बालाजी वेद, वास्तु एवं ज्योतिष केन्द्र।।
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आज का लेख एवं आज का पञ्चांग 11 सितम्बर 2025 दिन गुरुवार।।
मित्रों, तारीख 11 सितम्बर 2025 दिन गुरुवार को अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। आज चौथे दिन का श्राद्ध किया जायेगा। अर्थात यदि आपके पिताजी का देहावसान जिस तारीख को हुआ है, किसी पंडित को वो तारीख बताकर पूछिये की उस तारीख को कौन सी तिथि थी? यदि तृतीया तिथि हुई तो उनका श्राद्ध आज ही किया जायेगा। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म-तर्पण एवं पिंडदान किया जाता है। मान्यता है कि पितृ पक्ष में पितरों को जलार्पण करने, पिंडदान एवं श्राद्ध (पितरों का प्रिय भोजन किसी ब्राह्मण को करवाने) करने से उनकी आत्मा तृप्त होती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। अपने पितरों एवं सम्पूर्ण चराचर जीवों को अपना पूर्वज मानकर एवं उनके प्रति श्रद्धा निवेदित करना चाहिए। ऐसा करना सामान्य रूप से भी मूलतः भारतीय परंपरा कितनी उदार है इसको दर्शाता है, तथा ऐसा करने से पितरों को वर्षपर्यंत सुख की प्राप्ति होती है। आज केथारगौरी व्रत दक्षिण भारत में मनाया जाता है। आज मणिपुर में तर्पणलयबा मनाया जाता है। आज ही के दिन केरल के महापुरुष श्रीनारायण गुरु जी का समाधी हुआ था। आज सर्वार्थसिद्धियोग भी है। आप सभी सनातनियों को “चौथे दिन के श्राद्ध” की हार्दिक शुभकामनाये।।
हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी), आज के योग और आज के करण। आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातकों पर अपनी कृपा बनाए रखें। इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव ही सर्वश्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो। ऐसी मेरी आप सभी आज के अधिष्ठात्री देवों से हार्दिक प्रार्थना है।।
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।। पधारने हेतु भागवत प्रवक्ता – स्वामी धनञ्जय महाराज की ओर से आपका ह्रदय से धन्यवाद। आप का आज का दिन मंगलमय हो। अपने गाँव, शहर अथवा सोसायटी में भागवत कथा के आयोजन हेतु कॉल – 9375118850 करें या इस लिंक को क्लिक करें।।
वैदिक सनातन हिन्दू पञ्चांग, Vedic Sanatan Hindu Panchang पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi), 2:- वार (Day), 3:- नक्षत्र (Nakshatra), 4:- योग (Yog) और 5:- करण (Karan).
पञ्चांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग का श्रवण करते थे। शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है। वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापों का नाश होता है। योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है। करण के पठन-श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए नित्य पञ्चांग को देखना, पढ़ना एवं सुनना चाहिए।।
आज का पञ्चांग 11 सितम्बर 2025 दिन गुरुवार।।
Aaj ka Panchang 11 September 2025.
विक्रम संवत् – 2082.
संकल्पादि में प्रयुक्त होनेवाला संवत्सर – कालयुक्त.
शक – 1946.
अयन – याम्यायनम्.
गोल – सौम्य.
ऋतु – वर्षा.
मास – अश्विन.
पक्ष – कृष्ण.
गुजराती पंचांग के अनुसार – भाद्रपद कृष्ण पक्ष.
