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आज का लेख एवं आज का पञ्चांग 12 अगस्त 2025 दिन मंगलवार।।
मित्रों, तारीख 12 अगस्त 2025 दिन मंगलवार को भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। आज अंगारक संकष्टी (बहुला) श्रीगणेश चतुर्थी व्रत है। आज इस चतुर्थी को भारतीय महिलायें अपने संतान के दीर्घायु के लिए इस व्रत को करती हैं। इसके लिए दिनभर का अखण्ड उपवास रखकर सायंकाल में भगवान श्रीगणेश जी की पूजा विधि-विधान से करके फिर चन्द्रमा देवता के उदित (चंद्रोदय – 08:37 PMपर) होनेपर उनको चंद्रार्घ्य देकर ही व्रत को खोलती हैं। आज शाम को प्रदोषकाल में बहुला चतुर्थी व्रत मध्य प्रदेश में मनाया जाता है। आज कजरी भी है। इस अवसर पर गोपूजन भी करने का विधान है। आज अलंकृत अर्थात गायों को सजाकर उनका पूजन किया जाता है। आज की तृतीया को अंगवेर तृतीया उड़ीसा में कहा जाता है। सिन्धी लोग आज की तृतीया को तीजड़ी कहते हैं। आज स्थायीजययोग एवं सर्वार्थसिद्धियोग भी है। आप सभी सनातनियों को “अंगारक संकष्टी (बहुला) श्रीगणेश चतुर्थी व्रत एवं गोपूजन दिवस” की हार्दिक शुभकामनायें।।
हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी), आज के योग और आज के करण। आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातकों पर अपनी कृपा बनाए रखें। इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव ही सर्वश्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो। ऐसी मेरी आप सभी आज के अधिष्ठात्री देवों से हार्दिक प्रार्थना है।।
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।। पधारने हेतु भागवत प्रवक्ता – स्वामी धनञ्जय महाराज की ओर से आपका ह्रदय से धन्यवाद। आप का आज का दिन मंगलमय हो। अपने गाँव, शहर अथवा सोसायटी में भागवत कथा के आयोजन हेतु कॉल – 9375128850 करें या इस लिंक को क्लिक करें।।
वैदिक सनातन हिन्दू पञ्चांग, Vedic Sanatan Hindu Panchang पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi), 2:- वार (Day), 3:- नक्षत्र (Nakshatra), 4:- योग (Yog) और 5:- करण (Karan).
पञ्चांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग का श्रवण करते थे। शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है। वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापों का नाश होता है। योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है। करण के पठन-श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए नित्य पञ्चांग को देखना, पढ़ना एवं सुनना चाहिए।।
आज का पञ्चांग 12 अगस्त 2025 दिन मंगलवार।।
Aaj ka Panchang 12 August 2025.
विक्रम संवत् – 2082.
संकल्पादि में प्रयुक्त होनेवाला संवत्सर – कालयुक्त.
शक – 1946.
अयन – याम्यायनम्.
गोल – सौम्य.
ऋतु – वर्षा.
मास – भाद्रपद.
पक्ष – कृष्ण.
गुजराती पंचांग के अनुसार – श्रावण कृष्ण पक्ष.
Panchang 12 August 2025
तिथि – तृतीया 08:42 AM बजे तक उपरान्त चतुर्थी तिथि है।।
नक्षत्र – पूर्वाभाद्रपद 11:53 AM तक उपरान्त उत्तराभाद्रपद नक्षत्र है।।
योग – सुकर्मा 18:54 PM तक उपरान्त धृति योग है।।
करण – विष्टि 08:42 AM तक उपरान्त बव 19:41 PM तक उपरान्त बालव करण है।।
चन्द्रमा – कुम्भ राशि पर 06:11 AM तक उपरान्त मीन राशि पर।।
सूर्य – कर्क राशि एवं आश्लेषा नक्षत्र पर गोचर कर रहे हैं।।
मुम्बई सूर्योदय – प्रातः 06:18:13
मुम्बई सूर्यास्त – सायं 19:07:36
वाराणसी सूर्योदय – प्रातः 05:31:45
वाराणसी सूर्यास्त – सायं 18:29:38
राहुकाल (अशुभ) – दोपहर 15:56 बजे से 17:32 बजे तक।।
शुभ मुहूर्त – दोपहर 12.31 बजे से 12.55 बजे तक।।
Panchang 12 August 2025
