पञ्चांग 02 मई 2025 दिन शुक्रवार।।

Panchang 02 May 2025
Panchang 02 May 2025

बालाजी वेद, वास्तु एवं ज्योतिष केन्द्र।।

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आज का लेख एवं आज का पञ्चांग 02 मई 2025 दिन शुक्रवार।।

मित्रों, तारीख 02 मई 2025 दिन शुक्रवार को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पञ्चमी तिथि है। आज आदि जगद्गुरु श्रीशंकराचार्य जी की जन्म जयन्ती है। आज सूरदास जी की भी जन्म जयन्ती है। आज रवियोग भी है। आज सर्वार्थसिद्धि योग भी है। आप सभी सनातनियों को “आदि जगद्गुरु श्रीशंकराचार्य जी एवं सूरदास जी के जन्म जयन्ती” की हार्दिक शुभकामनायें।।

हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी), आज के योग और आज के करण। आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातकों पर अपनी कृपा बनाए रखें। इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव ही सर्वश्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो। ऐसी मेरी आप सभी आज के अधिष्ठात्री देवों से हार्दिक प्रार्थना है।।

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वैदिक सनातन हिन्दू पञ्चांग, Vedic Sanatan Hindu Panchang पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi), 2:- वार (Day), 3:- नक्षत्र (Nakshatra), 4:- योग (Yog) और 5:- करण (Karan).

पञ्चांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग का श्रवण करते थे। शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है। वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।।

नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापों का नाश होता है। योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है। करण के पठन-श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए नित्य पञ्चांग को देखना, पढ़ना एवं सुनना चाहिए।।

Panchang 02 May 2025

आज का पञ्चांग 02 मई 2025 दिन शुक्रवार।।
Aaj ka Panchang 02 May 2025.

विक्रम संवत् – 2082.

संकल्पादि में प्रयुक्त होनेवाला संवत्सर – कालयुक्त.

शक – 1946.

अयन – उत्तरायण.

गोल – दक्षिण.

ऋतु – बसन्त.

मास – वैशाख.

पक्ष – शुक्ल.

गुजराती पंचांग के अनुसार – वैशाख शुक्ल पक्ष.

Panchang 02 May 2025

तिथि – पञ्चमी 09:16 AM बजे तक उपरान्त षष्ठी तिथि है।।

नक्षत्र – आर्द्रा 13:05 PM तक उपरान्त पुनर्वसु नक्षत्र है।।

योग – सुकर्मा 05:39 AM तक उपरान्त धृति योग है।।

करण – बालव 09:16 AM तक उपरान्त कौलव 20:28 PM तक उपरान्त तैतिल करण है।।

चन्द्रमा – मिथुन राशि पर।।

सूर्य – मेष राशि एवं भरणी नक्षत्र पर गोचर कर रहे हैं।।

मुम्बई सूर्योदय – प्रातः 06:09:27

मुम्बई सूर्यास्त – सायं 19:00:50

वाराणसी सूर्योदय – प्रातः 05:30:39

वाराणसी सूर्यास्त – सायं 18:30:26

राहुकाल (अशुभ) – सुबह 10:59 बजे से 12:36 बजे तक।।

विजय मुहूर्त (शुभ) – दोपहर 12.23 बजे से 12.47 बजे तक।।

Panchang 02 May 2025

पञ्चमी तिथि विशेष – पञ्चमी तिथि को बिल्वफल त्याज्य बताया गया है। पञ्चमी तिथि को खट्टी वस्तुओं का दान और भक्षण दोनों ही त्याज्य है। पञ्चमी तिथि धनप्रद अर्थात धन देनेवाली तिथि मानी जाती है। यह पञ्चमी तिथि अत्यंत शुभ तिथि भी मानी जाती है। इस पञ्चमी तिथि के स्वामी नागराज वासुकी हैं। यह पञ्चमी तिथि पूर्णा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह पञ्चमी तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ और कृष्ण पक्ष में शुभ फलदायीनी मानी जाती है।।

इस पञ्चमी तिथि में शिव जी का पूजन सभी कामनाओं की पूर्ति करता है। आज पञ्चमी तिथि में नाग देवता का पूजन करके उन्हें बहती नदी में प्रवाहित करने से भय और कष्ट आदि की सहज ही निवृत्ति हो जाती है। ऐसा करने से यहाँ तक की कालसर्प दोष तक की शान्ति हो जाती है। अगर भूतकाल में किसी की मृत्यु सर्पदंश से हुई हो तो उसके नाम से सर्प पूजन से उसकी भी मुक्ति तक हो जाती है।।