Panchang 11 September 2025
तिथि – चतुर्थी 12:47 PM बजे तक उपरान्त पञ्चमी तिथि है।।
नक्षत्र – अश्विनी 13:59 PM तक उपरान्त भरणी नक्षत्र है।।
योग – ध्रुव 17:06 PM तक उपरान्त व्याघात योग है।।
करण – बालव 12:47 PM तक उपरान्त कौलव 23:22 PM तक उपरान्त तैतिल करण है।।
चन्द्रमा – मेष राशि पर।।
सूर्य – सिंह राशि एवं पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र पर गोचर कर रहे हैं।।
मुम्बई सूर्योदय – प्रातः 06:25:46
मुम्बई सूर्यास्त – सायं 18:43:08
वाराणसी सूर्योदय – प्रातः 05:51:39
वाराणसी सूर्यास्त – सायं 18:09:45
राहुकाल (अशुभ) – सुबह 14:07 बजे से 15:39 बजे तक।।
विजय मुहूर्त (शुभ) – दोपहर 12.23 बजे से 12.47 बजे तक।।
Panchang 11 September 2025
चतुर्थी तिथि विशेष – चतुर्थी तिथि को मूली एवं पञ्चमी तिथि को बिल्वफल त्याज्य बताया गया है। इस चतुर्थी तिथि में तिल का दान और भक्षण दोनों त्याज्य होता है। इसलिए चतुर्थी तिथि को मूली और तिल एवं पञ्चमी को बिल्वफल नहीं खाना न ही दान करना चाहिए। चतुर्थी तिथि एक खल और हानिप्रद तिथि मानी जाती है। इस चतुर्थी तिथि के स्वामी गणेश जी हैं तथा यह चतुर्थी तिथि रिक्ता नाम से विख्यात मानी जाती है। यह चतुर्थी तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभफलदायिनी मानी गयी है।।
इस चतुर्थी तिथि में तिल का दान और भक्षण दोनों भी त्याज्य है। आज गणपति, गजानन, विघ्नहर्ता श्री गणेशजी की पूजा का विशेष महत्त्व है। आज गणपति की पूजा के उपरान्त मोदक, बेशन के लड्डू एवं विशेष रूप से दूर्वादल का भोग लगाना चाहिये इससे मनोकामना की सिद्धि तत्काल होती है।।
मित्रों, ज्योतिष शास्त्रानुसार जिस व्यक्ति का जन्म चतुर्थी तिथि को होता है वह व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है। चतुर्थी तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति बुद्धिमान एवं अच्छे संस्कारों वाला होता है। ऐसे लोग अपने मित्रों के प्रति प्रेम भाव रखते हैं तथा इनकी सन्तानें अच्छी होती है। इन्हें धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है और ये सांसारिक सुखों का पूर्ण उपभोग करते हैं।।
Panchang 11 September 2025
अश्विनी नक्षत्र के जातकों का गुण एवं स्वभाव:- अश्विनी नक्षत्र में जन्मे जातक सामान्यतः सुन्दर, चतुर, सौभाग्यशाली एवं स्वतंत्र विचारों वाले होते हैं। वह पारंपरिक रूढ़ीवादी विचारधारा से विपरीत अपनी आधुनिक सोच के लिए मित्रों में प्रिसिद्ध होते हैं। आप सभी से बहुत प्रेम करने वाले होते हैं परन्तु आप अपने ऊपर किसी का भी दबाव बर्दास्त नहीं करते हैं। आपको स्वतंत्र कार्य करने एवं निर्णय लेने की आदत होती है।।
इसलिए किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप आपको पसंद नहीं होता है। आपकी उन्नति भी स्वतंत्र कार्य करने और स्वतंत्र निर्णय लेने के कारण ही होती है। आप स्वभाव से गुणी, धैर्यवान एवं प्रखर बुद्धि के स्वामी होते हैं। धन ऐश्वर्य से युक्त जीवन में आपको किसी भी प्रकार का अभाव नहीं झेलना पड़ेगा। अपने कार्य के प्रति रुझान और लगन के कारण आप कम उम्र में ही सफलता प्राप्त करते हैं एवं आपका यश और कीर्ति समाज में चारों और फैलता है।।
