बालाजी वेद, वास्तु एवं ज्योतिष केन्द्र।।
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आज का लेख एवं आज का पञ्चांग 25 नवम्बर 2024 दिन शुक्रवार।।
मित्रों, तारीख 08 नवम्बर 2024 दिन शुक्रवार को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष का सप्तमी तिथि है। आज के इस सप्तमी को भगवान सूर्य के उत्सव छठ व्रत की समाप्ति हो जाती है। इसलिए आज प्रातः सर्वप्रथम सूर्यार्घ्य आदि देकर भगवान सूर्य की पुजा करनी चाहिए तथा जहां पर भी भगवान सूर्य की उपासना अर्थात छठ घाट हो वहाँ जाकर व्रतियों से आशीर्वाद एवं प्रसाद अवश्य लेना चाहिए। आज प्रातः सूर्य भगवान के उदित होने का समय है:- 06:32 AM तो सुबह 06:32 से 06:35 AM के बीच सूर्यार्घ्य दे देना चाहिए। आज रवियोग है एवं स्थायीजययोग भी है। व्रतियों के पारण के मुहूर्त की बात करें तो प्रात :- सूर्योदय के बाद 07:58 AM के उपरान्त ही पारण किया जा सकता है। आप सभी सनातनियों को “सूर्य उपासना एवं श्रद्धा और भक्ति-भाव से परिपूर्ण छठ व्रत” की हार्दिक शुभकामनायें।।
हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी), आज के योग और आज के करण। आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातकों पर अपनी कृपा बनाए रखें। इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव ही सर्वश्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो। ऐसी मेरी आप सभी आज के अधिष्ठात्री देवों से हार्दिक प्रार्थना है।।
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।। पधारने हेतु भागवत प्रवक्ता – स्वामी धनञ्जय महाराज की ओर से आपका ह्रदय से धन्यवाद। आप का आज का दिन मंगलमय हो। अपने गाँव, शहर अथवा सोसायटी में भागवत कथा के आयोजन हेतु कॉल – 9375258850 करें या इस लिंक को क्लिक करें।।
वैदिक सनातन हिन्दू पञ्चांग, Vedic Sanatan Hindu Panchang पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi), 2:- वार (Day), 3:- नक्षत्र (Nakshatra), 4:- योग (Yog) और 5:- करण (Karan).
पञ्चांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग का श्रवण करते थे। शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है। वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापों का नाश होता है। योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है। करण के पठन-श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए नित्य पञ्चांग को देखना, पढ़ना एवं सुनना चाहिए।।
आज का पञ्चांग 08 नवम्बर 2024 दिन शुक्रवार।।
Aaj ka Panchang 08 November 2024.
विक्रम संवत् – 2081.
संकल्पादि में प्रयुक्त होनेवाला संवत्सर – पिङ्गल.
शक – 1946.
अयन – दक्षिणायन.
गोल – उत्तर.
ऋतु – शरद.
मास – कार्तिक.
पक्ष – शुक्ल.
गुजराती पंचांग के अनुसार – कार्तिक शुक्ल पक्ष.
Panchang 08 November 2024
तिथि – सप्तमी 23:57 PM बजे तक उपरान्त अष्टमी तिथि है।।
नक्षत्र – उत्तराषाढ़ा 12:04 PM तक उपरान्त श्रवण नक्षत्र है।।
योग – शूल 08:28 AM तक उपरान्त गंड योग है।।
करण – गर 12:20 PM तक उपरान्त वणिज 23:57 PM तक उपरान्त विष्टि करण है।।
चन्द्रमा – मकर राशि पर।।
सूर्य – कन्या राशि एवं विशाखा नक्षत्र पर गोचर कर रहे हैं।।
मुम्बई सूर्योदय – प्रातः 06:44:56
मुम्बई सूर्यास्त – सायं 17:58:19
वाराणसी सूर्योदय – प्रातः 06:32:39
वाराणसी सूर्यास्त – सायं 17:28:25
राहुकाल (अशुभ) – सुबह 10:58 बजे से 12:22 बजे तक।।
विजय मुहूर्त (शुभ) – दोपहर 12.10 बजे से 12.34 बजे तक।।
