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आज का लेख एवं आज का पञ्चांग 08 सितम्बर 2025 दिन सोमवार।।
मित्रों, तारीख 08 सितम्बर 2025 दिन सोमवार को अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। आज से महालया आरम्भ हो जाता है। आज प्रतिपदा का श्राद्ध किया जायेगा। अर्थात यदि आपके पिताजी का देहावसान जिस तारीख को हुआ है, किसी पंडित को वो तारीख बताकर पूछिये की उस तारीख को कौन सी तिथि थी? यदि प्रतिपदा हुई तो उनका श्राद्ध आज ही किया जायेगा। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म, तर्पण एवं पिंडदान किया जाता है। मान्यता है कि पितृ पक्ष में पितरों को जलार्पण करने, पिंडदान एवं श्राद्ध (पितरों का प्रिय भोजन किसी ब्राह्मण को करवाने चाहिए) करने से उनकी आत्मा तृप्त होती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। अपने पितरों एवं सम्पूर्ण चराचर जीवों को अपना पूर्वज ही हैं ऐसा मानकर एवं उनके प्रति श्रद्धा निवेदित करना चाहिए। ऐसा करना सामान्य रूप से भी मूलतः भारतीय परंपरा कितनी उदार है इसको दर्शाता है, तथा ऐसा करने से पितरों को वर्षपर्यंत सुख की प्राप्ति होती है। आप सभी सनातनियों को “पहले श्राद्ध एवं श्राद्धपक्ष” की हार्दिक शुभकामनाये।।
हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी), आज के योग और आज के करण। आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातकों पर अपनी कृपा बनाए रखें। इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव ही सर्वश्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो। ऐसी मेरी आप सभी आज के अधिष्ठात्री देवों से हार्दिक प्रार्थना है।।
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वैदिक सनातन हिन्दू पञ्चांग, Vedic Sanatan Hindu Panchang पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi), 2:- वार (Day), 3:- नक्षत्र (Nakshatra), 4:- योग (Yog) और 5:- करण (Karan).
पञ्चांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग का श्रवण करते थे। शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है। वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापों का नाश होता है। योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है। करण के पठन-श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए नित्य पञ्चांग को देखना, पढ़ना एवं सुनना चाहिए।।
आज का पञ्चांग 08 सितम्बर 2025 दिन सोमवार।।
Aaj ka Panchang 08 September 2025.
विक्रम संवत् – 2082.
संकल्पादि में प्रयुक्त होनेवाला संवत्सर – कालयुक्त.
शक – 1946.
अयन – याम्यायनम्.
गोल – सौम्य.
ऋतु – वर्षा.
मास – अश्विन.
पक्ष – कृष्ण.
गुजराती पंचांग के अनुसार – भाद्रपद कृष्ण पक्ष.
Panchang 08 September 2025
तिथि – प्रतिपदा 21:13 PM बजे तक उपरान्त द्वितीया तिथि है।।
नक्षत्र – पूर्वाभाद्रपद 20:04 PM तक उपरान्त उत्तराभाद्रपद नक्षत्र है।।
योग – धृति 06:31 AM तक उपरान्त शूल योग है।।
करण – बालव 10:29 AM तक उपरान्त कौलव 21:13 PM तक उपरान्त तैतिल करण है।।
चन्द्रमा – कुम्भ राशि पर 14:30 PM तक उपरान्त मीन राशि पर।।
सूर्य – सिंह राशि एवं पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र पर गोचर कर रहे हैं।।
मुम्बई सूर्योदय – प्रातः 06:25:07
मुम्बई सूर्यास्त – सायं 18:45:52
वाराणसी सूर्योदय – प्रातः 05:49:41
वाराणसी सूर्यास्त – सायं 18:11:37
राहुकाल (अशुभ) – सुबह 07:58 बजे से 09:31 बजे तक।।
विजय (शुभ) मुहूर्त – दोपहर 12.24 बजे से 12.48 बजे तक।।
Panchang 08 September 2025
प्रतिपदा तिथि विशेष – प्रतिपदा तिथि को कद्दू एवं कूष्माण्ड का दान एवं भक्षण दोनों ही त्याज्य बताया गया है। प्रतिपदा तिथि वृद्धि देनेवाली अर्थात किसी भी कार्य को अथवा कार्यक्षेत्र को बढ़ाने वाली तिथि मानी जाती है। साथ ही प्रतिपदा तिथि सिद्धिप्रद अर्थात कोई भी कार्य को निर्विघ्नता पूर्वक चरम तक पहुंचाने अर्थात सिद्धि तक पहुंचाने वाली तिथि भी मानी जाती है। इस प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्नि देवता को बताया गया है। यह प्रतिपदा तिथि नन्दा नाम से विख्यात मानी जाती है।।