आप अन्तर्मुखी एवं धैर्यवान होते हैं और जल्द ही किसी की बातों का विश्वास नहीं करते। आपको अपने मनोभाव पर नियंत्रण रखने में कभी-कभी कठिनाई महसूस होती है परन्तु यह आवश्यक भी है। क्रोध आने पर आप किसी की भी नहीं सुनते। आप आत्म नियंत्रण खो बैठते हैं और क्रोध में कई बार अपनी ही हानि करा बैठते हैं। आपको क्रोध जितनी शीघ्रता से आता है उतनी ही तीव्रता से उतर भी जाता है।।
अश्विनी नक्षत्र में जन्मे जातक अक्सर सेक्स के मामलों में उतावले होते हैं। किसी भी स्त्री से मिलने के बाद आप उसके प्रति विशेष रुझान एवं लगाव महसूस करने लगते हैं और यही आपकी सबसे बड़ी कमजोरी है। आप अपने कार्य सज्जनता की उपेक्षा लड़ाई-झगड़े से करवाने में सदा सक्षम रहते हैं। अश्वनी नक्षत्र के जातक साज-सज्जा में अधिक विश्वास रखते हैं। इसलिए सदा ही आकर्षक, महंगी और आरामदायक वस्तुओं में रूचि रखते है।।
अपने जीवन के 30 वर्ष तक आप कई प्रकार के उतार चढ़ाव झेलते हैं। उसके उपरान्त ही आपका आगे बढ़ने का रास्ता साफ़ और सुगम होता है। आप अपने परिवार से बहुत जुड़े हुए रहते हैं परन्तु कुछ परिजन आपके जिद्दीपन के कारण आपको पसंद नहीं करते। पिता की अपेक्षा आपको माता से अधिक सहयोग और प्रेम प्राप्त होता है। 26 से 30 वर्ष की आयु में विवाह संभव है। संतान में पुत्र संतति की संभावना अधिक होगी।।
इस अश्विनी नक्षत्र में जन्मी स्त्रियाँ सुन्दर, धन-धान्य से युक्त, श्रृंगार में रूचि रखने वाली होती हैं। अश्वनी नक्षत्र में जन्मी महिलाएं मीठा बोलती हैं और बहुत अधिक सहनशील भी होती है। माता-पिता की लाडली एवं आज्ञाकारी पुत्री होने के साथ-साथ ईश्वर में भी पूरी आस्था रखती हैं। सदा बड़ों का आदर एवं गुरु का सम्मान करने वाली होती है। अश्वनी नक्षत्र में जन्मी स्त्रियाँ मनोहर छवि वाली एवं बुद्धिशाली होती है।।
अश्विनी नक्षत्र में जन्मे जातक समाज और मित्रों में लोकप्रिय होते हैं। अश्वनी नक्षत्र में जन्मे जातकों के दिमाग से सम्बंधित रोग, मलेरिया एवं चेचक जैसी बीमारियों से ग्रसित होने की संभावनायें अधिक होती हैं।।
प्रथम चरण:- ज्योतिष शास्त्र में अश्विनी नक्षत्र पहला नक्षत्र है। भचक्र में शून्य से 13 अंश 20 कला तक का विस्तार अश्विनी नक्षत्र के अधिकार में आता है। अश्विनी नक्षत्र का स्वामी ग्रह केतु है। इसके प्रथम चरण का स्वामी ग्रह मंगल हैं। प्रथम चरण में जन्मे जातकों को दूसरों की वस्तुएं उठाने की आदत होती है। जन्म नक्षत्र स्वामी केतु, लग्नेश मंगल का मित्र होने के कारण जातक की मंगल एवं केतु की दशा शुभ फल देंगी। मंगल ग्रह भी शुभ फल देता है।।
द्वितीय चरण:- अश्विनी नक्षत्र का स्वामी ग्रह केतु है। इसके द्वितीय चरण का स्वामी शुक्र हैं। अश्वनी के द्वितीय चरण में जन्म होने के कारण जातक कड़ी मेहनत से कतरायेगा और छोटे-छोटे अल्प अवधी वाले कार्य करने में रूचि रखेगा। जन्म नक्षत्र स्वामी केतु लग्नेश मंगल का मित्र है और नक्षत्र के चरण का स्वामी शुक्र भी केतु से मित्रता पूर्वक व्यवहार रखता है। इसलिए जातक की मंगल, शुक्र एवं केतु की दशायें भी शुभ फल ही देती हैं।।
