलने की संभावनाएं और अधिक बढ़ जाती है । व्यक्ति को आई.ए.एस. बनने के लिये दशम, पंचम, तीसरे एवं लग्न भाव के स्वामी की दशा अच्छी मानी गयी है ।।

फ्रेण्ड्स, ज्योतिष के कुछ सूत्र आपलोगों को बताता हूँ, की ग्रहों कि किस प्रकार की स्थिति प्रशाशन में उच्चाधिकारी बनवाते हैं ।।

यदि प्रथम भाव एवं एकादश का स्वामी नवम भाव में हो या दशम भाव के स्वामी से युति बना रहा हो अथवा देखा जा रहा हो तो व्यक्ति के प्रशासनिक अधिकारी बनने की अच्छी संभावना बनती है ।।

पंचम भाव में कर्क का गुरु अथवा अच्छी स्थिति में शुक्र हो तथा उसपर शुभ ग्रहों का प्रभाव हो एवं सूर्य भी अच्छी स्थिति में हो तो व्यक्ति इन्ही ग्रहों की दशाओं में प्रशासनिक अधिकारी के पद को सहज ही प्राप्त कर लेता है ।।

मित्रों, अगर किसी कुण्डली में ये ग्रह स्वग्रही, उच्च, या फिर वर्गोतम आदि स्थिति में हों अथवा केन्द्र में बैठे हो । तथा ये ग्रह किसी भी प्रकार पूर्ण बलवान हों, या तीसरे एवं एकादश घरों में भी हों तो व्यक्ति को अपने जीवन काल में काफी उंचाई तक जाने का मौका मिलता है ।।

इस स्थिति में व्यक्ति को सुन्दर, मनचाही एवं बाधा रहित नौकरी मिलती है । इसलिये ऐसे ग्रहों की नवांश स्थिति भी देखनी चाहिए ।।

लग्नेश और दशमेश स्वग्रही या उच्च के होकर केन्द्र या त्रिकोण में बैठे हों तथा गुरु उच्च का या स्वग्रही हो तो भी ऐसे जातक के प्रशासनिक अधिकारी बनने की प्रबल संभावना बनती है ।।

मित्रों, किसी भी केन्द्र अथवा लग्न में सूर्य, और बुध हों एवं गुरु की शुभ दृ्ष्टि इन पर हो तो जातक प्रशासनिक सेवा में उच्च पद प्राप्त करने में सफल होता है ।।

मित्रों, कुछ ऐसे टिप्स बताता हूँ, जिसे अपना कर, कर लेने से प्रशासन में उच्चाधिकारी बनने के राह आसन हो जाते हैं । लोटे के जल में कुमकुम या लाल चन्दन मिलाकर भगवान सूर्य को नित्य ही सूर्यार्घ दें ।।

सूर्य और मंगल की उपासना करें, इनके वैदिक मन्त्रों का जप निश्चित संख्यानुसार करें अथवा वैदिक ब्राह्मणों से करवाएं । किसी भी शिव मंदिर में प्रतिदिन सौभाग्य द्रब्य अर्थात जैसे – अबीर-गुलाल आदि चढ़ाये ।।

मित्रों, सुन्दर काण्ड का पाठ करने एवं करवाने से अवश्य ही उपरोक्त तीनों ग्रह शुभ फल देने को बाध्य हो जाते हैं । और वैसे भी हनुमान जी से उच्च पद पर कौन था ? अर्थात हनुमान जी स्वयं पूर्ण समर्थ हैं, उच्चाधिकारी बनवाने में ।।

हमारे पूर्वजों एवं ज्योतिषियों का मानना है, कि अपने साथ एक ताम्बे का सिक्का अथवा एक गुलाब का फुल रखने से भी इन ग्रहों का शुभ फल प्राप्त होता है, जिससे लक्ष्य की प्राप्ति सम्भव है ।।

जिन्हें इस प्रकार की कोई आकांक्षा मन में हो, उन्हें लगभग सवा पाँच कैरेट का मानिक स्वर्ण में जड़वाकर रविवार के दिन शुभ मुहूर्त में धारण करना चाहिए ।।

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।।। नारायण नारायण ।।।

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  1. Can I qualify UPSC EXAM now?
    Date: 10 April 1997
    Time: 0605 am
    Place: Gurgaon
    Please send details on my Gmail.
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