मित्रों, इस प्रतिपदा तिथि का निर्माण शुक्ल पक्ष में तब होता है जब सूर्य और चंद्रमा का अंतर 0 डिग्री से 12 डिग्री अंश तक होता है। वहीं कृष्ण पक्ष में प्रतिपदा तिथि का निर्माण सूर्य और चंद्रमा का अंतर 181 से 192 डिग्री अंश तक होता है। प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्निदेव माने गए हैं। यदि प्रतिपदा तिथि रविवार या मंगलवार को पड़ती है तो मृत्युदा योग बनाती है। इस योग में शुभ कार्य करना वर्जित है। इसके अलावा प्रतिपदा तिथि शुक्रवार को होती है तो सिद्धा कहलाती है। ऐसे समय शुभ कार्य करने की सलाह दी जाती है। सनातनी पञ्चांगों के अनुसार भाद्रपद माह की प्रतिपदा शून्य होती है। वहीं शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा में भगवान शिव का पूजन नहीं करना चाहिए क्योंकि शिव का वास श्मशान में होता है। दूसरी ओर कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा में शिव का पूजन करना चाहिए।।
कृष्ण पक्ष प्रतिपदा को जन्मा जातक धनी एवं बुद्धिमान होगा। उन पर माता की विशेष कृपा दृष्टि बनी रहती है। जातक चंद्रमा के बलवान होने के कारण मानसिक रूप से भी बलवान होते हैं। वहीं दूसरी ओर शुक्ल पक्ष प्रतिपदा में जन्मा जातक बुरी लोगों की संगति में पड़कर बुरी आदतों के शिकार हो सकते हैं। उनके द्वारा किए गए कार्य कभी कभार उनके परिवार को ही हानि पहुंचा सकते हैं। शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि में विवाह, यात्रा, उपनयन, चौल कर्म, वास्तु कर्म व गृह प्रवेश आदि मॉगलिक कार्य नहीं करने चाहिए। इसके विपरीत कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा में आप शुभ कार्य कर सकते हैं।
मित्रों, यह प्रतिपदा तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ फलदायिनी मानी जाती है। आज प्रतिपदा तिथि को अग्निदेव से धन प्राप्ति के लिए एक अत्यंत ही प्रभावी उपाय कर सकते हैं। आज प्रतिपदा तिथि को इस अनुष्ठान से अग्निदेव से अद्भुत तेज प्राप्त करने के लिए भी आज का यह उपाय कर सकते हैं। साथ ही आज किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति भी इस अनुष्ठान के माध्यम से अग्निदेव से करवायी जा सकती हैं। इसके लिए आज अग्नि घर पर ही प्रज्ज्वलित करके गाय के शुद्ध देशी घी से (ॐ अग्नये नम: स्वाहा) इस मन्त्र से हवन करना चाहिये।।
मित्रों, ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति का जन्म प्रतिपदा तिथि में होता है वह व्यक्ति अनैतिक कार्यों में संलग्न रहने वाला होता है। ऐसा व्यक्ति कानून के विरूद्ध जाकर काम करने वाला भी होता है। ऐसे लोगों को मांस मदिरा काफी पसंद होता है अर्थात ये तामसी भोजन के शौकीन होते हैं। आम तौर पर इनकी दोस्ती ऐसे लोगों से होती है जिन्हें समाज में सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता अर्थात बदमाश और ग़लत काम करने वाले लोग।।
Panchang 08 September 2025
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के जातकों का गुण एवं स्वभाव:- यदि आपका जन्म पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में हुआ है तो आप मानवता में विश्वास रखते हुए केवल दूसरों के भले के बारे में ही सोचते हैं। आप एक दयालु और नेक दिल होने के साथ-साथ खुले विचारों वाले व्यक्ति होंगे। आप बहुत साहसी होंगे तथा दूसरों की मदद करने में सदा आगे रहेंगे। आप वाणी और विचारों से नम्र अवश्य होते हैं परन्तु व्यक्तित्व से नहीं।।
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्मे जातक अपने आदर्शो और सिद्धांतों पर ही आजीवन चलना पसंद करते हैं। आप जीवन में कभी पथभ्रष्ट नहीं होते क्योंकि आपका दृष्टिकोण सही और साफ़ होता है। आप एक शांति प्रिय व्यक्ति होंगे परन्तु शीघ्र ही किसी छोटी से छोटी बात पर भी क्रोध कर लेंगे। आपको क्रोध जितनी जल्दी आता है उतनी जल्दी चला भी जाता है।।