तृतीय चरण:- अश्विनी नक्षत्र का स्वामी ग्रह केतु है। इसके तृतीय इस चरण का स्वामी बुध हैं। शास्त्रों के अनुसार अश्वनी नक्षत्र के तीसरे चरण में जन्मा जातक सुन्दर, धनी एवं ऐश्वर्यशाली होते हैं। मंगल और केतु की दशा अति उत्तम फल देती है। परन्तु नक्षत्र चरण का स्वामी बुध केतु से शत्रु भाव रखता है। इस कारण बुध की दशा में जातक अशांत एवं विचलित रहेगा।।
चतुर्थ चरण:- अश्विनी नक्षत्र का स्वामी ग्रह केतु है। इसके चतुर्थ चरण का स्वामी चन्द्रमा हैं। शास्त्रों के अनुसार अश्वनी नक्षत्र के चौथे चरण में जन्मे जातक भोगी एवं दीर्घायु होते है। नक्षत्र स्वामी केतु, लग्नेश मंगल का मित्र है। नक्षत्र चरण स्वामी चन्द्रमा, केतु से शत्रु भाव रखता है। अतः जातक को मंगल एवं केतु की दशा उत्तम फल देती है। परन्तु चन्द्रमा की दशा में जातक अशांत एवं उद्विग्न रहता है।।
Panchang 11 September 2025
गुरुवार शॉपिंग के लिये अच्छा दिन माना जाता है।।
गुरुवार का विशेष – गुरुवार के दिन तेल मर्दन करने से धन एवं यश की हानि होती है – (मुहूर्तगणपति)।।
गुरुवार को क्षौरकर्म (बाल दाढी अथवा नख काटने या कटवाने) से तथा सर के बाल धोना, कपड़े धुलना अथवा धोबी के घर डालना, घर-आँगन की गोबर आदि से लिपाई करना इस प्रकार के कार्य नहीं करने चाहियें इससे धन एवं पूण्य की हानी होती है और लक्ष्मी घर छोड़कर चली जाती है।। (महाभारत अनुशासनपर्व)।।
महिलाओं की जन्मकुंडली में बृहस्पति पति का कारक ग्रह होता है। साथ ही बृहस्पति ही संतान का कारक ग्रह भी होता है। इसलिये बृहस्पति ग्रह अकेले ही स्त्री के संतान और पति दोनों के जीवन को प्रभावित करता है। अतः बृहस्पतिवार को सिर धोना बृहस्पति को कमजोर बनाता है जिससे कि बृहस्पति के शुभ प्रभाव में कमी आती है। इसी कारण से इस दिन बाल धोना या कटवाना भी नहीं चाहिए। इसका असर संतान और पति के जीवन पर पड़ता है और उनकी उन्नति बाधित होती है।।
वास्तु अनुसार घर के ईशान कोण का स्वामी गुरु होता है। ईशान कोण का संबंध परिवार के नन्हे सदस्यों यानी कि बच्चों से होता है। साथ ही घर के पुत्र संतान का संबंध भी इसी कोण से ही होता है। ईशान कोण धर्म और शिक्षा की दिशा है इसलिये घर में शुद्ध वजन वाले कपड़ों को धोना, कबाड़ घर से बाहर निकालना, घर को धोना या पोछा लगाना इत्यादि घर के ईशान कोण को कमजोर करता है। उससे घर के बच्चों, पुत्रों, घर के सदस्यों की शिक्षा, धर्म आदि पर गुरु का शुभ प्रभाव कम होता है।।
Panchang 11 September 2025
गुरुवार भगवान लक्ष्मी नारायण का दिन होता है। इसलिये इस दिन लक्ष्मी और नारायण का एक साथ पूजन करने से जीवन में अपार खुशियाँ आती है। इस दिन लक्ष्मी और नारायण का एक साथ पूजन करने से पति-पत्नी के बीच कभी दूरियाँ नहीं आती है साथ ही धन की वृद्धि भी होती है। जन्मकुंडली में गुरु ग्रह के प्रबल होने से उन्नति के रास्ते आसानी से खुलते हैं। परन्तु यदि गुरु ग्रह को कमजोर करने वाले कार्य किए जाए तो प्रमोशन होने में भी रुकावटें आती है।।
गुरुवार को गुरु ग्रह को कमजोर किए जाने वाले काम करने से धन की वृद्धि रुक जाती है। जैसे – सिर के बाल धोना, भारी कपड़े धोना, बाल कटवाना, शेविंग करवाना, शरीर के बालों को साफ करना, फेशियल करवाना, नाखून काटना, घर से मकड़ी के जाले साफ करना, घर के उन कोनों की सफाई करना जिन कोनों की रोज सफाई नहीं की जाती हो। ये सभी काम गुरुवार को करने से धन हानि होता है तथा तरक्की रुक जाती है।।