Panchang 08 November 2024
सप्तमी तिथि विशेष – सप्तमी तिथि को आँवला त्याज्य बताया गया है। सप्तमी तिथि मित्रप्रद तिथि मानी जाती है। इतना ही नहीं यह सप्तमी तिथि एक शुभ तिथि भी मानी जाती है। इस सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य देवता हैं। यह सप्तमी तिथि भद्रा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह सप्तमी तिथि शुक्ल पक्ष में मध्यम फलदायीनी मानी जाती है। इस सप्तमी तिथि को सुबह सर्वप्रथम स्नान करके भगवान सूर्य को सूर्यार्घ देकर उनका पूजन करना चाहिये। उसके बाद आदित्यह्रदयस्तोत्रम् का पाठ करना चाहिये। इससे जीवन में सुख, समृद्धि, हर्ष, उल्लास एवं पारिवारिक सुखों कि सतत वृद्धि होती है। सप्तमी तिथि में भगवान सूर्य की पुजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।।
मित्रों, सोमवार और शुक्रवार कि सप्तमी विशेष रूप से शुभ फलदायी नहीं मानी जाती बाकी दिनों कि सप्तमी सभी कार्यों के लिये शुभ फलदायी मानी जाती है। सप्तमी को भूलकर भी नीला वस्त्र धारण नहीं करना चाहिये तथा ताम्बे के पात्र में भोजन भी नहीं करना चाहिये। सप्तमी को फलाहार अथवा मीठा भोजन विशेष रूप से नमक के परित्याग करने से भगवान सूर्यदेव कि कृपा सदैव बनी रहती है।।
मित्रों, ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति का जन्म सप्तमी तिथि में होता है, वह व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है। इस तिथि में जन्म लेनेवाला जातक गुणवान और प्रतिभाशाली होता है। ये अपने मोहक व्यक्तित्व से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने की योग्यता रखते हैं। इनके बच्चे भी गुणवान और योग्य होते हैं। धन धान्य के मामले में भी यह व्यक्ति काफी भाग्यशाली होते हैं। ये संतोषी स्वभाव के होते हैं और इन्हें जितना मिलता है उतने से ही संतुष्ट रहते हैं।।
Panchang 08 November 2024
उत्तराषाढा नक्षत्र के जातकों का गुण एवं स्वभाव:- यदि आपका जन्म उत्तराषाढा नक्षत्र में हुआ है तो आप एक सफल एवं स्वतंत्र व्यक्ति हैं। आप ईश्वर में आस्था रखते हुए जीवन में प्रसन्नता और मैत्री के साथ आगे बढ़ने में विश्वास रखते हैं। विवाह के उपरान्त आपके जीवन में और अधिक सफलता एवं प्रसन्नता आती है। उत्तराषाढा में जन्मा जातक ऊँचे कद और गठीले शरीर के मालिक होते हैं।।
चमकदार आँखे और चौड़ा माथा आपके व्यक्तित्व में चार चाँद लगाते हैं। गौर वर्ण के साथ आपकी आंखे थोड़ी लालिमा लिए हुए होती हैं। आप मृदुभाषी होंगे और सभी से प्रेम पूर्वक व्यवहार आपमें स्वाभाविक ही रहेगी। आप सादी जीवन शैली में विश्वास रखते हैं और अधिक ताम-झाम से दूरी बनाये रखना पसंद करेंगे। धन की अधिकता भी आपके इन विचारों को प्रभावित नहीं करेगी।।
कोमल हृदयी होने के कारण आप कभी भी किसी को हानि पहुंचाने के बारे में नहीं सोच सकते। क्योंकि दूसरों की भलाई करना आपके स्वभाव में ही होगा। नम्र स्वभाव होते हुए भी आप किसी के सामने घुटने नहीं टेकते हैं। और न ही किसी भी प्रकार की कठिनाई आपको हिला सकती है। आपको जीवन में किसी पर भी निर्भरता पसंद नहीं होगा। सकारात्मक और स्थिर सोच के कारण आप अपने जीवन से सम्बंधित अधिकतर निर्णय स्वयं लेंगे।।
आपके लिए हुए निर्णय सही भी होंगे। जलदबाज़ी में निर्णय लेना आपके स्वभाव में नहीं होगा। आप सभी को आदर और सम्मान देना पसंद करेंगे विशेषतः स्त्रियों को। आप अपने विचारों को व्यक्त करने से कभी नहीं हिचकिचायेंगे। किसी के विरोध में भी यदि आपको बोलना हो तो आप अवश्य बोलेंगे परन्तु बेहद विनम्रता के साथ। अपने इसी स्वभाव के कारण आप माफ़ी मांगने से भी नहीं झिझकते।।
