हस्तरेखा के अनुसार आपकी शिक्षा कितनी हो सकती है।। Hastrekha Me education.
हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,
मित्रों, हमारे हाथ में कुछ ऐसी रेखाएं होती हैं, जो मुख्य रेखाएं तो नहीं होतीं परंतु वे बहुत ही महत्वपूर्ण रेखाएं होती हैं । यह रेखाएं हाथ में स्वतंत्र रूप से किसी भी रेखा की सहायक बनकर अपना प्रभाव बनाए रखती हैं ।।
यह रेखाएं प्रायः कुछ के हाथों में नहीं होतीं । जैसे कि “विद्या रेखा” यह रेखा मध्यमा तथा अनामिका अंगुलियों के बीच में पाई जाती है । यह सूर्य पर्वत क्षेत्र की ओर झुकती हुई खड़ी होती है ।।
जिन व्यक्तियों के हाथ में ऐसी रेखा होती है, वे निर्धन परिवार में जन्म लेकर भी श्रेष्ठ विद्या प्राप्त करने में सफल होते हैं । ऐसे व्यक्ति ज्ञानवान और बुद्धिमान होते हैं ।।
ऐसे लोगों का सभ्य समाज में भी आदर होता है तथा अपनी बुद्धि के बल पर पूर्ण सफलता प्राप्त करने में सक्षम होते हैं । विद्या रेखा का हमारे जीवन में बहुत ही ज्यादा महत्व होता है । इस विद्या रेखा से ही पता चलता है, कि हम कितनी ऊँची शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे ।।
हमारी पढ़ाई कितना होगी या कितना नही ? क्या हमारी पढ़ाई पूरी होगी ? तमाम सवाल इस रेखा में छिपे होते है । विद्या रेखा का प्रारंभ हाथ में अनामिका एवं मध्यमा उंगली के बीच से होता है । कहा जाये तो शनि की ऊँगली और सूर्य की ऊँगली के बीच से होता है ।।
इस रेखा का जुकाव हल्का सा अनामिका उंगली की तरफ होता है । यह रेखा उच्च एवं अच्छी शिक्षा प्राप्ति का प्रतिक माना जाता है । जिन जातको के हाथों में यह रेखा होती है वे जातक पूर्ण एवं उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं ।।
परन्तु जिन जातकों के हाथ में विद्या रेखा पर क्रॉस का चिन्ह होता है । ये जातक जीवन में कितनी ही बार फेल होते हैं । विद्या रेखा पर काला निसान होना भी पढ़ाई के क्षेत्र में नाकामयाबी को दर्शाता है ।।
कुछ हाथो में विद्या रेखा होती ही नहीं है । ऐसे में उन जातको की पढ़ाई का आकलन अन्य रेखा अथवा पर्वत के आधार पर किया जाता है । जैसे गुरु पर्वत, चन्द्रमा का क्षेत्र एवं सफलता अथवा भाग्य रेखा को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है ।।
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