पञ्चांग 06 नवम्बर 2025 दिन गुरुवार।।

Panchang 06 November 2025
Panchang 06 November 2025

बालाजी वेद, वास्तु एवं ज्योतिष केन्द्र।।

पञ्चांग, Panchang, आज का पञ्चांग, Aaj ka Panchang, Panchang 2025,
आज का लेख एवं आज का पञ्चांग 06 नवम्बर 2025 दिन गुरुवार।।

मित्रों, तारीख 06 नवम्बर 2025 दिन गुरुवार को मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। आज से मार्गशीर्ष मास का आरम्भ होता है और मार्गशीर्ष मास में जीरा का सेवन नहीं करना चाहिए। यथा:- चैते गुड, बैसाखे तेल, जेठ में पथ अशाढ़ में बेल। सावन, साग न भादो दही, क्वारें दुध न कातिक मही। अगहन जीरा पुष धना, माघे मिश्री फागुन चना। अर्थात यह सभी वस्तुएं उक्त-उक्त महीने में वर्जित बतायी गयी है। आज सूर्यदेवता स्वाति नक्षत्र से निकलकर विशाखा नक्षत्र में (रात्रि: 03:55 AM पर) प्रवेश कर जायेंगे। आज यायीजययोग एवं यमघंटयोग भी है। आप सभी सनातनियों को “मार्गशीर्ष मास” की हार्दिक शुभकामनायें।।

हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी), आज के योग और आज के करण। आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातकों पर अपनी कृपा बनाए रखें। इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव ही सर्वश्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो। ऐसी मेरी आप सभी आज के अधिष्ठात्री देवों से हार्दिक प्रार्थना है।।

मेरे प्रियात्मनों, यह वेबसाईट बिलकुल नि:शुल्क है। यदि आपको इस साईट से कुछ भी लाभ प्राप्त हुआ हो, आपको हमारे लेख पसंद आते हो तो मदद स्वरुप आप स्वयं हमारे साईट पर विजिट करें एवं अपने सभी सम्पर्कियों को भी इस साईट के बारे में अवश्य बताएं।।

।। पधारने हेतु भागवत प्रवक्ता – स्वामी धनञ्जय महाराज की ओर से आपका ह्रदय से धन्यवाद। आप का आज का दिन मंगलमय हो। अपने गाँव, शहर अथवा सोसायटी में भागवत कथा के आयोजन हेतु कॉल – 9375068850 करें या इस लिंक को क्लिक करें।।

वैदिक सनातन हिन्दू पञ्चांग, Vedic Sanatan Hindu Panchang पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi), 2:- वार (Day), 3:- नक्षत्र (Nakshatra), 4:- योग (Yog) और 5:- करण (Karan).

पञ्चांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग का श्रवण करते थे। शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है। वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।।

नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापों का नाश होता है। योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है। करण के पठन-श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए नित्य पञ्चांग को देखना, पढ़ना एवं सुनना चाहिए।।

Panchang 06 November 2025

आज का पञ्चांग 06 नवम्बर 2025 दिन गुरुवार।।
Aaj ka Panchang 06 November 2025.

विक्रम संवत् – 2082.

संकल्पादि में प्रयुक्त होनेवाला संवत्सर – कालयुक्त.

शक – 1946.

अयन – याम्यायनम्.

गोल – सौम्य.

ऋतु – शरद.

मास – मार्गशीर्ष.

पक्ष – कृष्ण.

गुजराती पंचांग के अनुसार – कार्तिक कृष्ण पक्ष.

