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आज का लेख एवं आज का पञ्चांग 11 नवम्बर 2024 दिन सोमवार।।
मित्रों, तारीख 11 नवम्बर 2024 दिन सोमवार को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। आज ही के दिन इन्द्र देवता द्वारा किये जा रहे घनघोर वर्षा की हार हुई थी भगवान श्रीकृष्ण से, इसलिए आज के दिन भगवान का विजयोत्सव मनाया जाता है। आज सम्पूर्ण दिवस रवियोग ही है एवं पुनः रवियोग ही है, जो अत्यंत शुभ है। आप सभी सनातनियों को आज अपने किसी विशिष्ट इच्छा को लेकर यम देवता अथवा भैरव मन्दिर में जाना चाहिए। और सामान्य पूजन सामग्री एवं अपनी इच्छा लेकर जायें। फिर अगले दिन तत्काल ही चमत्कार देखें। आप सभी सनातनियों को “श्रीकृष्ण विजयोत्सव के पावन व्रत” की हार्दिक शुभकामनायें।।
हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी), आज के योग और आज के करण। आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातकों पर अपनी कृपा बनाए रखें। इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव ही सर्वश्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो। ऐसी मेरी आप सभी आज के अधिष्ठात्री देवों से हार्दिक प्रार्थना है।।
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।। पधारने हेतु भागवत प्रवक्ता – स्वामी धनञ्जय महाराज की ओर से आपका ह्रदय से धन्यवाद। आपका आज का दिन मंगलमय हो। अपने गाँव, शहर अथवा सोसायटी में भागवत कथा के आयोजन हेतु कॉल – 9375118850 करें या इस लिंक को क्लिक करें।।
वैदिक सनातन हिन्दू पञ्चांग, Vedic Sanatan Hindu Panchang पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi), 2:- वार (Day), 3:- नक्षत्र (Nakshatra), 4:- योग (Yog) और 5:- करण (Karan).
पञ्चांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग का श्रवण करते थे। शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है। वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापों का नाश होता है। योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है। करण के पठन-श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए नित्य पञ्चांग को देखना, पढ़ना एवं सुनना चाहिए।।
आज का पञ्चांग 11 नवम्बर 2024 दिन सोमवार।।
Aaj ka Panchang 11 November 2024.
विक्रम संवत् – 2081.
संकल्पादि में प्रयुक्त होनेवाला संवत्सर – पिङ्गल.
शक – 1946.
अयन – दक्षिणायन.
गोल – उत्तर.
ऋतु – शरद.
मास – कार्तिक.
पक्ष – शुक्ल.
गुजराती पंचांग के अनुसार – कार्तिक शुक्ल पक्ष.
Panchang 11 November 2024
तिथि – दशमी 18:48 PM बजे तक उपरान्त एकादशी तिथि है।।
नक्षत्र – शतभिषा 09:41 AM तक उपरान्त पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र है।।
योग – व्याघात 22:37 PM तक उपरान्त हर्षण योग है।।
करण – तैतिल 07:59 AM तक उपरान्त गर 18:48 PM तक उपरान्त वणिज करण है।।
चन्द्रमा – कुम्भ राशि पर।।
सूर्य – कन्या राशि एवं विशाखा नक्षत्र पर गोचर कर रहे हैं।।
मुम्बई सूर्योदय – प्रातः 06:46:36
मुम्बई सूर्यास्त – सायं 17:57:15
वाराणसी सूर्योदय – प्रातः 06:34:41
वाराणसी सूर्यास्त – सायं 17:26:31
राहुकाल (अशुभ) – सुबह 08:11 बजे से 09:35 बजे तक।।
