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आज का लेख एवं आज का पञ्चांग 06 अगस्त 2025 दिन बुधवार।।
मित्रों, तारीख 06 अगस्त 2025 दिन बुधवार को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। तो जैसा कि आप सभी जानते हैं, कि तारीख 05 अगस्त 2025 दिन मंगलवार को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत थी। जिसका आरम्भ 04 अगस्त को दिन में 11:42 AM बजे दोपहर को हुआ था। और यह एकादशी तिथि 05 अगस्त दोपहर के 13:13 PM बजे तक थी। तो आज 06 अगस्त को श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण किया जायेगा। तो चलिए श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत के पारण का निर्णय देखते हैं। आज 06 अगस्त 2025 को पारण का समय सुबह 06:16 AM से 08:51 AM बजे तक है। इस समय के भीतर ही सभी श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रतियों को एकादशी व्रत का पारण कर लेना चाहिए। आज मंगलवार का प्रदोष व्रत भी है। यह प्रदोष व्रत उनके लिए बहुत ही अच्छा है, जिनके ऊपर कर्ज बहुत ज्यादा हो गया है। आज से शाक का दान एवं दही के त्याग का व्रत आरम्भ हो जाता है। आज की द्वादशी को बुद्धद्वादशी और दामोदर द्वादशी भी कहा जाता है। आज यमघंट योग भी है। आप सभी सनातनियों को “बुद्धद्वादशी और दामोदर द्वादशी तथा प्रदोष व्रत” की हार्दिक शुभकामनायें।।
हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी), आज के योग और आज के करण। आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातकों पर अपनी कृपा बनाए रखें। इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव ही सर्वश्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो। ऐसी मेरी आप सभी आज के अधिष्ठात्री देवों से हार्दिक प्रार्थना है।।
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।। पधारने हेतु भागवत प्रवक्ता – स्वामी धनञ्जय महाराज की ओर से आपका ह्रदय से धन्यवाद। आपका आज का दिन मंगलमय हो। अपने गाँव, शहर अथवा सोसायटी में भागवत कथा के आयोजन हेतु कॉल – 9375068850 करें या इस लिंक को क्लिक करें।।
वैदिक सनातन हिन्दू पञ्चांग, Vedic Sanatan Hindu Panchang पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi), 2:- वार (Day), 3:- नक्षत्र (Nakshatra), 4:- योग (Yog) और 5:- करण (Karan).
पञ्चांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग का श्रवण करते थे। शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है। वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापों का नाश होता है। योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है। करण के पठन-श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए नित्य पञ्चांग को देखना, पढ़ना एवं सुनना चाहिए।।
आज का पञ्चांग 06 अगस्त 2025 दिन बुधवार।।
Aaj ka Panchang 06 August 2025.
विक्रम संवत् – 2082.
संकल्पादि में प्रयुक्त होनेवाला संवत्सर – कालयुक्त.
शक – 1946.
अयन – सौम्यायनम्.
गोल – सौम्य.
ऋतु – वर्षा.
मास – श्रावण.
पक्ष – शुक्ल.
गुजराती पंचांग के अनुसार – श्रावण शुक्ल पक्ष.