Panchang 06 November 2025

तिथि – प्रतिपदा 14:57 PM बजे तक उपरान्त द्वितीया तिथि है।।

नक्षत्र – भरणी 06:35 AM तक उपरान्त कृत्तिका नक्षत्र है।।

योग – व्यतिपात 07:05 AM तक उपरान्त वरियान योग है।।

करण – बालव 04:53 AM तक उपरान्त कौलव 14:57 PM तक उपरान्त तैतिल करण है।।

चन्द्रमा – मेष राशि पर 11:48 AM तक उपरान्त वृषभ राशि पर।।

सूर्य – तुला राशि एवं स्वाति नक्षत्र पर गोचर कर रहे हैं।।

मुम्बई सूर्योदय – प्रातः 06:43:45

मुम्बई सूर्यास्त – सायं 17:59:14

वाराणसी सूर्योदय – प्रातः 06:31:39

वाराणसी सूर्यास्त – सायं 17:29:45

राहुकाल (अशुभ) – सुबह 13:47 बजे से 15:11 बजे तक।।

विजय मुहूर्त (शुभ) – दोपहर 12.10 बजे से 12.34 बजे तक।।

Panchang 06 November 2025

प्रतिपदा तिथि विशेष – प्रतिपदा तिथि को कद्दू एवं कूष्माण्ड का दान एवं भक्षण दोनों ही त्याज्य बताया गया है। प्रतिपदा तिथि वृद्धि देनेवाली अर्थात किसी भी कार्य को अथवा कार्यक्षेत्र को बढ़ाने वाली तिथि मानी जाती है। साथ ही प्रतिपदा तिथि सिद्धिप्रद अर्थात कोई भी कार्य को निर्विघ्नता पूर्वक चरम तक पहुंचाने अर्थात सिद्धि तक पहुंचाने वाली तिथि भी मानी जाती है। इस प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देवता को बताया गया है। यह प्रतिपदा तिथि नन्दा नाम से विख्यात मानी जाती है।।

मित्रों, इस प्रतिपदा तिथि का निर्माण शुक्ल पक्ष में तब होता है जब सूर्य और चंद्रमा का अंतर 0 डिग्री से 12 डिग्री अंश तक होता है। वहीं कृष्ण पक्ष में प्रतिपदा तिथि का निर्माण सूर्य और चंद्रमा का अंतर 181 से 192 डिग्री अंश तक होता है। प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्निदेव माने गए हैं। यदि प्रतिपदा तिथि रविवार या मंगलवार को पड़ती है तो मृत्युदा योग बनाती है। इस योग में शुभ कार्य करना वर्जित है। इसके अलावा प्रतिपदा तिथि शुक्रवार को होती है तो सिद्धा कहलाती है। ऐसे समय शुभ कार्य करने की सलाह दी जाती है। सनातनी पञ्चांगों के अनुसार भाद्रपद माह की प्रतिपदा शून्य होती है। वहीं शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा में भगवान शिव का पूजन नहीं करना चाहिए क्योंकि शिव का वास श्मशान में होता है। दूसरी ओर कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा में शिव का पूजन करना  चाहिए।।
 
कृष्ण पक्ष प्रतिपदा को जन्मा जातक धनी एवं बुद्धिमान होगा। उन पर माता की विशेष कृपा दृष्टि बनी रहती है। जातक चंद्रमा के बलवान होने के कारण मानसिक रूप से भी बलवान होते हैं। वहीं दूसरी ओर शुक्ल पक्ष प्रतिपदा में जन्मा जातक बुरी लोगों की संगति में पड़कर बुरी आदतों के शिकार हो सकते हैं। उनके द्वारा किए गए कार्य कभी कभार उनके परिवार को ही हानि पहुंचा सकते हैं। शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि में विवाह, यात्रा, उपनयन, चौल कर्म, वास्तु कर्म व गृह प्रवेश आदि मॉगलिक कार्य नहीं करने चाहिए। इसके विपरीत कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा में आप शुभ कार्य कर सकते हैं।

मित्रों, यह प्रतिपदा तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ  फलदायिनी मानी जाती है। आज प्रतिपदा तिथि को अग्निदेव से धन प्राप्ति के लिए एक अत्यंत ही प्रभावी उपाय कर सकते हैं। आज प्रतिपदा तिथि को इस अनुष्ठान से अग्निदेव से अद्भुत तेज प्राप्त करने के लिए भी आज का यह उपाय कर सकते हैं। साथ ही आज किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति भी इस अनुष्ठान के माध्यम से अग्निदेव से करवायी जा सकती हैं। इसके लिए आज अग्नि घर पर ही प्रज्ज्वलित करके गाय के शुद्ध देशी घी से (ॐ अग्नये नम: स्वाहा) इस मन्त्र से हवन करना चाहिये।।