बहुत ही कम आयु से अपने ऊपर सभी जिम्मेदारियों के आ जाने के कारण आप कभी-कभी मानसिक अशांति भी महसूस करेंगे। जीवन को हर पहलु से और अधिक सफल बनाने के लिए आप सदैव प्रयासरत रहेंगे। इन्ही प्रयासों में विफल होने पर आप अपने आपको असहाय समझने लगेंगे। परन्तु वास्तविकता में ऐसा नहीं होगा। आप एक सक्षम और जुझारू व्यक्ति होंगे और कठिन से कठिन परिस्तिथियों में से भी निकलने में सक्षम होंगे।।
अपने बौधिक विचारों और सकारात्मक सोच के कारण आप सृजनात्मक और कलात्मक या यूँ कहें विज्ञान और कला दोनों ही क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करेंगे। आपकी इमानदारी, अथक परिश्रम और मजबूत इरादे जीवन में आपको सदैव सफलता दिलायेंगे। रुकावटों के कारण थक कर बैठ जाना आपके स्वभाव में नहीं होगा। अपने कार्यक्षेत्र में आप अपने करीबी सहयोगियों के सन्दर्भ में अति कुशलता एवं सजगता के साथ रहेंगे।।
जीवन के 38वें वर्ष के उपरान्त आप स्थिरता और समृद्धि प्राप्त करेंगे। वैवाहिक जीवन सुखमय और प्रसन्नता से भरा रहेगा। यद्यपि जीवन साथी के स्वास्थ्य के कारण आप परेशान हो सकते हैं। संतान पक्ष से सुख संतोषजनक रहेगा। उत्तराषाढा नक्षत्र में जन्मी स्त्री पतिव्रता एवं मधुर वाणी वाली होती हैं। अतिथियों की आवभगत और सेवा करना इनके स्वभाव में ही होता है।।
उत्तराषाढा नक्षत्र में जन्मा जातक जहाँ रहता है वहां का प्रख्यात व्यक्ति होता है। ऐसे जातकों को घुटने या कूल्हों के जोड़ों से सम्बंधित रोग, सूजन, छाती या फेफड़े का दर्द, अक्समात चोट या जलने की संभावना भी प्रबल होती है।।
प्रथम चरण:- उत्तराषाढ़ा नक्षत्र इक्कीसवाँ नक्षत्र है और इसका स्वामी ग्रह सूर्य है। इस नक्षत्र के प्रथम चरण का स्वामी गुरु हैं। दोनों ग्रह परस्पर मित्र हैं। लग्नेश भी गुरु होने के कारण गुरु ग्रह का प्रभाव अधिक है। इस नक्षत्र में जन्मा जातक राजा तुल्य ऐश्वर्यशाली एवं पराक्रमी होगा। गुरु की दशा में जातक का सर्वांगीण विकास होगा और सूर्य की दशा अन्तर्दशा में जातक का प्रबल भाग्योदय होगा।।
द्वितीय चरण:- उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी ग्रह सूर्य है। इस द्वितीय चरण का स्वामी शनि हैं। उत्तराषाढा के दुसरे चरण में जन्मा जातक आजीवन अपने मित्रों का विरोध सहता है। लग्नेश शनि सूर्य का शत्रु है अतः शनि की दशा धनदायक होगी। परन्तु सूर्य की दशा अशुभ फलदायक होगी। लग्नेश शनि की दशा भी अपेक्षित लाभ नहीं देगी।।
तृतीय चरण:- उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी ग्रह सूर्य है। इस तृतीय चरण का स्वामी भी शनि हैं। उत्तराषाढा के तीसरे चरण में जन्मा जातक अपने जीवन में सदैव मान सम्मान चाहने वाला होता है। शनि लग्नेश भी है अतः लग्नेश शनि की दशा उत्तम फल देगी। शनि की दशा आपके लिए उन्नतिदायक एवं धनदायक होगी। परन्तु सूर्य की दशा अशुभ फलदायक होगी।।
चतुर्थ चरण:- उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी ग्रह सूर्य है। इसके चतुर्थ चरण का स्वामी बृहस्पति हैं। उत्तराषाढा के चौथे चरण में जन्मा जातक स्वभाव से धार्मिक एवं आध्यात्मिकता में रूचि रखने वाला होता है। उत्तराषाढा के चौथे चरण का स्वामी बृहस्पति है जो लग्नेश शनि का शत्रु है। परन्तु लग्न नक्षत्र स्वामी सूर्य का मित्र है। अतः सूर्य और बृहस्पति की दशा समान्य रहेगी और शनि की दशा लाभप्रद रहेगी।।
Panchang 08 November 2024