Panchang 06 August 2025
तिथि – द्वादशी 14:09 PM बजे तक उपरान्त त्रयोदशी तिथि है।।
नक्षत्र – मूल 13:00 PM तक उपरान्त पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र है।।
योग – वैधृति 07:18 AM तक उपरान्त विष्कुम्भ योग है।।
करण – बव 01:46 AM तक उपरान्त बालव 14:09 PM तक उपरान्त कौलव करण है।।
चन्द्रमा – धनु राशि पर।।
सूर्य – कर्क राशि एवं आश्लेषा नक्षत्र पर गोचर कर रहे हैं।।
मुम्बई सूर्योदय – प्रातः 06:16:17
मुम्बई सूर्यास्त – सायं 19:11:16
वाराणसी सूर्योदय – प्रातः 05:27:06
वाराणसी सूर्यास्त – सायं 18:33:35
राहुकाल (अशुभ) – दोपहर 12:44 बजे से 14:21 बजे तक।।
विजय मुहूर्त (शुभ) – दोपहर 12:33 बजे से 12:56 बजे तक।।
Panchang 06 August 2025
मित्रों, तारीख 06 अगस्त 2025 दिन बुधवार को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। तो जैसा कि आप सभी जानते हैं, कि तारीख 05 अगस्त 2025 दिन मंगलवार को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत थी। जिसका आरम्भ 04 अगस्त को दिन में 11:42 AM बजे दोपहर को हुआ था। और यह एकादशी तिथि 05 अगस्त दोपहर के 13:13 PM बजे तक थी। तो आज 06 अगस्त को श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण किया जायेगा। तो चलिए श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत के पारण का निर्णय देखते हैं। आज 06 अगस्त 2025 को पारण का समय सुबह 06:16 AM से 08:51 AM बजे तक है। इस समय के भीतर ही सभी श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रतियों को एकादशी व्रत का पारण कर लेना चाहिए। आज मंगलवार का प्रदोष व्रत भी है। यह प्रदोष व्रत उनके लिए बहुत ही अच्छा है, जिनके ऊपर कर्ज बहुत ज्यादा हो गया है। आज से शाक का दान एवं दही के त्याग का व्रत आरम्भ हो जाता है। आज की द्वादशी को बुद्धद्वादशी और दामोदर द्वादशी भी कहा जाता है। आज यमघंट योग भी है। आप सभी सनातनियों को “बुद्धद्वादशी और दामोदर द्वादशी तथा प्रदोष व्रत” की हार्दिक शुभकामनायें।।
द्वादशी तिथि विशेष – द्वादशी तिथि को मसूर की दाल एवं मसूर से निर्मित कोई भी व्यंजन नहीं खाना न ही दान देना चाहिये। यह मसूर से बना सभी व्यंजन इस द्वादशी तिथि में त्याज्य बताया गया है। द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान श्री हरि नारायण भगवान को बताया गया है। आज द्वादशी तिथि के दिन भगवान नारायण का श्रद्धा-भाव से पूजन करना चाहिये। साथ ही भगवान नारायण के नाम एवं स्तोत्रों जैसे विष्णुसहस्रनाम आदि के पाठ अवश्य करने चाहिए। नाम के पाठ एवं जप आदि करने से व्यक्ति के जीवन में धन, यश एवं प्रतिष्ठा की प्राप्ति सहज ही होने लगती है।।
आज द्वादशी तिथि के दिन तुलसी नहीं तोड़ना चाहिये। आज द्वादशी तिथि के दिन भगवान नारायण का पूजन और जप आदि करने से मनुष्य का कोई भी बिगड़ा काम भी बन जाता है। यह द्वादशी तिथि यशोबली अर्थात यश एवं प्रतिष्ठा प्रदान करने वाली तिथि मानी जाती है। यह द्वादशी तिथि सर्वसिद्धिकारी अर्थात अनेकों प्रकार के सिद्धियों को देनेवाली तिथि भी मानी जाती है। यह द्वादशी तिथि भद्रा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह द्वादशी तिथि शुक्ल पक्ष में शुभ तथा कृष्ण पक्ष में अशुभ फलदायिनी मानी जाती है।।