तृतीया तिथि विशेष – तृतीया तिथि में नमक का दान तथा भक्षण दोनों ही त्याज्य बताया गया है। तृतीया तिथि एक सबला अर्थात बल प्रदान करने वाली तिथि मानी जाती है। इतना ही नहीं यह तृतीया तिथि आरोग्यकारी रोग निवारण करने वाली तिथि भी मानी जाती है। इस तृतीया तिथि की स्वामिनी माता गौरी और इसके देवता कुबेर देवता हैं। यह तृतीया तिथि जया नाम से विख्यात मानी जाती है। यह तृतीया तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभफलदायिनी मानी जाती है।।
तृतीया तिथि केवल बुधवार की हो तो अशुभ मानी जाती है। अन्यथा इस तृतीया तिथि को सभी शुभ कार्यों में लिया जा सकता है। आज तृतीया तिथि को माता गौरी की पूजा करके व्यक्ति अपनी मनोवाँछित कामनाओं की पूर्ति कर सकता है। आज तृतीया तिथि में एक स्त्री माता गौरी की पूजा करके अचल सुहाग की कामना करे तो उसका पति सभी संकटों से मुक्त हो जाता है। आज तृतीया तिथि को भगवान कुबेर जी की विशिष्ट पूजा करनी चाहिये। देवताओं के कोषाध्यक्ष की पूजा आज तृतीया तिथि को करके मनुष्य अतुलनीय धन प्राप्त कर सकता है।।
मित्रों, तृतीया तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति मानसिक रूप से अस्थिर होता है अर्थात उनकी बुद्धि भ्रमित होती है। इस तिथि का जातक आलसी और मेहनत से जी चुराने वाला होता है। ये दूसरे व्यक्ति से जल्दी घुलते मिलते नहीं हैं बल्कि लोगों के प्रति इनके मन में द्वेष की भावना भी रहती है। इनके जीवन में धन की कमी रहती है, इन्हें धन कमाने के लिए काफी मेहनत और परिश्रम करना पड़ता है।।
Panchang 12 August 2025
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के जातकों का गुण एवं स्वभाव:- यदि आपका जन्म पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में हुआ है तो आप मानवता में विश्वास रखते हुए केवल दूसरों के भले के बारे में ही सोचते हैं। आप एक दयालु और नेक दिल होने के साथ-साथ खुले विचारों वाले व्यक्ति होंगे। आप बहुत साहसी होंगे तथा दूसरों की मदद करने में सदा आगे रहेंगे। आप वाणी और विचारों से नम्र अवश्य होते हैं परन्तु व्यक्तित्व से नहीं।।
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्मे जातक अपने आदर्शो और सिद्धांतों पर ही आजीवन चलना पसंद करते हैं। आप जीवन में कभी पथभ्रष्ट नहीं होते क्योंकि आपका दृष्टिकोण सही और साफ़ होता है। आप एक शांति प्रिय व्यक्ति होंगे परन्तु शीघ्र ही किसी छोटी से छोटी बात पर भी क्रोध कर लेंगे। आपको क्रोध जितनी जल्दी आता है उतनी जल्दी चला भी जाता है।।
दूसरों के साथ आपका व्यवहार स्नेही और प्रेमपूर्ण होता है। आप एक संवेदनशील व्यक्ति होंगे जो शीघ्र ही प्रभावित हो जाते है। परन्तु न तो आप डरपोक हैं और न ही जल्दी हार मानते हैं। पूर्वाभाद्रपद में जन्मे जातक आध्यात्मिक स्वभाव वाले होते हैं। परन्तु बंद आँखों से किसी भी बात को मान लेना और उनका अनुसरण करना इनके स्वभाव में नहीं होता है। आप सही और गलत में निर्णय लेने के बाद ही दूसरों का अनुसरण करते हैं।।
आप धन के मामलों में कंजूस कहे जाते हैं। आप जीवन में कई कठिनाईयों को झेलते हुए समाज में आदर एवं सम्मान प्राप्त करते हैं। अपनी कुशाग्र बुद्धि के कारण आप किसी भी प्रकार के कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के योग्य बन जाते हैं। आप केवल स्वभाव से ही नहीं अपितु सामाजिक और आर्थिक रूप से भी स्वतंत्र जीवन पसंद करते हैं। व्यावसायिक रूप से 24 से 33 वर्ष की आयु में आप अपने जीवन में सर्वाधिक सफलता प्राप्त करेंगे।।
40 से 54 वर्ष के आयु में अपने करियर की ऊँचाईयों को छुएंगे। पूर्वाभाद्रपद के जातकों को सरकारी नौकरी, बैंक, शिक्षा और लेखन, व्यापार, ज्योतिष एवं अभिनय के क्षेत्र में कार्य करते देखा गया है। इस नक्षत्र में जन्मा जातक अपनी माता के स्नेह से वंचित रहता है। कारण जो भी हो पिता का संरक्षण और प्रेम आपको सदा प्राप्त होता है। पिता की उच्च एवं सम्माननीय स्तिथि के कारण आप सदा गौरवान्वित रहेंगे।।