दूसरों के साथ आपका व्यवहार स्नेही और प्रेमपूर्ण होता है। आप एक संवेदनशील व्यक्ति होंगे जो शीघ्र ही प्रभावित हो जाते है। परन्तु न तो आप डरपोक हैं और न ही जल्दी हार मानते हैं। पूर्वाभाद्रपद में जन्मे जातक आध्यात्मिक स्वभाव वाले होते हैं। परन्तु बंद आँखों से किसी भी बात को मान लेना और उनका अनुसरण करना इनके स्वभाव में नहीं होता है। आप सही और गलत में निर्णय लेने के बाद ही दूसरों का अनुसरण करते हैं।।
आप धन के मामलों में कंजूस कहे जाते हैं। आप जीवन में कई कठिनाईयों को झेलते हुए समाज में आदर एवं सम्मान प्राप्त करते हैं। अपनी कुशाग्र बुद्धि के कारण आप किसी भी प्रकार के कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के योग्य बन जाते हैं। आप केवल स्वभाव से ही नहीं अपितु सामाजिक और आर्थिक रूप से भी स्वतंत्र जीवन पसंद करते हैं। व्यावसायिक रूप से 24 से 33 वर्ष की आयु में आप अपने जीवन में सर्वाधिक सफलता प्राप्त करेंगे।।
40 से 54 वर्ष के आयु में अपने करियर की ऊँचाईयों को छुएंगे। पूर्वाभाद्रपद के जातकों को सरकारी नौकरी, बैंक, शिक्षा और लेखन, व्यापार, ज्योतिष एवं अभिनय के क्षेत्र में कार्य करते देखा गया है। इस नक्षत्र में जन्मा जातक अपनी माता के स्नेह से वंचित रहता है। कारण जो भी हो पिता का संरक्षण और प्रेम आपको सदा प्राप्त होता है। पिता की उच्च एवं सम्माननीय स्तिथि के कारण आप सदा गौरवान्वित रहेंगे।।
परन्तु कुछ वैचारिक मतभेदों के कारण आपसी तनाव रहेगा। पूर्वाभाद्रपद में जन्मा जातक अक्सर स्त्रियों के वश में रहता है। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्मी जातिकायें जादू टोने में विश्वास रखती हैं। निराशा और शोक मग्न चेहरा पूर्वाभाद्रपद में जन्मे जातकों की निशानी बन जाती है। पैर की हड्डी का दर्द, पैर का टूटना, मधुमेह और लकवा जैसी बीमारियाँ ऐसे जातकों को परेशान करती रहती है।।
प्रथम चरण:- वैदिक ज्योतिष के अनुसार पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी गुरु ग्रह है। इस पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम चरण का स्वामी मंगल हैं। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्मा जातक शूरवीर होता है। जो वस्तु विनम्रता, प्रार्थना एवं खरीद से प्राप्त नहीं हो पाती उसे हरण करने में रूचि रखता है। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी बृहस्पति शनि का शत्रु है परन्तु मंगल का मित्र है। अतः मंगल की दशा शुभ फल एवं भौतिक सम्पन्नता देती है। परन्तु बृहस्पति की दशा में अपेक्षित शुभ फल नहीं मिल पाएगा। साथ ही शनि की दशा-अन्तर्दशा शुभ फल देती है।।
द्वितीय चरण:- पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी गुरु ग्रह है। इस पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के द्वितीय चरण का स्वामी शुक्र हैं। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के द्वितीय चरण में जन्मा जातक अति बुद्धिमान होता है। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी बृहस्पति शुक्र का शत्रु है तथा शुक्र शनि का भी शत्रु है। अतः शुक्र की दशा अपेक्षित शुभ फल नहीं दे पाएगी। बृहस्पति की स्वतंत्र दशा में पराक्रम बढेगा। शनि की दशा में जातक की उन्नत्ति होगी।।
तृतीय चरण:- पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी गुरु ग्रह है। इस पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के तृतीय चरण का स्वामी बुध हैं। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के तृतीय चरण में जन्मे जातक का विकास और उन्नत्ति बड़े शहर में रहने के कारण होती है। छोटे गाँव कस्बों में जातक उन्नत्ति नहीं कर पायेगा। बुध की नक्षत्र स्वामी बृहस्पति से शत्रुता है। परन्तु लग्नेश शनि से मित्रता है अतः बुध की दशा शुभ फलदायी होगी। बृहस्पति की स्वतंत्र दशा में पराक्रम बढेगा। शनि की दशा में जातक की उन्नत्ति होगी।।