शुक्रवार का विशेष – शुक्रवार के दिन तेल मर्दन अर्थात तेल शरीर में मालिश करने से बिघ्न बाधायें आती हैं – (मुहूर्तगणपति)।।
शुक्रवार को क्षौरकर्म (बाल दाढी अथवा नख काटने या कटवाने) से लाभ और यश की प्राप्ति होती है । (महाभारत अनुशासनपर्व)।।
दिशाशूल – शुक्रवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो दही खाकर यात्रा कर सकते है।।
शुक्र के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए यह उपाय करना चाहिए। शुक्र की अशुभता दूर करने के लिए अपने सामर्थ्य के अनुसार रुई और दही किसी मंदिर में दान करना चाहिए। किसी भी स्त्री एवं अपनी पत्नी का भी कभी भी अपमान या निरादर नहीं करना चाहिए। उन्हें सदैव आदर और सम्मान देने का प्रयास करना चाहिए।।
शुक्रवार को सफ़ेद वस्त्र धारण करना चाहिए। इत्र एवं परफ्यूम लगाने से अशुभ शुक्र का दु:ष्प्रभाव दूर होता है। किसी नेत्रहीन व्यक्ति को सफ़ेद वस्त्र या मिठाई दान करने से अशुभ शुक्र का दु:ष्प्रभाव दूर होता है। दश वर्ष से कम आयु की कुवांरी कन्याओं को गाय के दूध से बने खीर खिलाने से अशुभ शुक्र का दु:ष्प्रभाव दूर होता है। मछलियों को आटे की गोलियां खिलाने से अशुभ शुक्र का दु:ष्प्रभाव दूर होता है। चाँदी का कड़ा पहनने एवं श्रीसूक्त का पाठ करने से अशुभ शुक्र का दु:ष्प्रभाव दूर होता है।।
शुक्रवार का विशेष टिप्स – मित्रों, आज शुक्रवार को दक्षिणावर्ती शंख से भगवान नारायण (शालिग्राम भगवान) का अभिषेक करें। यथोपचार से पूजन करें और पूजन के उपरान्त अथवा मध्य में ही श्वेत चन्दन में केशर मिलाकर भगवान को श्रद्धापूर्वक तिलक लगायें। शुक्रवार को इस प्रकार किया गया भगवान नारायण का पूजन माता महालक्ष्मी को बलात आपके घर की ओर खिंच लाता है। आज लक्ष्मी घर में आयें इसके लिये घर के ईशान कोण में देशी गाय के घी से रुई के जगह लाल धागे की बत्ती का एक दीपक जलायें।।
Panchang 08 November 2024
शुक्रवार को भूलकर भी ये काम न करें:- हमारे वैदिक सनातन धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता का होता है। जिसके अनुसार शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी का होता है। शुक्रवार के दिन जो भक्त मां लक्ष्मी की पूजा विधिपूर्वक करते हैं, उन्हें संसार के सभी सुखों की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में लक्ष्मी मां को धन की देवी माना गया है। मान्यता अनुसार शुक्रवार के दिन माँ की पूजा-आराधना करने से उनका आशीर्वाद सदैव बना रहता है।।
लेकिन इस दिन कुछ काम जिसे कभी भूलकर भी नहीं करना चाहिए। दैनिक जीवन में भी कुछ ऐसे काम होते हैं, जैसे भूलकर भी कभी किसी को भी शुक्रवार के दिन धन ना दें और ना ही उधार लें। मान्यता है, कि शुक्रवार के दिन दिया गया धन वापस लौटकर नहीं आता है। इसदिन किसी को कर्ज देने से मां लक्ष्मी नाराज होती हैं और संबंध भी खराब होते हैं।।
वैसे तो आपको कभी किसी का अपमान नहीं करना चाहिए, लेकिन शुक्रवार के दिन इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस दिन भूलकर भी महिलाओं, कन्याओं और किन्नरों का अपमान नहीं करना चाहिए। उनके बारे में अपशब्द नहीं बोलने चाहिए। महिलाओं में मां लक्ष्मी का वास होता है और उनके अपमान करने से मां लक्ष्मी भी नाराज हो जाती हैं।।
शुक्रवार के दिन अगर आप व्रत-पूजन नहीं भी करते हैं तो तामसिक भोजन खासतौर पर मांसाहार और मदिरा के सेवन से परहेज रखना चाहिए। इस दिन पूर्ण सात्विक भोजन करना चाहिए। अगर संभव हो सके तो इसको आप अपनी आदत भी बना लें।।