विजय (शुभ) मुहूर्त – दोपहर 12.10 बजे से 12.34 बजे तक।।
Panchang 11 November 2024
दशमी तिथि विशेष – दशमी तिथि को कलम्बी एवं परवल का सेवन वर्जित है। दशमी तिथि धर्मिणी और धनदायक तिथि मानी जाती है। यह दशमी तिथि पूर्णा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह दशमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायिनी मानी जाती है। दशमी को धन देनेवाली अर्थात धनदायक तिथि माना जाता है। इस दिन आप धन प्राप्ति हेतु उद्योग करते हैं तो सफलता कि उम्मीदें बढ़ जाती हैं। यह दशमी तिथि धर्म प्रदान करने वाली तिथि भी माना जाता है। अर्थात इस दिन धर्म से संबन्धित कोई बड़े अनुष्ठान वगैरह करने-करवाने से सिद्धि अवश्य मिलती है। इस दशमी तिथि में वाहन खरीदना उत्तम माना जाता है। इस दशमी तिथि को सरकारी कार्यालयों से सम्बन्धित कार्यों को आरम्भ करने के लिये भी अत्यंत शुभ माना जाता है।।
दशमी तिथि के देवता यमराज जी बताये जाते हैं। यमराज दक्षिण दिशा के स्वामी माने जाते हैं। इस दशमी तिथि में यमराज के पूजन करने से जीव अपने समस्त पापों से छुट जाता है। पूजन के उपरान्त क्षमा याचना (प्रार्थना) से जीव नरक कि यातना एवं जीवन के सभी संकटों से मुक्त हो जाता है। इस दशमी तिथि को यम के निमित्ति घर के बाहर दीपदान करना चाहिये, इससे अकाल मृत्यु के योग भी टल जाते हैं।।
दशमी तिथि को जिस व्यक्ति का जन्म होता है, वो लोग देशभक्ति तथा परोपकार के मामले में बड़े तत्पर एवं श्रेष्ठ होते हैं। देश एवं दूसरों के हितों के लिए ये सर्वस्व न्यौछावर करने को भी तत्पर रहते हैं। इस तिथि में जन्म लेनेवाले जातक धर्म-अधर्म के बीच के अन्तर को अच्छी तरह समझते हैं और हमेशा धर्म पर चलने वाले होते हैं।।
Panchang 11 November 2024
शतभिषा नक्षत्र के जातकों का गुण एवं स्वभाव:- शतभिषा नक्षत्र में जन्मा जातक बहुत साहसी एवं मजबूत विचारों वाला होता है। अत्यधिक सामर्थ्य एवं स्थिर बुद्धि के होते हुए भी कभी-कभी जिद्दी और संवेदनहीन प्रतीत होते हैं। सभी प्रकार से ज्ञानी होते हुए भी आप आत्म केन्द्रित होते हैं। आप अधिक संतान वाले एवं दीर्घायु होते हैं। शतभिषा नक्षत्र के जातक रहस्यमय एवं समृद्धशाली व्यक्ति होते हैं। इनको अपने आस-पास के लोगों से सम्मान प्राप्त होता है।।
यदि आपका जन्म शतभिषा नक्षत्र में हुआ है तो आप अत्यंत आकर्षक और मजबूत व्यक्तित्व के स्वामी होंगे। आपकी उपस्थिति गरिमामय और प्रभावशाली होती है जो कि दूसरों को आपकी ओर आकर्षित होने को विवश कर देती हैं। चौड़ा माथा, तीखी नाक और सुंदर नेत्रों के कारण आप और भी आकर्षक दिखते हैं। तेज़ स्मरण शक्ति आपके व्यक्तित्व को और मजबूती देती है।।
शतभिषा नक्षत्र के जातकों में सकारात्मक और नकारात्मक पहलू का संतुलित समावेश रहता है। आप अपने सिद्धांतों पर अडिग रहते हैं और किसी भी कीमत पर उनसे समझौता नहीं करते। जिस कार्य को आप उचित नहीं समझते वह कार्य करने के लिए आपको कोई बाध्य नहीं कर सकता। आप सहृदय व्यक्ति होंगे जो कोमल स्वभाव के कारण सदा ही दूसरों की मदद के लिए तैयार रहते हैं।।