मित्रों, पञ्चमी तिथि बहुत ही शुभ मानी जाती है। इस तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति गुणवान होता है। इस तिथि में जिस व्यक्ति का जन्म होता है वह माता पिता की सेवा को ही सर्वश्रेष्ठ धर्म समझता है। इनके व्यवहार में उत्तम श्रेणी का एक सामाजिक व्यक्ति दिखाई देता है। इनके स्वभाव में उदारता और दानशीलता स्पष्ट दिखाई देती है। ये हर प्रकार के सांसारिक भोग का आनन्द लेते हैं और धन धान्य से परिपूर्ण जीवन का आनंद उठाते हैं।।

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आर्द्रा नक्षत्र के जातकों का गुण एवं स्वभाव:- यदि आपका जन्म आर्द्रा नक्षत्र में हुआ है तो आपकी रूचि अध्ययन में बहुत अधिक होगी। आप सदैव ही अपने आस-पास की घटनाओं के बारे में जागरूक रहते हैं। किताबों से विशेष लगाव आपकी पहचान है। एक और विशेषता जो की आर्दा नक्षत्र में पैदा हुए जातकों में अक्सर देखी गयी है वह है उनकी व्यापार करने की समझ। अपनी तीक्ष्ण व्यापारिक बुद्धि के कारण आप व्यापार क्षेत्र में शीघ्र ही सफलता की उचाईयों को छू लेने में सक्षम होते है।।

आपमें भविष्य में घटित होने वाली घटनाओं का पूर्वाभास करने की अजब क्षमता होती है। दूसरों की मन की बात भी आप आसानी से भांप लेते हैं। इसलिए जीवन में धोखा खाने की संभावनाएं कम ही रहती है। मीठी और रसीली बातें आपके व्यवहार में होती हैं। इसलिए व्यापारिक संस्थाओं में अधिकतर जनसंपर्क के पद के लिए आपको चुना जाता है। परन्तु कड़े अनुशासन में रहना आप के बस की बात नहीं होती है।।

जहाँ आपसे किसी के दिल की बात छुपी नहीं रहती वहीँ आप अपने दिल की बात की किसी की भनक भी नहीं लगने देते। आप एक अन्तर्मुखी व्यक्ति होंगे जो शीघ्र ही किसी के सामने आपने दिल की बात नहीं रखते। कभी-कभी आप रहस्यवादी बन जाते हैं जिसके मन की थाह पाना बहुत कठिन होता है। आप दिमाग से अधिक दिल की सुनने वाले व्यक्ति हैं।।

आप अक्सर सुनते सभी की हैं परन्तु करते केवल अपने मन की हैं। इस कारण आपको कभी-कभी नुकसान भी उठाना पड़ जाता है। आप धन खर्च करने से पहले सोच विचार नहीं करते इस कारण जीवन में अधिकतर आप धन की कमी महसूस करते हैं। आर्द्रा नक्षत्र में जन्मे जातक स्वभाव से क्रोधी एवं अभिमानी होते हैं। आर्द्रा नक्षत्र में जन्मे जातकों को अस्थमा, दमा एवं डिप्थेरिया जैसी बीमारियों के शिकार होते हैं।।

प्रथम चरण:- आर्द्रा नक्षत्र का स्वामी ग्रह राहू को माना जाता है। राहू की दशा 18 वर्ष की होती हैं। इसके प्रथम चरण का स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं। राहु और बृहस्पति की युति के कारण गुरु चंडाल योग बनता है। अतः इस योग में जन्मा जातक बहुत धन खर्च करने वाला व्ययी होता है। लग्नेश बुध की दशा अति उत्तम फल देगी तथा आपका भाग्योदय बृहस्पति की दशा में होगा।।

द्वितीय चरण:- आर्द्रा नक्षत्र का स्वामी ग्रह राहू को माना जाता है। राहू की दशा 18 वर्ष की होती हैं। इसके द्वितीय चरण का स्वामी ग्रह शनि हैं। जो स्वल्प धनि है, राहु भी स्वलप धनि है अतः दोनों के योग के कारण जातक अपने जीवन काल में दरिद्रता का शिकार हो जाता है। लग्नेश बुध की दशा अति उत्तम फल देगी तथा आपका भाग्योदय बृहस्पति और शनि की दशा में होगा।।

तृतीय चरण:- आर्द्रा नक्षत्र का स्वामी ग्रह राहू को माना जाता है। राहू की दशा 18 वर्ष की होती हैं। इसके तृतीय चरण का स्वामी ग्रह भी शनि हैं। शास्त्रों के अनुसार आर्दा नक्षत्र के तीसरे चरण में जन्मे जातकों की आयु सामान्यतः कम होती है। लग्नेश बुध की दशा अति उत्तम फल देगी। राहु भी शुभ फल देगा। तथा शनि की दशा में जातक का भाग्योदय होगा।।