द्वादशी तिथि में जन्म लेनेवाले व्यक्ति का स्वभाव अस्थिर होता है। इनका मन किसी भी विषय में केन्द्रित नहीं हो पाता है। इस व्यक्ति का मन हर पल चंचल बना रहता है। इस तिथि के जातक का शरीर पतला व कमज़ोर होता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से इनकी स्थिति अच्छी नहीं होती है। ये यात्रा के शौकीन होते हैं और सैर सपाटे का आनन्द लेते रहते हैं।।
Panchang 06 August 2025
मूल नक्षत्र के जातकों का गुण एवं स्वभाव:- यदि आपका जन्म मूल नक्षत्र में हुआ है तो आपका जीवन सुख समृद्धि के साथ बीतेगा। धन की कमी आपको कभी नहीं आएगी और आप अपने कार्यों द्वारा अपने परिवार का नाम और सम्मान और बढ़ाएंगे। आप कोमल हृदयी परन्तु अस्थिर दिमाग के व्यक्ति होंगे। कभी आप बहुत दयालु और कभी अत्यधिक नुक्सान पहुंचाने वाले होते है।।
ऐश्वर्य पूर्ण जीवन के कारण आपका उठना बैठना समाज के धनि एवं उच्च वर्ग के व्यक्तियों के साथ ही होता है। इस कारण आपके व्यक्तित्व में घमंड आना स्वाभाविक ही है। आपका व्यवहार बहुत ही अनिश्चित होता है। समय और स्थान के साथ ये परिवर्तित भी हो जाता है। अपनी आकर्षक आँखों और सम्मोहक व्यक्तित्व के कारण आप अनायास ही लोगों के आकर्षण का केंद्र बन जाते हैं।।
आप शांतिप्रिय और एक सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति होंगे। जो भविष्य की चिंता छोड़ केवल आज में जीना पसंद करते हैं। मूल नक्षत्र में जन्मे जातक सिद्धांतों और नैतिकता में बहुत अधिक विश्वास करते हैं। परन्तु अपनी अस्थिर सोच के कारण कभी-कभी आपके व्यवहार को समझना बेहद कठिन हो जाता है। आपमें गंभीरता की कमी होगी परन्तु ईश्वर पर आपका विश्वास अटूट होगा।।
मूल नक्षत्र के जातक अपने कार्य के प्रति मेहनती और निष्ठावान होतें हैं। ऐसे लोग अधिकतर कला, लेखन, प्रशासनिक, मेडिकल या हर्बल क्षेत्र में सफल माने जाते हैं। आप एक प्रभावशाली, बुद्धिमान और नेतृत्व के गुणों से भरपूर व्यक्ति होंगे। इसलिए यदि आप सामाजिक या राजनीतिक क्षेत्रों में भाग्य अजमाए तो आप शीघ्र ही उच्चस्थ पद प्राप्त कर सकते हैं।।
अपनी अस्थिर सोच के कारण जीवन में कई बार आप अपने कार्यक्षेत्र बदलते हैं। आप एक अच्छे वित्तीय सलाहकार होते हैं परन्तु केवल दूसरों के लिए। आप बिना सोचे समझे धन खर्च करने वालों में से हैं। इसलिए जीवन में कई बार आपको आर्थिक संकट से सामना करना पड़ सकता है। आपको विदेश में कार्य का प्रस्ताव कभी ठुकराना नहीं चाहिए। क्योंकि विदेश में आपका भाग्योदय निश्चित है।।
मूल नक्षत्र में जन्मे जातकों के जीवन के शरुआती वर्षों में पिता या भाई-बहन का सहयोग ना के बराबर मिलने के कारण स्वयं संघर्ष कर जीवन में सफल होते हैं। मूल नक्षत्र के जातकों का दांपत्य जीवन बेहद सुखमय एवं संतोषजनक होता है। आपकी पत्नी के कारण आप जीवन में शांति और आनंद का अनुभव करते हैं। मूल नक्षत्र की जातिका सामान्य से अधिक लम्बी कद वाली होती हैं। यह अच्छे और बुरे कार्यों में भेद नहीं करती इसलिए पाप कर्मों में रूचि लेने लगती हैं।।
