कुण्डली मिलान में बृहस्पति की भूमिका।।

Kundali Milan Me Guru
Kundali Milan Me Guru

वर-बधू की कुण्डली मिलान में बृहस्पति ग्रह की भूमिका।। Kundali Milan Me Guru Ki Bhumika.

हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,

मित्रों, जब भी आप किसी जोड़े की कुण्डली मिलान करें या गुण मिलान करें तो गुरु को अवश्य ध्यान से देखें । गहराई से गुरु की स्थिति का अध्ययन करना आवश्यक होता है ।।

सर्वप्रथम यह देखें की यदि कन्या धर्मपरायण है और वर विपरित प्रवृति का है तो भी बैमनस्य उत्पन्न हो सकता है । अत दोनों की कुण्डलियों में नवम भाव में बृहस्पति ग्रह की स्थिति और बल दोनों का अध्ययन ध्यान से करें ।।

क्योंकि गुरु यदि नवम भाव में हो तो ऐसी स्थिति में उसका गहराई से अवलोकन करना अति आवश्यक हो जाता है । विवाह के उपरांत संतान की कामना भी स्वभाविक होती है ।।

बृहस्पति ग्रह को एक स्त्री की कुण्डली में उसके संतान का कारक ग्रह माना जाता है । यदि वर का यह पक्ष दुर्बल हो तो फिर कन्या का भी दुर्बल होना चाहिए ।।

क्योंकि पति-पत्नि के आपसी रिश्तों की मजबूरी का कारण शुक्र तथा व्ययेश ग्रह माना जाता है । इस पक्ष के गहन विश्लेषण की आवश्यकता आज के युग में अति महत्वपूर्ण हो गया है ।।

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