ग्रहों का वाणी पर दु:ष्प्रभाव, परिणाम एवं उपाय।।

Grahon ka Vani Par Prabhav
Grahon ka Vani Par Prabhav

बिगडैल जुबान अथवा अनियन्त्रित वाणी, ग्रह दोष एवं उसका सरल उपाय ।। Grahon ke Shubhashubh Prabhav Se Vani Me Dosh.

बिगडैल जुबान, ग्रह दोष एवं उपाय।। Grahon ka Vani Par Prabhav.

हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,

मित्रों, मनुष्य कि वाणी उसके जीवन को बनाने और बिगड़ने में बहुत बड़ा रोल निभाती है । किसी भी इंसान की वाणी को अथवा आवाज को सुनकर जातक के ग्रहों के शुभाशुभ प्रभाव को जाना जा सकता है ।।

जातक किस ग्रह के प्रभाव में ज्यादा है ये वाणी द्वारा जानकर उस ग्रह के उपाय बताये जा सकते हैं । वाणी पर राहु, केतु और शनि का प्रभाव हो तो वाणी कर्कश होती है ।।

परन्तु शनि का बहुत खराब प्रभाव हो तो जातक गाली-गलौच भी करता है । इसके वजह से वह सब जगह आलोचना का पात्र बनता है । मंगल और केतु का योग वाणी में झगडे का पुट देते हैं ।।

ऐसे जातकों के भाषा में हिंसा झलकती है । मंगल के प्रभाव से व्यक्ति बहुत जोर लगाकर बोलता है । ऐसे में उसका प्रायः सभी से झगड़ा होते ही रहता है ।।

सूर्य और बुध का प्रभाव वाणी पर हो तो जातक गुस्सा न करके तर्क-वितर्क ज्यादा करता है । अगर सूर्य पर गुरु, चन्द्रमा का शुभ प्रभाव हो तो जातक कि वाणी को जनता सुनेगी।।

ऐसे लोगों कि वाणी में सौम्यता होगी, आत्मविश्वास होगा । चंद्रमा का प्रभाव वाणी पर हो तो जातक कम बोलता है और अपने मन की बात खुलकर नहीं कहता ।।

इसके साथ ही यदि मंगल का भी प्रभाव साथ में आ जाये तो जातक सबसे अलग-थलग रहता है । परिवारिक आयोजनों में भी शामिल नहीं होना चाहता । वाणी पर शुभ बुध का प्रभाव हो तो जातक खुशमिजाज होता है ।।

ऐसा जातक सुस्पष्ट शब्दों में तर्क संगत बात करता है । लेकिन अगर बुध कमजोर या पीड़ित हो तो जातक हकलायेगा, जल्दी-जल्दी बोलेगा और मुँह बिगाड़कर बोलेगा ।।

गुरु के प्रभाव से जातक धीरे-धीरे बोलेगा, वाणी में सौम्यता और नम्रता होगी । अगर गुरु अशुभ हो तो गला हमेशा कफ से भरा रहेगा । शुक्र के पराभव से जातक बहुत सुंदर शब्द बोलेगा ।।

ऐसा व्यक्ति ऐसी वाणी बोलता है, कि खुद भी शीतल रहे और औरों को भी शीतल करे । वाणी एक अमोल है, जो कोई बोले जानी । हिय तराजू तौली के, तब मुख बाहर आनी ।।

इसका उपाय यदि ज्योतिषीय परिपेक्ष्य में देखें तो इसके लिये हमें दूसरा भाव या भावेश तथा उसके नक्षत्र स्वामी को मजबूत करना होगा । अगर क्रूर ग्रह का प्रभाव हो तो उसकी शांति के उपाय करना चाहिये ।।

मिटटी के बर्तन में उड़द डालें, सरसों का तेल डालकर काले कपडे से ढक दें और प्रभावित व्यक्ति के सर से सात बार वारकर किसी निर्जन स्थान में दबाकर तुरंत वापस आ जाएँ। इन उपायों से वाणी का दोष समाप्त हो जाता है।।

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