मूल नक्षत्र में जन्मे जातकों की पहचान किसी को मूर्ख बना कर घमंड करना होता है। परन्तु इन्हें कमर और कुल्हे का दर्द, टी बी और लकवा जैसी बिमारियों से परेशानी का योग बनते रहता है।।
प्रथम चरण:- मूल नक्षत्र के प्रथम चरण का स्वामी मंगल होता है। इस नक्षत्र चरण का स्वामी मंगल की गुरु एवं केतु से शत्रुता के कारण इस नक्षत्र चरण में जन्मा जातक जीवन भर भौतिक सुखों की प्राप्ति हेतु संघर्षरत रहता है। लग्नबली न होने के कारण जातक का विकास रुका हुआ रहेगा परन्तु सूर्य की दशा अच्छी जाएगी।।
द्वितीय चरण:- मूल नक्षत्र के द्वितीय चरण का स्वामी शुक्र होता है। लग्नेश गुरु की नक्षत्र स्वामी केतु से शत्रुता है। परन्तु नक्षत्र चरण का स्वामी शुक्र की केतु से मित्रता के कारण जातक में त्याग अथवा दान की प्रवृत्ति अधिक होगी। सूर्य की दशा में जातक का भाग्योदय होता है। शुक्र की दशा भी ख़राब नहीं जाएगी और केतु की दशा शुभ फल देगी।।
तृतीय चरण:- मूल नक्षत्र के तृतीय चरण का स्वामी बुध होता है। मूल नक्षत्र के तीसरे चरण में जन्म लेने वाले जातक के अधिक मित्र होंगे एवं सभी सुयोग्य होंगे। लग्नेश गुरु की दशा अति उत्तम फल देगी। सूर्य की दशा में जातक का भाग्योदय होगा। केतु एवं बुध की दशाएं भी शुभ फल ही देंगी।।
चतुर्थ चरण:- मूल नक्षत्र के चतुर्थ चरण का स्वामी चन्द्र होता है। लग्नेश गुरु और चन्द्रमा की मित्रता के कारण मूल नक्षत्र के चौथे चरण में जन्म लेने वाला जातक राजा के समान सम्मान एवं ऐश्वर्य प्राप्त करता है। लग्नेश गुरु की दशा अति उत्तम फल देगी। सूर्य की दशा में जातक का भाग्योदय होगा। शुक्र की दशा भी ख़राब नहीं जाएगी।।
Panchang 06 August 2025
आज बुधवार के दिन यह सावधानी अवश्य रखें:- बुधवार को बालों से संबंधित कोई भी वस्तु न खरीदें, टूथ ब्रश आदि भी नहीं खरीदना चाहिए। बुधवार के दिन दूध की खीर या अन्य कोई व्यंजन जिसमें दूध जलने की संभावना हो नहीं बनाना चाहिए। अगर हो सके तो आज के दिन दूध न उबालें। बुधवार के दिन किसी को उधार पैसे न दें। इससे आपको धन संबंधित परेशानी हो सकती है।।
आज बुधवार के दिन ये विशेष उपाय करें – बुधवार गणपति, गजानन, विघ्नहर्ता श्री गणेशजी का दिन है। इसलिये आज के दिन इनकी पूजा का विशेष महत्त्व होता है। आज के दिन गणपति की पूजा के उपरान्त मोदक, बेशन के लड्डू एवं विशेष रूप से दूर्वादल का भोग लगाना चाहिये इससे मनोकामना की सिद्धि तत्काल होती है।।
अगर आपकी कुण्डली में बुध अच्छा हो तो इन कार्य क्षेत्र में आपको सफलता सहजता से मिल सकती है। बुधवार को भी इन कामों को करना चाहिए। जिससे आपके जीवन में सफलता प्राप्त हो जाएगी।।
ज्योतिष, शेयर, दलाली जैसे कार्यों के लिए भी यह दिन शुभ माना गया है। सिंदूर का तिलक या टीका लगाएं। इस दिन पूर्व, दक्षिण और नैऋत्य दिशा में यात्रा कर सकते हैं। इस दिन धन जमा करने से धन में बरकत होती है। माता दुर्गा के मंदिर जाना चाहिए। इस दिन किसी कन्या को साबुत बादाम भी दान में देना चाहिए।।