आप किसी को हानि नहीं पहुंचाते जब तक की सामने वाला आपको नुक्सान न पहुंचाए। आप एक बुद्धिमान व्यक्ति हे जो इश्वर में पूर्ण आस्था रखते हैं। आप सादा जीवन ब्यतित करने में ही विश्वास रखते हैं। परन्तु आपके व्यक्तित्व से आकर्षित हुए बिना कोई नहीं रह सकता। आप जीवन में खूब प्रशंसा और सम्मान पाते हैं। अपने कार्यक्षेत्र में आप पूरी लगन और मेहनत के साथ काम करते हैं और निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ते रहते हैं।।
अच्छी शिक्षा के कारण आप जीवन में बहुत पहले ही अपने करियर का आरंभ कर लेते हैं। 34 वर्ष तक आप संघर्षरत रहते हैं परन्तु उसके बाद का समय बिना किसी बड़ी रुकावट के आपको उन्नति देता है। आपका पारिवारिक जीवन आपके व्यावसायिक जीवन की भांति सुखपूर्वक नहीं होता है। आप अपने परिजनों के कारण जीवन में बहुत कठिनाइयाँ झेलते हैं। हालाँकि आपका व्यवहार उनके प्रति प्रेमपूर्ण ही रहता है।।
इस कारण शतभिषा नक्षत्र के जातक मानसिक रूप से अशांत रहते हैं। पिता की अपेक्षा माता से आपको अधिक लगाव रहता है। साथ ही आपको भी उनसे बहुत स्नेह भी मिलता है। शतभिषा के जातकों का दांपत्य जीवन सुखमय नहीं होता है। सब कुछ होते हुए भी आपका अपने जीवन साथी के साथ सदा ही मतभेद रहता है। शतभिषा नक्षत्र में जन्मी जातिकायें कर्मपरायण एवं परोपकारी होती हैं।।
शतभिषा नक्षत्र में जन्मी जातिकायें सादे किन्तु आकर्षक व्यक्तित्व के कारण लम्बे अरसे तक स्मरण रखी जाती है। शतभिषा नक्षत्र में जन्मे जातक बिगड़े हुए काम को भी बड़े सूझ-बूझ के साथ बना देते हैं। शतभिषा नक्षत्र के जातक ह्रदय रोग, उच्च रक्तचाप, मुख से सम्बंधित अथवा गुप्त रोगों के शिकार हो ही जाते हैं।।
प्रथम चरण:- शतभिषा नक्षत्र का स्वामी राहु है। शतभिषा नक्षत्र में जन्म होने पर जन्म राशि कुंभ तथा राशि का स्वामी शनि, वर्ण शूद्र, वश्य नर, योनि अश्व, योनि महिष, गण राक्षस तथा नाड़ी आदि हैं। ऐसे जातक पर राहु और शनि का प्रभाव रहता है। इस शतभिषा नक्षत्र के प्रथम चरण का स्वामी बृहस्पति हैं। शतभिषा नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्मा जातक कुशल वक्ता होता है। शतभिषा नक्षत्र के प्रथम चरण का स्वामी बृहस्पति शनि का शत्रु है और राहु का भी शत्रु है। अतः बृहस्पति की दशा अपेक्षित फल नहीं देती है। बृहस्पति में राहु एवं शनि की अंतरदशा कष्टदायी होगा। परन्तु राहु की दशा उत्तम फल देती है।।
द्वितीय चरण:- शतभिषा नक्षत्र का स्वामी राहु है। इस शतभिषा नक्षत्र के द्वितीय चरण का स्वामी शनि हैं। शतभिषा नक्षत्र के दूसरे चरण में जन्मा जातक अपने समाज के अग्रगण्य धनवानों में गिने जाते हैं। शतभिषा नक्षत्र के दूसरे चरण का स्वामी शनि लग्नेश भी है। अतः शनि की दशा शुभ फलदायी होती है। राहु की स्वतंत्र दशा उत्तम फल देगी, परन्तु राहु में शनि या शनि में राहु की अन्तर्दशा शत्रु तुल्य कष्ट देगी।।
तृतीय चरण:- शतभिषा नक्षत्र का स्वामी राहु है। इस शतभिषा नक्षत्र के तृतीय चरण का स्वामी शनि हैं। शतभिषा नक्षत्र के तीसरे चरण में जन्मा जातक अपने समाज में सुखी एवं संपन्न व्यक्ति होता है। शतभिषा नक्षत्र के तीसरे चरण का स्वामी शनि लग्नेश भी है। अतः शनि की दशा शुभ फल देती है। राहु की स्वतंत्र दशा उत्तम फल देती है परन्तु राहु में शनि या शनि में राहु की अन्तर्दशा शत्रु तुल्य कष्ट देती है।।