मित्रों, ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति का जन्म प्रतिपदा तिथि में होता है वह व्यक्ति अनैतिक कार्यों में संलग्न रहने वाला होता है। ऐसा व्यक्ति कानून के विरूद्ध जाकर काम करने वाला भी होता है। ऐसे लोगों को मांस मदिरा काफी पसंद होता है अर्थात ये तामसी भोजन के शौकीन होते हैं। आम तौर पर इनकी दोस्ती ऐसे लोगों से होती है जिन्हें समाज में सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता अर्थात बदमाश और ग़लत काम करने वाले लोग।।

Panchang 06 November 2025

भरणी नक्षत्र के जातकों का गुण एवं स्वभाव:- यदि आपका जन्म भरणी नक्षत्र में हुआ है तो आप एक दृढ़ निश्चयी, चतुर एवं सदा सत्य बोलने वाले होंगे। शुक्र के कारण जहाँ आप सुखी एवं ऐश्वर्य पूर्ण जीवन जियेंगे वही शुक्र मंगल की राशि में आपकी काम वासना भी अधिक बढ़ाएगा। आपके अनेक मित्र होंगे और आप अपने मित्रों में बहुत अधिक लोकप्रिय भी होंगे। क्योंकि आप अपने मित्रों की सहायता करने में कभी पीछे नहीं हटते हैं।।

मित्रता करने में आप विशेष सावधानी भी बरतते हैं। चुगलखोर और छिछोरे मित्र आपको कतई पसंद नहीं है। आप जल्दी ही किसी से भी घुलना मिलना पसंद नहीं करते। स्वभाव से थोड़े स्थिर एवं योजनाबद्ध तरीके से काम करना आपको पसंद है। आप बिना सोचे समझे जीवन में कोई भी कदम नहीं उठाना चाहते हैं। परन्तु जो एक बार आप ठान लेते हैं तो आप किसी का हस्तक्षेप या सुझाव पसंद नहीं करते हैं।।

जो मार्ग आपके अनुसार सही है उससे आप कभी नहीं डगमगाते। आप अपने विचारों को प्रकट करने में नहीं हिचकिचाते। चाहे उन्हें कोई पसंद करे या नहीं। आप अपना नुक्सान करा सकते हैं परन्तु चापलूसी करना आपको कतई पसंद नहीं होगा। आप स्वयं के सिद्धांतों पर चलना पसंद करते हैं। साथ ही आप अपने नैतिक मूल्यों की रक्षा जीवन पर्यंत करतें हैं। ईश्वर ने आपको एक और विलक्षण गुण दिया हुआ है वह है दूरदर्शिता।।

इस कारण आप आने वाले संकट को पहले ही भांप जाते हैं और अपने आपको भविष्य में होने वाली घटनाओं के लिए तैयार भी कर लेते हैं। खर्चे के मामले में आप करीबी मित्रों और रिश्तेदारों में कंजूस के नाम से जाने जाते हैं परन्तु यह आपका स्वभाव है। आप बिना सोचे समझे धन खर्च नहीं करना चाहते हैं। फ़िज़ूल के खर्च और व्यर्थ के दिखावे आपको कतई पसंद नहीं हैं।।

आप एक हिम्मती व्यक्तित्व के स्वामी हैं छोटी मोटी घटनाएं आपके साहस को हिला नहीं पाती हैं। शारीरिक रूप से आप ऊँचे एवं मजबूत कद काठी के व्यक्ति होंगे। आपकी हड्डियां काफी मज़बूत और आँखें बहुत जोशीली होंगी। आपको घूमने का बहुत शौक होगा। खाने में आप तेज़, मसालेदार गर्म और चटपटे खाना पसंद करते हैं। आप अपने जीवन में कई बार सफलता की उंचाई पर पहुँच कर अचानक गिरते हैं।।

इन्ही उतार चढ़ाव के कारण जीवन 33 वर्ष तक अस्त व्यस्त रहता है। परन्तु उसके पश्चात समय और स्तिथियाँ आपके पक्ष में ही रहती हैं। भरणी नक्षत्र के जातक अपने परिवार से बहुत अधिक स्नेह रखते हैं। साथ ही उनके बिना बहुत अधिक समय तक नहीं रह पाते हैं। विवाह के उपरान्त पारिवारिक जीवन सुखमय रहता है। एक सुंदर एवं सुशील पत्नी का साथ आपको मिलता है।।

