दूसरा “क़ुलिक” कालसर्प योग ।।

Kulik Namak KaalSarpa Dosha

दूसरा “क़ुलिक” कालसर्प योग ।। 2.Kulik Namak KaalSarpa Dosha

इस दोष के कारण जातक को अपयश का भी भागी बनना पड़ता है । इस योग की वजह से जातक की पढ़ाई-लिखाई सामान्य गति से चलती है और उसका वैवाहिक जीवन भी सामान्य ही रहता है । परंतु आर्थिक परेशानियों की वजह से उसके वैवाहिक जीवन में भी जहर घुल जाता है ।।

कालसर्प दोष के सभी भेदों में से दुसरे ”कुलिक नामक कालसर्प दोष” को उदाहरण सहित एवं कुंडली प्रस्तुत करते हुए समझाने का प्रयास कर रहे है शायद आपलोगों को अच्छी तरह समझ में आये ।।

राहु दूसरे घर में हो और केतु अष्टम स्थान में हो और सभी ग्रह इन दोनों ग्रहों के बीच में हो तो कुलिक नाम कालसर्प योग बनता है ।।

Kulik Namak KaalSarpa Dosha

इस दोष के कारण जातक को अपयश का भी भागी बनना पड़ता है । इस योग की वजह से जातक की पढ़ाई-लिखाई सामान्य गति से चलती है और उसका वैवाहिक जीवन भी सामान्य ही रहता है । परंतु आर्थिक परेशानियों की वजह से उसके वैवाहिक जीवन में भी जहर घुल जाता है ।।

मित्रों द्वारा धोखा, संतान सुख में बाधा और व्यवसाय में संघर्ष कभी उसका पीछा नहीं छोड़ते । जातक का स्वभाव भी विकृत हो जाता है । मानसिक असंतुलन और शारीरिक व्याधियां झेलते-झेलते वह समय से पहले ही बूढ़ा हो जाता है । उसके उत्साह व पराक्रम में निरंतगिरावट आती जाती है । उसका कठिन परिश्रमी स्वभाव उसे सफलता के शिखर पर भी पहुंचा देता है ।।

परन्तु ऐसे जातकों को इस योग से होनेवाली परेशानियों के वजह से काफी दुःख झेलना पड़ता है । इसकी वजह से होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए निम्नलिखित उपायों को करना चाहिए ।।

दोष निवारण के कुछ सरल उपाय:-

१.सरस्वती जी की एक वर्ष तक विधिवत उपासना करें ।।

२.देवदारु, सरसों तथा लोहवान को उबालकर उस पानी से सवा महीने तक स्नान करें ।।

३.शुभ मुहूर्त में बहते पानी में कोयला तीन बार प्रवाहित करें ।।

४.कालसर्पदोष निवारक यंत्र घर में स्थापित करके उसका नियमित पूजन करें ।।

५.नाग के जोड़े चांदी के बनवाकर उन्हें तांबे के लौटे में रखकर बहते पानी में एक बार प्रवाहित कर दें ।।

६.प्रतिदिन स्नानोपरांत नवनागस्तोत्र का पाठ करें ।।

Kulik Namak KaalSarpa Dosha

७.शनिवार से शुरू करके शनिवार के अन्दर ही हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करें और ग्यारह नारियल हनुमान जी के मंदिर में दान करें ।।

८.श्रावण मास में 30 दिनों तक महादेव का अभिषेक कर शिवलिंग पर शहद का लेप करके ”ॐ नम: शिवाय” का सुविधानुसार जप करें ।।

इस प्रकार के उपाय से इस दोष से छुटकारा मिलता है और जीवन में सुख-शान्ति, व्यवसाय में उन्नति होती है ।।

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।।। नारायण नारायण ।।।

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