माणिक्य रत्न की विशेषताएँ एवं फायदे।।

Manikya Ratna Ke Fayade
Manikya Ratna Ke Fayade

माणिक्य रत्न की विशेषताएँ एवं फायदे।। Manikya Ratna Ke Fayade.

हैल्लो फ्रेंड्सzzzzz…

हमारे जीवन में नौ रत्नों का बहुत महत्व है। इनको धारण करने से हम अपने भाग्य के रास्ते की बाधा को काफी हद तक दूर करने में सक्षम हो सकते है। माणिक्य का लाल रंग की आभा लिये होता है। यह अन्य रंगों जैसे गुलाबी, काला और नीले रंग में भी पाया जाता है तथा यह अत्यंत कड़क होता है। पृथ्वी पर पाये जाने वाले खनिजों में सिर्फ हीरा ही इससे कठोर होता है।।

जिस माणिक्य पर सूर्य की पहली किरण पड़ते ही लाल रंग बिखेरने लगे वह सर्वोत्तम माना जाता है। उत्तम माणिक्य की पहचान है कि अगर इसे दूध में 100 बार डुबोते हैं तो दूध मे भी माणिक्य की आभा दिखने लगती है। अंधेरे कमरे में रखने पर यह सूर्य के समान प्रकाशमान होता है। इसे पत्थर पर रगड़े तो इस पर घर्षण के निशान आ जाते हैं लेकिन वजन में कमी नहीं आती है।।

इस रत्न को व्यक्ति विशेष के लिए सूर्य की शुभाशुभ स्थिति जानकर ही माणिक धारण करने की सलाह दी जाती है। जिनकी कुण्डली में सूर्य लाभप्रद और प्रभावशाली हो, उन्हें माणिक धारण करना चाहिए। लेकिन जिन्हें सूर्य से कष्ट हो उन्हें संपूर्ण कुंडली का अध्ययन करके एवं जांच – परख करके ही माणिक धारण करना चाहिए। सूर्य की लाभप्रद महादशा में माणिक धारण करना चाहिए तथा हानिप्रद महादशा में सलाह लेकर धारण करना चाहिए।।

विभिन्न लग्न-राशि में सूर्य की शुभाशुभ स्थिति के सापेक्ष माणिक धारण करने की सलाह दी जाती है। मेष लग्न – राशि के लिए सूर्य पंचमेश तथा लग्नेश मंगल का मित्र है, इसलिये माणिक धारण करना लाभप्रद होता है। वृष लग्न – राशि के लिये सूर्य चतुर्थेश है। लेकिन लग्नेश शुक्र का शत्रु भी है, इसलिये जांच – परख कर माणिक धारण करें। मिथुन के लिए तृतीयेश सूर्य, माणिक ठीक नहीं कहा जा सकता।।

कर्क के लिए लग्नेश का मित्र, लेकिन सूर्य द्वितीयेश, जांच – परख कर धारण करें। सिंह के लिए उत्तम। कन्या, तुला, मकर, कुंभ आदि के लिए आमतौर पर हानिप्रद ही माना जाता है।।

माणिक्य:- सूर्य रत्न माणिक्य सूर्य के शुभ फल प्राप्ति हेतु धारण किया जाता है। माणिक्य का अधिक मूल्यवान रंग वह होता है, जो कबूतर के रक्त के समान हो। बर्मा का माणिक्य अपना विशिष्ट स्थान रखता है। विभिन्न स्थानों से प्राप्त माणिक्य के रंगों में भी अंतर होता है। बर्मा से प्राप्त माणिक्य का रंग और जगह से प्राप्त माणिक्य से कम गहरा होता है।।

श्री लंका से प्राप्त माणिक्य के रंगों में कुछ पीलापन होता है। सबसे उत्तम जाति के माणिक्य उत्तरी बर्मा के मोगोल नामक स्थान से प्राप्त होते है। माणिक्य की और भी बहुत से गुण और विशेषताएं हैं, जो मैं आपलोगों को आगे बताने का प्रयास करूँगा।।

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1 COMMENT

  1. हैलो सर , मेरा नाम राजू गुप्ता हे , आपने आपनी वेबसाईट पे माणिक्य रत्न की कुछ नई जानकारी प्रदान की हे | बहुत बहुत धन्यवाद गुरु जी |

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