चतुर्थ चरण:- आर्द्रा नक्षत्र का स्वामी ग्रह राहू को माना जाता है। राहू की दशा 18 वर्ष की होती हैं। इसके चतुर्थ चरण का स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं। राहु और बृहस्पति की युति के कारण गुरु चंडाल योग बनता है। अतः इस योग में जन्मे जातक में चोरी करने की आदत पड़ जाती है। लग्नेश बुध की दशा अति उत्तम फल देगी। राहु भी शुभ फल देगा।।

Panchang 02 May 2025
शुक्रवार का विशेष – शुक्रवार के दिन तेल मर्दन अर्थात तेल शरीर में मालिश करने से बिघ्न बाधायें आती हैं – (मुहूर्तगणपति)।।
शुक्रवार को क्षौरकर्म (बाल दाढी अथवा नख काटने या कटवाने) से लाभ और यश की प्राप्ति होती है । (महाभारत अनुशासनपर्व)।।
दिशाशूल – शुक्रवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो दही खाकर यात्रा कर सकते है।।

शुक्र के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए यह उपाय करना चाहिए। शुक्र की अशुभता दूर करने के लिए अपने सामर्थ्य के अनुसार रुई और दही किसी मंदिर में दान करना चाहिए। किसी भी स्त्री एवं अपनी पत्नी का भी कभी भी अपमान या निरादर नहीं करना चाहिए। उन्हें सदैव आदर और सम्मान देने का प्रयास करना चाहिए।।

शुक्रवार को सफ़ेद वस्त्र धारण करना चाहिए। इत्र एवं परफ्यूम लगाने से अशुभ शुक्र का दु:ष्प्रभाव दूर होता है। किसी नेत्रहीन व्यक्ति को सफ़ेद वस्त्र या मिठाई दान करने से अशुभ शुक्र का दु:ष्प्रभाव दूर होता है। दश वर्ष से कम आयु की कुवांरी कन्याओं को गाय के दूध से बने खीर खिलाने से अशुभ शुक्र का दु:ष्प्रभाव दूर होता है। मछलियों को आटे की गोलियां खिलाने से अशुभ शुक्र का दु:ष्प्रभाव दूर होता है। चाँदी का कड़ा पहनने एवं श्रीसूक्त का पाठ करने से अशुभ शुक्र का दु:ष्प्रभाव दूर होता है।।

शुक्रवार का विशेष टिप्स – मित्रों, आज शुक्रवार को दक्षिणावर्ती शंख से भगवान नारायण (शालिग्राम भगवान) का अभिषेक करें। यथोपचार से पूजन करें और पूजन के उपरान्त अथवा मध्य में ही श्वेत चन्दन में केशर मिलाकर भगवान को श्रद्धापूर्वक तिलक लगायें। शुक्रवार को इस प्रकार किया गया भगवान नारायण का पूजन माता महालक्ष्मी को बलात आपके घर की ओर खिंच लाता है। आज लक्ष्मी घर में आयें इसके लिये घर के ईशान कोण में देशी गाय के घी से रुई के जगह लाल धागे की बत्ती का एक दीपक जलायें।।

Panchang 02 May 2025

शुक्रवार को भूलकर भी ये काम न करें:- हमारे वैदिक सनातन धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता का होता है। जिसके अनुसार शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी का होता है। शुक्रवार के दिन जो भक्त मां लक्ष्मी की पूजा विधिपूर्वक करते हैं, उन्हें संसार के सभी सुखों की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में लक्ष्मी मां को धन की देवी माना गया है। मान्यता अनुसार शुक्रवार के दिन माँ की पूजा-आराधना करने से उनका आशीर्वाद सदैव बना रहता है।।

लेकिन इस दिन कुछ काम जिसे कभी भूलकर भी नहीं करना चाहिए। दैनिक जीवन में भी कुछ ऐसे काम होते हैं, जैसे भूलकर भी कभी किसी को भी शुक्रवार के दिन धन ना दें और ना ही उधार लें। मान्यता है, कि शुक्रवार के दिन दिया गया धन वापस लौटकर नहीं आता है। इसदिन किसी को कर्ज देने से मां लक्ष्मी नाराज होती हैं और संबंध भी खराब होते हैं।।

वैसे तो आपको कभी किसी का अपमान नहीं करना चाहिए, लेकिन शुक्रवार के दिन इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस दिन भूलकर भी महिलाओं, कन्याओं और किन्नरों का अपमान नहीं करना चाहिए। उनके बारे में अपशब्द नहीं बोलने चाहिए। महिलाओं में मां लक्ष्मी का वास होता है और उनके अपमान करने से मां लक्ष्मी भी नाराज हो जाती हैं।।