शुक्रवार के दिन भूलकर भी किसी को भी शक्कर नहीं देनी चाहिए। क्योंकि ज्योतिष में शक्कर का संबंध शुक्र और चंद्र दोनो से हैं। इसलिए शुक्रवार के दिन शक्कर देने से आपका शुक्र कमजोर होता है और शुक्र भौतिक सुखों का स्वामी है। शुक्र के नाराज होने से भौतिक सुख-सुवधिओं में कमी आती है और आर्थिक स्थिति भी खराब होती है।।
शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी के साथ नारायण की भी पूजा करनी चाहिए। लक्ष्मी के साथ नारायण की पूजा करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और दोनों का आशीर्वाद भी बना रहता है। अगर संभव हो सके तो सुबह या शाम किसी भी एक समय मीठा घर में जरूर बनाना चाहिए और उसको सबसे पहले घर की सबसे बड़ी स्त्री को देना चाहिए।।
शुक्रवार के दिन किसी से अपशब्दन न बोलें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी आप से अप्रसन्नम हो जाती हैं और फिर आपके साथ धन संबंधी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। घर में अपव्यमय बढ़ जाता है। लोग बीमार रहने लगते हैं। व्या पार धंधे में नुकसान होने लगता है।
साफ-सुथरे रसोईघर में मां लक्ष्मी का वास होता है। इससे घर में वैभव और सुख-शांति का प्रवाह निरंतर होता रहता है। भूलकर भी रात के समय किचन में गंदे बर्तन छोड़ना चाहिए, इससे लक्ष्मी माता रूठ जाती है और घर में अशांति फैल जाती है। साथ ही स्वास्थ्य के खराब रहने की आशंका बनी रहती है।।
Panchang 08 November 2024
मित्रों, जिस व्यक्ति का जन्म शुक्रवार को होता है वह व्यक्ति चंचल स्वभाव का होता है। ये सांसारिक सुखों में लिप्त रहने वाले होते हैं तथा तर्क करने में निपुण और नैतिकता में बढ़ चढ कर होते हैं। ऐसे लोग धनवान और कामदेव के गुणों से प्रभावित रहते हैं और इनकी बुद्धि अत्यन्त तीक्ष्ण होती है। ये ईश्वर की सत्ता में अंधविश्वास नहीं रखते हैं तथा कला के प्रति रूचि रखने वाले, सुन्दर एवं आकर्षक व्यक्तित्व के धनी होते हैं।।
ऐसे लोग सौंदर्यप्रेमी, मधुरभाषी, यात्राओं के शौकिन, सुंदर स्थानों पर घुमने वाले एवं कलाकार स्वभाव के होते हैं। इनमें सेक्स की भावना अन्यों के मुकाबले अधिक होती है। सुन्दर कपडे़ पहनने के शौकिन तथा आभूषण अर्थात ज्वेलरी प्रिय होते हैं। इनको अपना कैरियर पर्यटन से जुडे क्षेत्र, फैशन डिजायनर, कलाकार, सेक्स विशेषज्ञ, मनोचिकित्सक अथवा ज्वेलरी से सम्बन्धित व्यदवसायों में आजमाना चाहिये। इनका शुभ अंक 7 होता है तथा इनका शुभ दिन बुधवार और शुक्रवार होता है।।
आज का सुविचार – मित्रों, अगर कोई आपको नीचा दिखाना चाहता हैं तो इसका मतलब हैं आप उससे ऊपर हैं। जिनमें आत्मविश्वास की कमी होती हैं वही दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं। मुझे कौन याद करेगा इस भरी दुनिया में, हे प्रभु! बिना मतल़ब के तो लोग तुझे भी याद नही करते।।
Panchang 08 November 2024
विवाह में हो रहे विलम्ब के लिये इन साधारण उपायों से अपने जीवन को रसमय बनायें।।…. आज के इस लेख को पूरा पढने के लिये इस लिंक को क्लिक करें….. वेबसाईट पर पढ़ें: & ब्लॉग पर पढ़ें:
“क्या बाबा के सर सज रही है, UP का ताज? क्या बाबा फिर CM बन सकते हैं।।” – My Latest video.
“क्या कहती है अखिलेश यादव की कुंडली? क्या मिलेगी सत्ता?।।” – My Latest video.
“शुक्र की महादशा में सूर्य अन्तर्दशा फलम्” – My Latest video.
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Panchang 08 November 2024
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