आपकी पत्नी का धन के मामले में लापरवाह होना आपके बीच मतभेद पैदा कर सकता है। भरणी नक्षत्र में जन्मी स्त्रियाँ निडर एवं दृढ स्वभाव वाली होती हैं। भरणी नक्षत्र में जन्मी महिलाएं सफल राजनेता या समाजिक कार्यकर्ता होती हैं। आपका मन चंचल एवं सदा भटकने वाला होता है। भरणी नक्षत्र में जन्मी महिलाएं अनायास ही पुरुषों के प्रति आकर्षित हो जाती हैं।।

अन्य महिलाओं की भांति आपकी रूचि साज सज्जा में नहीं होती है। अपितु आप स्वभाव से कठोर होती हैं। स्वभाव से अडिग एवं स्थिर मनोवृत्ति के ऐसे जातक होते हैं। अग्नि द्वारा जलने से, अकस्मात गिरने से चोट का खतरा आपको हो सकता है। आपको नेत्र रोग, और स्त्रियों में गर्भ एवं गर्भाशय से सम्बंधित समस्याएं हो सकती है।।

प्रथम चरण:- भरणी नक्षत्र का स्वामी शुक्र ग्रह होता है। इसके प्रथम चरण का स्वामी ग्रह सूर्य हैं। भरणी नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्म होने के कारण जातक स्वभाव से संकोची होते हैं। आशावादी होते हुए भी कभी-कभी निराशावादी हो जाते हैं। जातक को मंगल एवं शुक्र की दशा शुभ फलदायी होगी। नक्षत्र चरण का स्वामी सूर्य शुक्र का शत्रु है। इस कारण सूर्य की दशा में जातक थोडा परेशान रहेगा।।

द्वितीय चरण:- भरणी नक्षत्र का स्वामी शुक्र ग्रह होता है। इसके द्वितीय चरण का स्वामी ग्रह चन्द्रमा हैं। भरणी नक्षत्र के द्वितीय चरण में जन्म होने के कारण जातक स्वभाव चंचल एवं खुराफाती होता है। वह जीवन में सफल तो होगा परन्तु मानसिक रूप से परेशान एवं अशांत रहेगा। जातक को मंगल एवं शुक्र की दशा ठीक रहेगी। नक्षत्र चरण का स्वामी चन्द्रमा शुक्र का परम शत्रु है। इस कारण चन्द्र की दशा में जातक मानसिक रूप से परेशान रहेगा।।

तृतीय चरण:- भरणी नक्षत्र का स्वामी शुक्र ग्रह होता है। इसके तृतीय चरण का स्वामी ग्रह शुक्र हैं। भरणी नक्षत्र के तृतीय चरण में जन्म होने के कारण जातक स्वभाव से क्रूर एवं निर्दयी होते हैं। साहस पूर्ण एवं जोखिम भरे कार्य करने में सदा रूचि रखते हैं। लग्न नक्षत्र स्वामी और नक्षत्र चरण स्वामी शुक्र के होने के कारण जातक थोडा रंगीन मिजाज़ का भी होगा। जातक को मंगल एवं शुक्र की दशा उत्तम फलदायी होगी।।

चतुर्थ चरण:- भरणी नक्षत्र का स्वामी शुक्र ग्रह होता है। इसके चतुर्थ चरण का स्वामी ग्रह मंगल हैं। भरणी नक्षत्र के चौथे चरण में जन्म होने के कारण जातक बहादुर एवं साहसी होगा। परन्तु सब कुछ होते हुए भी जीवन भर धन की कमी महसूस करता रहेगा। लग्न नक्षत्र का स्वामी शुक्र लग्नेश मंगल से समभाव रखता है। इस कारण जातक की मंगल एवं शुक्र की दशा अच्छी जाएँगी।।

Panchang 06 November 2025

गुरुवार शॉपिंग के लिये अच्छा दिन माना जाता है।।

गुरुवार का विशेष – गुरुवार के दिन तेल मर्दन करने से धन एवं यश की हानि होती है – (मुहूर्तगणपति)।।

