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आज का लेख एवं आज का पञ्चांग 04 अगस्त 2025 दिन सोमवार।।
मित्रों, तारीख 04 अगस्त 2025 दिन सोमवार को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष कि दशमी तिथि है। आज श्रावण सोमवार का पावन व्रत भी है। आज का सोमवार व्रत करने से प्रदोष व्रत के समान फल की प्राप्ति होती है। आज प्रदोषकाल में झूलन यात्रा आरम्भ होती है। आज रवियोग एवं सर्वार्थसिद्धियोग भी है। ये बहुत ही शुभ संकेत है। आज यदि शिव मन्दिर में जाकर किसी विशिष्ट कामना के लिए पूजन करें तो अवश्य ही उस कामना की पूर्ति होगी। अथवा आज आंवला, बिल्ववृक्ष एवं पीपल के वृक्ष के मूल में शुद्ध देशी गाय के घी का दीपक जलाएं तो भी कामना पूर्ति अवश्य होगी। अथवा यदि किसी की जन्म पत्रिका में ग्रह दोष हो तो कम-से-कम रुद्राभिषेक तो अवश्य ही करवाना चाहिये। आप सभी सनातनियों को “झूलन यात्रा एवं श्रावण सोमवार के पावन व्रत” की हार्दिक शुभकामनायें।।
हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी), आज के योग और आज के करण। आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातकों पर अपनी कृपा बनाए रखें। इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव ही सर्वश्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो। ऐसी मेरी आप सभी आज के अधिष्ठात्री देवों से हार्दिक प्रार्थना है।।
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वैदिक सनातन हिन्दू पञ्चांग, Vedic Sanatan Hindu Panchang पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi), 2:- वार (Day), 3:- नक्षत्र (Nakshatra), 4:- योग (Yog) और 5:- करण (Karan).
पञ्चांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग का श्रवण करते थे। शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है। वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापों का नाश होता है। योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है। करण के पठन-श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए नित्य पञ्चांग को देखना, पढ़ना एवं सुनना चाहिए।।
आज का पञ्चांग 04 अगस्त 2025 दिन सोमवार।।
Aaj ka Panchang 04 August 2025.
विक्रम संवत् – 2082.
संकल्पादि में प्रयुक्त होनेवाला संवत्सर – कालयुक्त.
शक – 1946.
अयन – सौम्यायनम्.
गोल – सौम्य.
ऋतु – वर्षा.
मास – श्रावण.
पक्ष – शुक्ल.
गुजराती पंचांग के अनुसार – श्रावण शुक्ल पक्ष.
Panchang 04 August 2025
तिथि – दशमी 11:43 AM बजे तक उपरान्त एकादशी तिथि है।।
नक्षत्र – अनुराधा 09:13 AM तक उपरान्त ज्येष्ठा नक्षत्र है।।
योग – ब्रह्म 07:05 AM तक उपरान्त ऐन्द्र योग है।।
करण – गर 11:42 AM तक उपरान्त वणिज करण है।।
चन्द्रमा – वृश्चिक राशि पर।।
सूर्य – कर्क राशि एवं आश्लेषा नक्षत्र पर गोचर कर रहे हैं।।
मुम्बई सूर्योदय – प्रातः 06:15:36
मुम्बई सूर्यास्त – सायं 19:12:23
वाराणसी सूर्योदय – प्रातः 05:26:41
वाराणसी सूर्यास्त – सायं 06:34:37
राहुकाल (अशुभ) – सुबह 07:53 बजे से 09:30 बजे तक।।
विजय (शुभ) मुहूर्त – दोपहर 12.32 बजे से 12.56 बजे तक।।
Panchang 04 August 2025
दशमी तिथि विशेष – दशमी तिथि को कलम्बी एवं परवल का सेवन वर्जित है। दशमी तिथि धर्मिणी और धनदायक तिथि मानी जाती है। यह दशमी तिथि पूर्णा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह दशमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायिनी मानी जाती है। दशमी को धन देनेवाली अर्थात धनदायक तिथि माना जाता है। इस दिन आप धन प्राप्ति हेतु उद्योग करते हैं तो सफलता कि उम्मीदें बढ़ जाती हैं। यह दशमी तिथि धर्म प्रदान करने वाली तिथि भी माना जाता है। अर्थात इस दिन धर्म से संबन्धित कोई बड़े अनुष्ठान वगैरह करने-करवाने से सिद्धि अवश्य मिलती है। इस दशमी तिथि में वाहन खरीदना उत्तम माना जाता है। इस दशमी तिथि को सरकारी कार्यालयों से सम्बन्धित कार्यों को आरम्भ करने के लिये भी अत्यंत शुभ माना जाता है।।