चतुर्थ चरण:- शतभिषा नक्षत्र का स्वामी राहु है। इस शतभिषा नक्षत्र के चतुर्थ चरण का स्वामी बृहस्पति हैं। शतभिषा नक्षत्र के चौथे चरण में जन्मे जातक का पुत्र योग प्रबल होता है। शतभिषा नक्षत्र के चौथे चरण का स्वामी बृहस्पति शनि का शत्रु है और राहु का भी शत्रु है। अतः बृहस्पति की दशा अपेक्षित फल नहीं देती है। लग्नेश शनि की दशा-अन्तर्दशा जातक को उत्तम स्वस्थ्य एवं उन्नत्ति देती है।।
Panchang 11 November 2024
सामान्यतया सोमवार शॉपिंग के लिए अच्छा दिन माना जाता है।।
सोमवार का विशेष – सोमवार के दिन तेल मर्दन अर्थात् तेल मालिश करने से चहरे और शरीर की कान्ति बढ़ती है – (मुहूर्तगणपति)।।
सोमवार को क्षौरकर्म (बाल दाढी अथवा नख काटने या कटवाने) से शिव भक्ति की हानि होती है। पुत्रवान पिता को तो कदापि नहीं करना चाहिये। (महाभारत अनुशासनपर्व)।।
दिशाशूल – सोमवार को पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो कोई दर्पण देखकर घर से प्रस्थान कर सकते है।।
सोमवार के दिन ये विशेष उपाय करें – सोमवार को भगवान शिव का दर्शन एवं पूजन अवश्य करना चाहिए। कच्चा दूध, शहद, काला तिल, बिल्वपत्र एवं पञ्चामृत शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है घर में कोई रोगी नहीं होता एवं सभी मनोकामनाओं की सिद्धि तत्काल होती है।।
Panchang 11 November 2024
मित्रों, जिस व्यक्ति का जन्म सोमवार को होता है, वो जातक शांत प्रवृत्ति के गौर वर्ण लिए हुये होते हैं। सोमवार चन्द्र प्रधान दिन होता है, इसलिये इस जातक में कल्पनाशीलता, दया भाव, नम्रता के गुण परिलक्षित होते हैं। माता के प्रिय एवं सद्गुणों से युक्त ये जातक कवि ह्रदय, सफेद वस्तुओं से लाभ पाने वाला, यात्रा का शौकीन, जलाशयों एवं प्रकृति का प्रेमी होता है।।
सोमवार को जन्म लेने वाला व्यक्ति बुद्धिमान होता है। इनकी प्रकृति यानी इनका स्वभाव शान्त होता है। इनकी वाणी मधुर और मोहित करने वाली होती है। ये स्थिर स्वभाव वाले होते हैं सुख हो या दु:ख सभी स्थिति में ये समान रहते हैं। धन के मामले में भी ये भाग्यशाली होते हैं तथा इन्हें सरकार एवं समाज से मान-सम्मान मिलता है।।
इस दिन जन्म लेने वाले जातक को पर्यावरण के क्षेत्र में, समुद्र विज्ञान के क्षेत्र में, पानी से जुड़े रोजगार जैसे मत्य् क पालन या मछली का व्यवसाय, पत्थरों का व्यवसाय, कपड़े का व्यंवसाय शुद्ध फलता है। इनके लिए सफेद रंग सदा शुभकारी होता है इसलिए कैरियर के लिहाज से आप जहां भी जायें सफेद रुमाल अपनी जेब में रखें और उस क्षेत्र को ही चुने जिसमें सफेद रंग की प्रधानता हो, जैसे पानी, कपड़ा, फूल, पत्थयर आदि से जुड़ा व्यवसाय।।
आज का सुविचार – मित्रों, जीना हैं, तो उस दीपक की तरह जियो जो बादशाह के महल में भी उतनी ही रोशनी देता हैं जितनी किसी गरीब की झोपड़ी में। जो भाग्य में हैं वह भाग कर आयेगा और जो भाग्य में नही हैं वह आकर भी भाग जायेगा। हँसते रहो तो दुनिया साथ हैं, वरना आँसुओं को तो आँखो में भी जगह नही मिलती।।
Panchang 11 November 2024
चन्द्रमा द्वारा निर्मित कुछ अतुलनीय धनदायक योग।।…… आज के इस पुरे लेख को पढ़ने के लिये इस लिंक को क्लिक करें…. वेबसाईट पर पढ़ें: & ब्लॉग पर पढ़ें:
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Panchang 11 November 2024
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