चतुर्थ चरण:- वैदिक ज्योतिष के अनुसार पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी गुरु ग्रह है। इस पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के चतुर्थ चरण का स्वामी चन्द्रमा हैं। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के चौथे चरण में जन्मा जातक भोगी होता है। लग्न नक्षत्र स्वामी और नक्षत्र चरण स्वामी में परस्पर मित्रता है। अतः लग्नेश गुरु की दशा अति उत्तम फल देगी। गुरु की दशा में जातक को रोजगार के शुभ अवसर प्राप्त होंगे। चन्द्रमा की दशा धार्मिक यात्राएं एवं भाग्योदय के उत्तम अवसर प्रदान करेंगी। लग्न बली न होने के कारण जातक के विकास में अडचने आएँगी।।
Panchang 08 September 2025
सामान्यतया सोमवार शॉपिंग के लिए अच्छा दिन माना जाता है।।
सोमवार का विशेष – सोमवार के दिन तेल मर्दन अर्थात् तेल मालिश करने से चहरे और शरीर की कान्ति बढ़ती है – (मुहूर्तगणपति)।।
सोमवार को क्षौरकर्म (बाल दाढी अथवा नख काटने या कटवाने) से शिव भक्ति की हानि होती है। पुत्रवान पिता को तो कदापि नहीं करना चाहिये। (महाभारत अनुशासनपर्व)।।
दिशाशूल – सोमवार को पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो कोई दर्पण देखकर घर से प्रस्थान कर सकते है।।
सोमवार के दिन ये विशेष उपाय करें – सोमवार को भगवान शिव का दर्शन एवं पूजन अवश्य करना चाहिए। कच्चा दूध, शहद, काला तिल, बिल्वपत्र एवं पञ्चामृत शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है घर में कोई रोगी नहीं होता एवं सभी मनोकामनाओं की सिद्धि तत्काल होती है।।
Panchang 08 September 2025
मित्रों, जिस व्यक्ति का जन्म सोमवार को होता है, वो जातक शांत प्रवृत्ति के गौर वर्ण लिए हुये होते हैं। सोमवार चन्द्र प्रधान दिन होता है, इसलिये इस जातक में कल्पनाशीलता, दया भाव, नम्रता के गुण परिलक्षित होते हैं। माता के प्रिय एवं सद्गुणों से युक्त ये जातक कवि ह्रदय, सफेद वस्तुओं से लाभ पाने वाला, यात्रा का शौकीन, जलाशयों एवं प्रकृति का प्रेमी होता है।।
सोमवार को जन्म लेने वाला व्यक्ति बुद्धिमान होता है। इनकी प्रकृति यानी इनका स्वभाव शान्त होता है। इनकी वाणी मधुर और मोहित करने वाली होती है। ये स्थिर स्वभाव वाले होते हैं सुख हो या दु:ख सभी स्थिति में ये समान रहते हैं। धन के मामले में भी ये भाग्यशाली होते हैं तथा इन्हें सरकार एवं समाज से मान-सम्मान मिलता है।।
इस दिन जन्म लेने वाले जातक को पर्यावरण के क्षेत्र में, समुद्र विज्ञान के क्षेत्र में, पानी से जुड़े रोजगार जैसे मत्य् क पालन या मछली का व्यवसाय, पत्थरों का व्यवसाय, कपड़े का व्यंवसाय शुद्ध फलता है। इनके लिए सफेद रंग सदा शुभकारी होता है इसलिए कैरियर के लिहाज से आप जहां भी जायें सफेद रुमाल अपनी जेब में रखें और उस क्षेत्र को ही चुने जिसमें सफेद रंग की प्रधानता हो, जैसे पानी, कपड़ा, फूल, पत्थयर आदि से जुड़ा व्यवसाय।।
आज का सुविचार – मित्रों, जीना हैं, तो उस दीपक की तरह जियो जो बादशाह के महल में भी उतनी ही रोशनी देता हैं जितनी किसी गरीब की झोपड़ी में। जो भाग्य में हैं वह भाग कर आयेगा और जो भाग्य में नही हैं वह आकर भी भाग जायेगा। हँसते रहो तो दुनिया साथ हैं, वरना आँसुओं को तो आँखो में भी जगह नही मिलती।।
Panchang 08 September 2025
चन्द्रमा द्वारा निर्मित कुछ अतुलनीय धनदायक योग।।…… आज के इस पुरे लेख को पढ़ने के लिये इस लिंक को क्लिक करें…. वेबसाईट पर पढ़ें: & ब्लॉग पर पढ़ें:
ॐ अथ शिवप्रातः स्मरणस्तोत्रम् – यहाँ क्लिक करें और पढ़ें:
“मकर राशि वालों के मृत्यु का योग।। Makar Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.
“तुला राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी।। Tula Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.
“मिथुन राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी। Mithun Rashi Walo Ki Mrityu.
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Panchang 08 September 2025
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