दशमी तिथि के देवता यमराज जी बताये जाते हैं। यमराज दक्षिण दिशा के स्वामी माने जाते हैं। इस दशमी तिथि में यमराज के पूजन करने से जीव अपने समस्त पापों से छुट जाता है। पूजन के उपरान्त क्षमा याचना (प्रार्थना) से जीव नरक कि यातना एवं जीवन के सभी संकटों से मुक्त हो जाता है। इस दशमी तिथि को यम के निमित्ति घर के बाहर दीपदान करना चाहिये, इससे अकाल मृत्यु के योग भी टल जाते हैं।।
दशमी तिथि को जिस व्यक्ति का जन्म होता है, वो लोग देशभक्ति तथा परोपकार के मामले में बड़े तत्पर एवं श्रेष्ठ होते हैं। देश एवं दूसरों के हितों के लिए ये सर्वस्व न्यौछावर करने को भी तत्पर रहते हैं। इस तिथि में जन्म लेनेवाले जातक धर्म-अधर्म के बीच के अन्तर को अच्छी तरह समझते हैं और हमेशा धर्म पर चलने वाले होते हैं।।
Panchang 04 August 2025
अनुराधा नक्षत्र के जातकों का गुण एवं स्वभाव:- यदि आपका जन्म अनुराधा नक्षत्र में हुआ है तो आपका अधिकाँश जीवन विदेशों में ही बीतेगा। परन्तु अच्छी बात यह है, कि विदेशों में रहकर आप अधिक धन कमाएंगे और समाज में मान सम्मान प्राप्त करेंगे। आप बहुत साहसी एवं कर्मठ व्यक्तित्व के स्वामी होंगे। परिस्थितियों की मार के सामने आप झुकने वालों में से नहीं होंगे। आप चुपचाप बिना रुके और बिना थके निरंतर आगे बढ़ते ही रहेंगे।।
आप बहुत दृढ इच्छाशक्ति एवं तीक्ष्ण बुद्धि के मालिक हैं। अनुराधा नक्षत्र में जन्मा जातक भ्रमणशील प्रवृत्ति का होता है। आप खाने पीने के बहुत अधिक शौक़ीन होंगे। इसलिए अधिकतर समय आप स्वादिष्ट व्यंजनों की ही खोज में रहेंगे। सब कुछ होते हुए भी जीवन में कभी-कभी ऐसा समय भी आएगा की आप धन की कमी महसूस करेंगे। जन्म स्थान से पृथक होने का दुःख भी यदा-कदा सताता रहेगा।।
परन्तु आप बहुत मेहनती होंगे और शारीरिक श्रम से कभी नहीं घबरायेंगे। इसलिए बहुत जल्द ही घटनाओं से उबरने की कोशिश करते है। अनुराधा नक्षत्र में जन्मी महिलाएं भी खाने की बेहद शौक़ीन होती हैं। साथ ही सामान्य से अधिक भोजन करने और पचाने में सक्षम होती है। स्वभाव से भ्रमणशील परन्तु झगडालू प्रवृत्ति होने के कारण कभी कभी क्रूरतापूर्वक व्यवहार भी करती हैं।।
अनुराधा नक्षत्र में जन्मी महिलाओं के सुंदर बाल उनकी पहचान के संकेत हैं। अनुराधा नक्षत्र में जन्मा जातक पेट और गले से सम्बंधित रोग से ग्रसित होता है। अनुराधा नक्षत्र में जन्मी स्त्रियों में मासिक धर्म से जुडी समस्याएं ज्यादातर देखी गयी है।।
प्रथम चरण:- अनुराधा नक्षत्र के प्रथम चरण का स्वामी सूर्य होता है। इस नक्षत्र चरण में जन्मा जातक उतावले स्वभाव का होता है। सूर्य लग्न स्वामी मंगल का मित्र है। परन्तु लग्न नक्षत्र स्वामी का शत्रु है। अतः सूर्य की दशा मिश्रित फल देगी। शनि की दशा में भौतिक रूप से उन्नति होगी। लग्नेश मंगल की दशा अत्यंत शुभ फल देगी।।
द्वितीय चरण:- अनुराधा नक्षत्र के द्वितीय चरण का स्वामी बुध होता है। इस नक्षत्र में जन्मा जातक धार्मिक स्वभाव का होता है। बुध लग्न स्वामी मंगल का शत्रु ग्रह है। बुध में शनि का अंतर एवं शनि में बुध का अंतर शुभ फलदायी होगा। परन्तु शनि में मंगल या मंगल में शनि का अंतर अशुभ फल देनेवाला होता है। मंगल की दशा में ऐसा जातक उन्नति ही करता है।।
तृतीय चरण:- अनुराधा नक्षत्र के तृतीय चरण का स्वामी शुक्र होता है। इस नक्षत्र चरण में जन्मा जातक दीर्घायु प्राप्त करता है। अनुराधा नक्षत्र के तीसरे चरण का स्वामी शुक्र है जो शनि का शत्रु है परन्तु मंगल का मित्र है। फलतः शुक्र की दशा माध्यम फलदायी होगी। शनि की दशा में पराक्रम बढेगा तथा भौतिक उपलब्धियों की प्राप्ति होगी। मंगल की दशा अत्यंत उत्तम फल देनेवाली होती है।।
