अनिष्ट शुक्र गुप्त रोगदायक एवं प्रेम सुख में बाधक होता है, ऐसे इसे ठीक करें ।। Anisht Shukra fal And Upay.
हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,
मित्रों, ज्योतिष विज्ञान के अनुसार शुक्र ग्रह की अनुकूलता से व्यक्ति भौतिक सुख पाता है । इसके अलावा शुक्र यौन अंगों और वीर्य का कारक भी माना जाता है । विवाह तय करने के पहले कुण्डली मिलान के समय ही इन योगायोगों पर अवश्य ही दॄष्टिपात कर लेना चाहिए ।।
यदि शुक्र के साथ लग्नेश, चतुर्थेश, नवमेश, दशमेश अथवा पंचमेश की युति हो तो दांपत्य सुख यानि यौन सुख में वॄद्धि हो जाती है । अगर आप किसी से प्रेम करते हैं और उससे प्रेम विवाह करना चाहते हैं तो आपको यह उपाय करना है ।।
करना ये है, कि भगवान विष्णु और लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर के सम्मुख, शुक्ल पक्ष में गुरूवार से शुरू करें । “ॐ श्री लक्ष्मीनारायणाभ्याम् नम:” इस मंत्र का रोज तीन माला जप, स्फटिक माला या कमलगट्टे की माला से करें ।।
तीन महीने तक हर गुरूवार मंदिर में प्रसाद चढ़ाएं और विवाह हो जाने की प्रार्थना करें । मनोवंछित फल आपको अवश्य प्राप्त होगा । परन्तु कुण्डली में शुक्र के अनिष्ट में होने पर यह उपाय करें ।।
किसी जातक के कुण्डली के गोचर में शुक्र अशुभ हो तथा कुण्डली में पहले, छठे एवं नौवें भाव में स्थित हो तो चर्म रोग, स्वप्न दोष, धोखा, हाथ की अंगूठी आदि निष्क्रिय होने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं ।।
इसके लिए यह उपाय करें । 43 दिनों तक किसी गंदे नाले में नीले फूल डालें । स्त्रियों का सम्मान करें और इत्र लगाएं । दही का दान करें और साफ सुथरे रहें तथा अपने बिस्तर की चादर को सिलवट रहित रखें ।।
मित्रों, यदि आपकी जन्म कुण्डली में शुक्र अशुभ हो तो जातक को लकवा, गुप्तांगो में रोग और कमजोरी देता है । ऐसा शुक्र शरीर में खून की कमी, पथरी तथा मूत्राशय सम्बन्धी रोग इत्यादि देता है ।।
इसको ठीक करने के लिये आप दान में चावल, सफ़ेद वस्त्र, दूध, दही, सफ़ेद चन्दन, सुगन्धित द्रव्य और इत्र तथा ओपल इत्यादि का दान कर सकते हैं । दान आप शुक्रवार के दिन करें और शुक्र का मन्त्र “ऊं द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:” का प्रतिदिन एक माला जप करें ।।
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