दिशाशूल – गुरुवार के दिन दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो दही खा कर यात्रा कर सकते है।।
गुरुवार के दिन ये विशेष उपाय करें – गुरु धन एवं प्रतिष्ठा का कारक ग्रह होता है। जिस व्यक्ति पर गुरु की कृपा होती है उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है। गुरुवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान ध्यान करें और घी का दीप जलाकर भगवान विष्णु की पूजा करें। इसके बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें बिगड़े काम भी बन जायेंगे।।
Panchang 11 September 2025
बृहस्पतिवार को जिनका जन्म होता है, वह व्यक्ति विद्या एवं धन से युक्त होता है अर्थात ये ज्ञानी और धनवान होते हैं। ये विवेकशील होते हैं और शिक्षण को अपना पेशा बनाते हैं। ये लोगों के सम्मुख आदर और सम्मान के साथ प्रस्तुत होते हैं तथा उच्च स्तर के सलाहकार भी होते हैं। गुरुवार में जन्मे जातक सभ्य, खिलते रंग के, सुशील एवं मधुर स्वभाव के होते हैं तथा धर्म के प्रति सचेत होते हैं।।
ये सभी सद्गुणों से संपन्न होने के वजह से किसी के साथ विश्वासघात नहीं करते हैं। ऐसे लोग किसी का हक नहीं मारते तथा न्याय के प्रति सजग होते हैं। यह सफल राजनीतिज्ञ, न्यायधीश, क्लर्क, प्रकाशक एवं धर्मगुरु आदि के रूप में सफल होते हैं। गुरुवार को जन्मं लेने वाले व्यसक्ति बेहद मिलनसार और मधुर स्वभाव के होते हैं। ये जीवन को उत्सफव की तरह जीते हैं इसलिए हमेशा खिले-खिले रहते हैं।।
ऐसे व्यक्ति धर्म में विशेष रुचि रखने वाले होते हैं। धार्मिक प्रवृत्ति के कारण ये कभी किसी के साथ विश्वाससघात नहीं कर सकते हैं। यह किसी का हक भी नहीं मारते, न्याय के प्रति सजग होते हैं। इनको अपने जीवन में सफलता हेतु धर्मगुरु, राजनीतिज्ञ, पत्रकार, लेखक, प्रकाशक एवं न्यायधीश आदि के क्षेत्र में भाग्य आजमाना चाहिये। इनका शुभ दिन मंगलवार और बृहस्पितिवार तथा शुभ अंक 4 होता है।।
आज का विचार – मित्रों, हम अपनी पिछली गलतियों से सबक लेकर अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। परन्तु याद रहे कि होशियार लोग अपनी गलती से लेते हैं, जबकि ज्यादा होशियार लोग दूसरों की गलतियों से गलतियों को दुहराना सीखते हैं। इसलिये अपनी गलतियों को सुधारना ही व्यक्ति में इंसानियत लाता है।।
Panchang 11 September 2025
जन्मकुण्डली के अनुसार आपके जीवन में धन कैसे और कब आयेगा ?।।…. आज के इस लेख को पूरा पढने के लिये इस लिंक को क्लिक करें….. वेबसाईट पर पढ़ें: & ब्लॉग पर पढ़ें:
“मकर राशि वालों के मृत्यु का योग।। Makar Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.
“तुला राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी।। Tula Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.
“मिथुन राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी। Mithun Rashi Walo Ki Mrityu.
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Panchang 11 September 2025
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