चतुर्थ चरण:- अनुराधा नक्षत्र के चतुर्थ चरण का स्वामी मंगल होता है। इस नक्षत्र चरण में जन्मा जातक प्रायः नपुंसक होता है। अनुराधा नक्षत्र के चौथे चरण का स्वामी मंगल है तथा लग्न स्वामी भी मंगल है। अतः मंगल की दशा-अन्तर्दशा जातक को उत्तम फल देती है। शनि की दशा माध्यम फल देगी क्योंकि शनि और मंगल में शत्रुता है।।
Panchang 04 August 2025
सामान्यतया सोमवार शॉपिंग के लिए अच्छा दिन माना जाता है।।
सोमवार का विशेष – सोमवार के दिन तेल मर्दन अर्थात् तेल मालिश करने से चहरे और शरीर की कान्ति बढ़ती है – (मुहूर्तगणपति)।।
सोमवार को क्षौरकर्म (बाल दाढी अथवा नख काटने या कटवाने) से शिव भक्ति की हानि होती है। पुत्रवान पिता को तो कदापि नहीं करना चाहिये। (महाभारत अनुशासनपर्व)।।
दिशाशूल – सोमवार को पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो कोई दर्पण देखकर घर से प्रस्थान कर सकते है।।
सोमवार के दिन ये विशेष उपाय करें – सोमवार को भगवान शिव का दर्शन एवं पूजन अवश्य करना चाहिए। कच्चा दूध, शहद, काला तिल, बिल्वपत्र एवं पञ्चामृत शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है घर में कोई रोगी नहीं होता एवं सभी मनोकामनाओं की सिद्धि तत्काल होती है।।
Panchang 04 August 2025
मित्रों, जिस व्यक्ति का जन्म सोमवार को होता है, वो जातक शांत प्रवृत्ति के गौर वर्ण लिए हुये होते हैं। सोमवार चन्द्र प्रधान दिन होता है, इसलिये इस जातक में कल्पनाशीलता, दया भाव, नम्रता के गुण परिलक्षित होते हैं। माता के प्रिय एवं सद्गुणों से युक्त ये जातक कवि ह्रदय, सफेद वस्तुओं से लाभ पाने वाला, यात्रा का शौकीन, जलाशयों एवं प्रकृति का प्रेमी होता है।।
सोमवार को जन्म लेने वाला व्यक्ति बुद्धिमान होता है। इनकी प्रकृति यानी इनका स्वभाव शान्त होता है। इनकी वाणी मधुर और मोहित करने वाली होती है। ये स्थिर स्वभाव वाले होते हैं सुख हो या दु:ख सभी स्थिति में ये समान रहते हैं। धन के मामले में भी ये भाग्यशाली होते हैं तथा इन्हें सरकार एवं समाज से मान-सम्मान मिलता है।।
इस दिन जन्म लेने वाले जातक को पर्यावरण के क्षेत्र में, समुद्र विज्ञान के क्षेत्र में, पानी से जुड़े रोजगार जैसे मत्य् क पालन या मछली का व्यवसाय, पत्थरों का व्यवसाय, कपड़े का व्यंवसाय शुद्ध फलता है। इनके लिए सफेद रंग सदा शुभकारी होता है इसलिए कैरियर के लिहाज से आप जहां भी जायें सफेद रुमाल अपनी जेब में रखें और उस क्षेत्र को ही चुने जिसमें सफेद रंग की प्रधानता हो, जैसे पानी, कपड़ा, फूल, पत्थयर आदि से जुड़ा व्यवसाय।।
आज का सुविचार – मित्रों, जीना हैं, तो उस दीपक की तरह जियो जो बादशाह के महल में भी उतनी ही रोशनी देता हैं जितनी किसी गरीब की झोपड़ी में। जो भाग्य में हैं वह भाग कर आयेगा और जो भाग्य में नही हैं वह आकर भी भाग जायेगा। हँसते रहो तो दुनिया साथ हैं, वरना आँसुओं को तो आँखो में भी जगह नही मिलती।।
Panchang 04 August 2025
चन्द्रमा द्वारा निर्मित कुछ अतुलनीय धनदायक योग।।…… आज के इस पुरे लेख को पढ़ने के लिये इस लिंक को क्लिक करें…. वेबसाईट पर पढ़ें: & ब्लॉग पर पढ़ें:
ॐ अथ शिवप्रातः स्मरणस्तोत्रम् – यहाँ क्लिक करें और पढ़ें:
“मकर राशि वालों के मृत्यु का योग।। Makar Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.
“तुला राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी।। Tula Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.
“मिथुन राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी। Mithun Rashi Walo Ki Mrityu.
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Panchang 04 August 2025
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