गुरुवार को क्षौरकर्म (बाल दाढी अथवा नख काटने या कटवाने) से तथा सर के बाल धोना, कपड़े धुलना अथवा धोबी के घर डालना, घर-आँगन की गोबर आदि से लिपाई करना इस प्रकार के कार्य नहीं करने चाहियें इससे धन एवं पूण्य की हानी होती है और लक्ष्मी घर छोड़कर चली जाती है।। (महाभारत अनुशासनपर्व)।।

महिलाओं की जन्मकुंडली में बृहस्पति पति का कारक ग्रह होता है। साथ ही बृहस्पति ही संतान का कारक ग्रह भी होता है। इसलिये बृहस्पति ग्रह अकेले ही स्त्री के संतान और पति दोनों के जीवन को प्रभावित करता है। अतः बृहस्पतिवार को सिर धोना बृहस्पति को कमजोर बनाता है जिससे कि बृहस्पति के शुभ प्रभाव में कमी आती है। इसी कारण से इस दिन बाल धोना या कटवाना भी नहीं चाहिए। इसका असर संतान और पति के जीवन पर पड़ता है और उनकी उन्नति बाधित होती है।।

वास्तु अनुसार घर के ईशान कोण का स्वामी गुरु होता है। ईशान कोण का संबंध परिवार के नन्हे सदस्यों यानी कि बच्चों से होता है। साथ ही घर के पुत्र संतान का संबंध भी इसी कोण से ही होता है। ईशान कोण धर्म और शिक्षा की दिशा है इसलिये घर में शुद्ध वजन वाले कपड़ों को धोना, कबाड़ घर से बाहर निकालना, घर को धोना या पोछा लगाना इत्यादि घर के ईशान कोण को कमजोर करता है। उससे घर के बच्चों, पुत्रों, घर के सदस्यों की शिक्षा, धर्म आदि पर गुरु का शुभ प्रभाव कम होता है।।

Panchang 06 November 2025

गुरुवार भगवान लक्ष्मी नारायण का दिन होता है। इसलिये इस दिन लक्ष्मी और नारायण का एक साथ पूजन करने से जीवन में अपार खुशियाँ आती है। इस दिन लक्ष्मी और नारायण का एक साथ पूजन करने से पति-पत्नी के बीच कभी दूरियाँ नहीं आती है साथ ही धन की वृद्धि भी होती है। जन्मकुंडली में गुरु ग्रह के प्रबल होने से उन्नति के रास्ते आसानी से खुलते हैं। परन्तु यदि गुरु ग्रह को कमजोर करने वाले कार्य किए जाए तो प्रमोशन होने में भी रुकावटें आती है।।

गुरुवार को गुरु ग्रह को कमजोर किए जाने वाले काम करने से धन की वृद्धि रुक जाती है। जैसे – सिर के बाल धोना, भारी कपड़े धोना, बाल कटवाना, शेविंग करवाना, शरीर के बालों को साफ करना, फेशियल करवाना, नाखून काटना, घर से मकड़ी के जाले साफ करना, घर के उन कोनों की सफाई करना जिन कोनों की रोज सफाई नहीं की जाती हो। ये सभी काम गुरुवार को करने से धन हानि होता है तथा तरक्की रुक जाती है।।

दिशाशूल – गुरुवार के दिन दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो दही खा कर यात्रा कर सकते है।।

गुरुवार के दिन ये विशेष उपाय करें – गुरु धन एवं प्रतिष्ठा का कारक ग्रह होता है। जिस व्यक्ति पर गुरु की कृपा होती है उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है। गुरुवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान ध्यान करें और घी का दीप जलाकर भगवान विष्णु की पूजा करें। इसके बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें बिगड़े काम भी बन जायेंगे।।

Panchang 06 November 2025

बृहस्पतिवार को जिनका जन्म होता है, वह व्यक्ति विद्या एवं धन से युक्त होता है अर्थात ये ज्ञानी और धनवान होते हैं। ये विवेकशील होते हैं और शिक्षण को अपना पेशा बनाते हैं। ये लोगों के सम्मुख आदर और सम्मान के साथ प्रस्तुत होते हैं तथा उच्च स्तर के सलाहकार भी होते हैं। गुरुवार में जन्मे जातक सभ्य, खिलते रंग के, सुशील एवं मधुर स्वभाव के होते हैं तथा धर्म के प्रति सचेत होते हैं।।