बुधवार का विशेष – बुधवार के दिन तेल मर्दन अथवा मालिश करने से माता लक्ष्मी प्रशन्न होती हैं और धनलाभ होता है – (मुहूर्तगणपति)।।
बुधवार को क्षौरकर्म (बाल दाढी अथवा नख काटने या कटवाने) से धन एवं पूण्य का लाभ होता है।। (महाभारत अनुशासनपर्व)।।
दिशाशूल – बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो, यात्रा करनी ही हो तो धनिया, तिल की वस्तु, ईलायची अथवा पिस्ता खाकर यात्रा कर सकते है।।
Panchang 06 August 2025
मित्रों, बुधवार को जन्म लेने वाले व्यक्ति मधुर वाणी बोलने वाले होते हैं। इस तिथि के जातक पठन पाठन में रूचि रखते हैं और ज्ञानी होते हैं। ऐसे लोगों का लेखन में अत्यधिक रूचि होती है और अधिकांशत: इसे अपनी जीवका का साधन भी बना लेते हैं। ये जिस विषय का चयन करते हैं उसके अच्छे जानकार होते हैं। इनके पास धन तो होता है परंतु ऐसे लोग धोखेबाज भी होते हैं।।
ऐसे जातक सामन्य रंग-रूप, बुद्धिमान, लेखक, पत्रकार, प्रकाशक एवं द्विस्वभाव के होते हैं। किसी एक कार्य को न कर अनेक कार्य में जुटे होते हैं। वैसे शान्तिप्रिय रहना इनका स्वभाव होता है। अधिकांशतः मार्केटिंग के क्षेत्र में ऐसे लोगों को उत्तम सफलता मिलती है। बुधवार को जन्म लेने वाले हमेशा असमंजस के शिकार रहते हैं। वह एक समय कई कार्यों पर हाथ आजमाने की कोशिश करते हैं, कई बार सफलता मिल भी जाती है और कई बार गिरते भी हैं।।
इनमें छल-कपट नहीं होता और कई बार तो ये दूसरों की गलतियां खुद पर तक ले लेते हैं। इनको लेखन, पत्रकारिता, प्रकाशन, बैंकिंग और मार्केटिंग के क्षेत्र में अपना किस्मत आजमाना चाहिये। इन क्षेत्रों में इन्हें अच्छी सफलता की संभावना होती है। इनके लिये बुधवार एवं शुक्रवार का दिन भाग्यवर्धक होता है तथा 3 और 6 इनका लकी नम्बर होता है।।
आज का सुविचार – मित्रों, यदि जीवन में लोकप्रिय होना हो तो सबसे ज्यादा “आप” शब्द का, उसके बाद “हम” शब्द का और सबसे कम “मैं” शब्द का प्रयोग करना चाहिए। इस संसार में कोई किसी का हमदर्द नहीं होता, लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पुछ्ते हैं.. और कितना वक़्त लगेगा।।
Panchang 06 August 2025
व्यापार एवं धन प्राप्ति के कुछ अत्यंत प्रभावी टिप्स।।…. आज के इस लेख को पूरा पढने के लिये इस लिंक को क्लिक करें….. वेबसाईट पर पढ़ें: & ब्लॉग पर पढ़ें:
“मकर राशि वालों के मृत्यु का योग।। Makar Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.
“तुला राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी।। Tula Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.
“मिथुन राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी। Mithun Rashi Walo Ki Mrityu.
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Panchang 06 August 2025
वास्तु विजिटिंग के लिये तथा अपनी कुण्डली दिखाकर उचित सलाह लेने एवं अपनी कुण्डली बनवाने अथवा किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति के लिए संपर्क करें।।
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