शुक्रवार के दिन अगर आप व्रत-पूजन नहीं भी करते हैं तो तामसिक भोजन खासतौर पर मांसाहार और मदिरा के सेवन से परहेज रखना चाहिए। इस दिन पूर्ण सात्विक भोजन करना चाहिए। अगर संभव हो सके तो इसको आप अपनी आदत भी बना लें।।

शुक्रवार के दिन भूलकर भी किसी को भी शक्कर नहीं देनी चाहिए। क्योंकि ज्योतिष में शक्कर का संबंध शुक्र और चंद्र दोनो से हैं। इसलिए शुक्रवार के दिन शक्कर देने से आपका शुक्र कमजोर होता है और शुक्र भौतिक सुखों का स्वामी है। शुक्र के नाराज होने से भौतिक सुख-सुवधिओं में कमी आती है और आर्थिक स्थिति भी खराब होती है।।

शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी के साथ नारायण की भी पूजा करनी चाहिए। लक्ष्मी के साथ नारायण की पूजा करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और दोनों का आशीर्वाद भी बना रहता है। अगर संभव हो सके तो सुबह या शाम किसी भी एक समय मीठा घर में जरूर बनाना चाहिए और उसको सबसे पहले घर की सबसे बड़ी स्त्री को देना चाहिए।।

शुक्रवार के दिन किसी से अपशब्दन न बोलें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी आप से अप्रसन्नम हो जाती हैं और फिर आपके साथ धन संबंधी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। घर में अपव्यमय बढ़ जाता है। लोग बीमार रहने लगते हैं। व्या पार धंधे में नुकसान होने लगता है।

साफ-सुथरे रसोईघर में मां लक्ष्मी का वास होता है। इससे घर में वैभव और सुख-शांति का प्रवाह निरंतर होता रहता है। भूलकर भी रात के समय किचन में गंदे बर्तन छोड़ना चाहिए, इससे लक्ष्मी माता रूठ जाती है और घर में अशांति फैल जाती है। साथ ही स्वास्थ्य के खराब रहने की आशंका बनी रहती है।।

Panchang 02 May 2025

मित्रों, जिस व्यक्ति का जन्म शुक्रवार को होता है वह व्यक्ति चंचल स्वभाव का होता है। ये सांसारिक सुखों में लिप्त रहने वाले होते हैं तथा तर्क करने में निपुण और नैतिकता में बढ़ चढ कर होते हैं। ऐसे लोग धनवान और कामदेव के गुणों से प्रभावित रहते हैं और इनकी बुद्धि अत्यन्त तीक्ष्ण होती है। ये ईश्वर की सत्ता में अंधविश्वास नहीं रखते हैं तथा कला के प्रति रूचि रखने वाले, सुन्दर एवं आकर्षक व्यक्तित्व के धनी होते हैं।।

ऐसे लोग सौंदर्यप्रेमी, मधुरभाषी, यात्राओं के शौकिन, सुंदर स्थानों पर घुमने वाले एवं कलाकार स्वभाव के होते हैं। इनमें सेक्स की भावना अन्यों के मुकाबले अधिक होती है। सुन्दर कपडे़ पहनने के शौकिन तथा आभूषण अर्थात ज्वेलरी प्रिय होते हैं। इनको अपना कैरियर पर्यटन से जुडे क्षेत्र, फैशन डिजायनर, कलाकार, सेक्स विशेषज्ञ, मनोचिकित्सक अथवा ज्वेलरी से सम्बन्धित व्यदवसायों में आजमाना चाहिये। इनका शुभ अंक 7 होता है तथा इनका शुभ दिन बुधवार और शुक्रवार होता है।।

आज का सुविचार – मित्रों, अगर कोई आपको नीचा दिखाना चाहता हैं तो इसका मतलब हैं आप उससे ऊपर हैं। जिनमें आत्मविश्वास की कमी होती हैं वही दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं। मुझे कौन याद करेगा इस भरी दुनिया में, हे प्रभु! बिना मतल़ब के तो लोग तुझे भी याद नही करते।।

Panchang 02 May 2025

विवाह में हो रहे विलम्ब के लिये इन साधारण उपायों से अपने जीवन को रसमय बनायें।।…. आज के इस लेख को पूरा पढने के लिये इस लिंक को क्लिक करें….. वेबसाईट पर पढ़ें:  & ब्लॉग पर पढ़ें:

मकर राशि वालों के मृत्यु का योग।। Makar Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.

“तुला राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी।। Tula Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.

“मिथुन राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी। Mithun Rashi Walo Ki Mrityu.

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