ये सभी सद्गुणों से संपन्न होने के वजह से किसी के साथ विश्वासघात नहीं करते हैं। ऐसे लोग किसी का हक नहीं मारते तथा न्याय के प्रति सजग होते हैं। यह सफल राजनीतिज्ञ, न्यायधीश, क्लर्क, प्रकाशक एवं धर्मगुरु आदि के रूप में सफल होते हैं। गुरुवार को जन्मं लेने वाले व्यसक्ति बेहद मिलनसार और मधुर स्वभाव के होते हैं। ये जीवन को उत्सफव की तरह जीते हैं इसलिए हमेशा खिले-खिले रहते हैं।।

ऐसे व्यक्ति धर्म में विशेष रुचि रखने वाले होते हैं। धार्मिक प्रवृत्ति के कारण ये कभी किसी के साथ विश्वाससघात नहीं कर सकते हैं। यह किसी का हक भी नहीं मारते, न्याय के प्रति सजग होते हैं। इनको अपने जीवन में सफलता हेतु धर्मगुरु, राजनीतिज्ञ, पत्रकार, लेखक, प्रकाशक एवं न्यायधीश आदि के क्षेत्र में भाग्य आजमाना चाहिये। इनका शुभ दिन मंगलवार और बृहस्पितिवार तथा शुभ अंक 4 होता है।।

आज का विचार – मित्रों, हम अपनी पिछली गलतियों से सबक लेकर अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। परन्तु याद रहे कि होशियार लोग अपनी गलती से लेते हैं, जबकि ज्यादा होशियार लोग दूसरों की गलतियों से गलतियों को दुहराना सीखते हैं। इसलिये अपनी गलतियों को सुधारना ही व्यक्ति में इंसानियत लाता है।।

Panchang 06 November 2025

जन्मकुण्डली के अनुसार आपके जीवन में धन कैसे और कब आयेगा ?।।…. आज के इस लेख को पूरा पढने के लिये इस लिंक को क्लिक करें….. वेबसाईट पर पढ़ें:  & ब्लॉग पर पढ़ें:

मकर राशि वालों के मृत्यु का योग।। Makar Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.

“तुला राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी।। Tula Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.

“मिथुन राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी। Mithun Rashi Walo Ki Mrityu.

ज्योतिष के सभी पहलू पर विस्तृत समझाकर बताया गया बहुत सा हमारा विडियो हमारे YouTube के चैनल पर देखें । इस लिंक पर क्लिक करके हमारे सभी विडियोज को देख सकते हैं – Watch YouTube Video’s.

इस तरह की अन्य बहुत सारी जानकारियों, ज्योतिष के बहुत से लेख, टिप्स & ट्रिक्स पढने के लिये हमारे ब्लॉग एवं वेबसाइट पर जायें तथा हमारे फेसबुक पेज को अवश्य लाइक करें, प्लीज – My facebook Page.

Panchang 06 November 2025

वास्तु विजिटिंग के लिये तथा अपनी कुण्डली दिखाकर उचित सलाह लेने एवं अपनी कुण्डली बनवाने अथवा किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति के लिए संपर्क करें।।

किसी भी तरह के पूजा-पाठ, विधी-विधान, ग्रह दोष शान्ति आदि के लिए तथा बड़े से बड़े अनुष्ठान हेतु योग्य एवं विद्वान् ब्राह्मण हमारे यहाँ उपलब्ध हैं।।

सिलवासा ऑफिस:- बालाजी ज्योतिष केन्द्र, गायत्री मंदिर के बाजू में, मेन रोड़, मन्दिर फलिया, आमली, सिलवासा।।

सिलवासा ऑफिस में प्रतिदिन मिलने का समय:-
10:00 AM to 02:00 PM And 04:30 PM to 08:30 PM.

WhatsAap & Call: +91 – 8690 522 111.
E-Mail :: [email protected]

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here