परन्तु कुछ वैचारिक मतभेदों के कारण आपसी तनाव रहेगा। पूर्वाभाद्रपद में जन्मा जातक अक्सर स्त्रियों के वश में रहता है। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्मी जातिकायें जादू टोने में विश्वास रखती हैं। निराशा और शोक मग्न चेहरा पूर्वाभाद्रपद में जन्मे जातकों की निशानी बन जाती है। पैर की हड्डी का दर्द, पैर का टूटना, मधुमेह और लकवा जैसी बीमारियाँ ऐसे जातकों को परेशान करती रहती है।।
प्रथम चरण:- वैदिक ज्योतिष के अनुसार पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी गुरु ग्रह है। इस पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम चरण का स्वामी मंगल हैं। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्मा जातक शूरवीर होता है। जो वस्तु विनम्रता, प्रार्थना एवं खरीद से प्राप्त नहीं हो पाती उसे हरण करने में रूचि रखता है। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी बृहस्पति शनि का शत्रु है परन्तु मंगल का मित्र है। अतः मंगल की दशा शुभ फल एवं भौतिक सम्पन्नता देती है। परन्तु बृहस्पति की दशा में अपेक्षित शुभ फल नहीं मिल पाएगा। साथ ही शनि की दशा-अन्तर्दशा शुभ फल देती है।।
द्वितीय चरण:- पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी गुरु ग्रह है। इस पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के द्वितीय चरण का स्वामी शुक्र हैं। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के द्वितीय चरण में जन्मा जातक अति बुद्धिमान होता है। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी बृहस्पति शुक्र का शत्रु है तथा शुक्र शनि का भी शत्रु है। अतः शुक्र की दशा अपेक्षित शुभ फल नहीं दे पाएगी। बृहस्पति की स्वतंत्र दशा में पराक्रम बढेगा। शनि की दशा में जातक की उन्नत्ति होगी।।
तृतीय चरण:- पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी गुरु ग्रह है। इस पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के तृतीय चरण का स्वामी बुध हैं। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के तृतीय चरण में जन्मे जातक का विकास और उन्नत्ति बड़े शहर में रहने के कारण होती है। छोटे गाँव कस्बों में जातक उन्नत्ति नहीं कर पायेगा। बुध की नक्षत्र स्वामी बृहस्पति से शत्रुता है। परन्तु लग्नेश शनि से मित्रता है अतः बुध की दशा शुभ फलदायी होगी। बृहस्पति की स्वतंत्र दशा में पराक्रम बढेगा। शनि की दशा में जातक की उन्नत्ति होगी।।
चतुर्थ चरण:- वैदिक ज्योतिष के अनुसार पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी गुरु ग्रह है। इस पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के चतुर्थ चरण का स्वामी चन्द्रमा हैं। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के चौथे चरण में जन्मा जातक भोगी होता है। लग्न नक्षत्र स्वामी और नक्षत्र चरण स्वामी में परस्पर मित्रता है। अतः लग्नेश गुरु की दशा अति उत्तम फल देगी। गुरु की दशा में जातक को रोजगार के शुभ अवसर प्राप्त होंगे। चन्द्रमा की दशा धार्मिक यात्राएं एवं भाग्योदय के उत्तम अवसर प्रदान करेंगी। लग्न बली न होने के कारण जातक के विकास में अडचने आएँगी।।
Panchang 12 August 2025
मंगलवार को नए कपड़े न ही खरीदना चाहिये और न ही पहली बार पहनना चाहिए। मंगलवार वाहन एवं भूमि-भवन आदि भी नहीं खरीदना चाहिये।।
मंगलवार का विशेष – मंगलवार के दिन तेल मर्दन (शरीर में तेल मालिश) करने से आयु घटती है – (मुहूर्तगणपति)।।
मंगलवार को क्षौरकर्म (बाल दाढी अथवा नख काटने या कटवाने) से भी आयु की हानि होती है।। (महाभारत अनुशासनपर्व)।।
दिशाशूल – मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो कोई गुड़ खाकर यात्रा कर सकते है।।
मंगलवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात दाढ़ी या बाल काटने या कटवाने से उम्र कम होती है। अत: मंगलवार को बाल या दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए। मंगलवार को बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व है।।
मंगलवार को यथासंभव कोशिश करके मंदिर में जाकर हनुमान जी के दर्शन करके उन्हें लाल गुलाब, इत्र अर्पित करके बूंदी/लाल पेड़े या गुड़ और चने का प्रसाद चढ़ाएं। हनुमान जी की पूजा से भूत-प्रेत एवं नज़र की बाधा से बचाव होता है साथ ही आपके समस्त शत्रु परास्त होते है।।
मंगलवार के व्रत से सुयोग्य संतान की प्राप्ति होती है, बल, साहस और सम्मान में भी वृद्धि होती है। मंगलवार को धरती पुत्र मंगलदेव की आराधना करने से जातक को मुक़दमे, राजद्वार में सफलता मिलती है, उत्तम भूमि, भवन का सुख मिलता है, मांगलिक दोष दूर होता है।।
Panchang 12 August 2025
मंगलवार को जिनका जन्म होता है, वो जातक स्वभाव से उग्र, साहसी, प्रयत्नशील एवं महत्वाकांक्षी होते हैं। इनमें नेतृत्व की क्षमता अन्यों के मुकाबले बहुत शुद्ध होती है। ऐसे लोग जिम्मेदारियों के कार्य में सफल भी होते हैं। खिलाड़ी, पहलवान, सेना तथा पुलिस विभाग में सफल रहते हैं। यह जातक अधिकांशतः रक्तवर्ण या गेहूंआ रंग होता है।।
मंगलवार को जन्म लेनेवाला जातक जटिल बुद्धि वाला होता है। ये किसी भी बात को आसानी से नहीं मानते हैं। ऐसे लोग शक्की किस्म के होते हैं इसलिये सभी बातों में इन्हें कुछ न कुछ खोट दिखाई देता है। ये युद्ध प्रेमी और पराक्रमी होते हैं तथा अपनी बातों पर कायम रहने वाले होते हैं। जरूरत पड़ने पर ऐसे जातक हिंसा पर भी उतर आते हैं। इनके स्वभाव की एक बड़ी विशेषता है कि ये अपने कुटुम्ब का पूरा ख्याल रखते हैं।।
मंगलवार को जन्म लेने वाले व्यक्ति स्वभावानुसार क्रोधी, उग्र, पराक्रमी, जुझारू, अदम्य साहसी, आलोचना सहन न करने वाले और सांगठनिक क्षमता वाले होते हैं। नेतागिरी, पुलिस, सेना, नौकरशाह तथा खिलाड़ी के रूप में इनका कैरियर सफल रहता है। इनका शुभ अंक 3, 6, 9 तथा शुभ रंग लाल एवं मैरुन और इनका शुभ दिन मंगलवार एवं शुक्रवार होता है।।
Panchang 12 August 2025
मंगलवार का विशेष टिप्स – यदि आपके जीवन में कभी अचानक ज्यादा खर्च की स्थिति बन जाय, तो किसी भी मंगलवार के दिन हनुमानजी के मंदिर में गुड़-चने का भोग श्रद्धापूर्वक लगाएं। भोग लगाने के बाद वहीँ बैठकर 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ भी अवश्य करें।।
मंगलवार के दिन ये विशेष उपाय करें – मंगलवार को हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्त्व होता है। आज हनुमान जी को चमेली का तेल चढ़ाना, चमेली के तेल का ही दीपक जलाना तथा माखन का भोग लगाना चाहिये, इससे हर प्रकार की मनोकामना की सिद्धि तत्काल होती है।।
आज का सुविचार – मित्रों, दुनिया में भगवान का संतुलन कितना अद्भुत हैं, 50 कि.ग्रा. अनाज का बोरा जो उठा सकता हैं वो खरीद नही सकता और जो खरीद सकता हैं वो उठा नही सकता। जब आप गुस्सें में हो तब कोई फैसला न लेना और जब आप खुश हो तब कोई वादा न करना, अगर ये याद रखेंगे तो कभी नीचा नही देखना पड़ेगा।।
Panchang 12 August 2025
अरिष्ट अर्थात एक्सिडेन्ट एवं चोट आदि लगने के योग ।।….. आज के इस पुरे लेख को पढ़ने के लिये इस लिंक को क्लिक करें…. वेबसाईट पर पढ़ें: & ब्लॉग पर पढ़ें:
“मकर राशि वालों के मृत्यु का योग।। Makar Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.
“तुला राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी।। Tula Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.
“मिथुन राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी। Mithun Rashi Walo Ki Mrityu.
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Panchang 12 August 2025
वास्तु विजिटिंग के लिये तथा अपनी कुण्डली दिखाकर उचित सलाह लेने एवं अपनी कुण्डली बनवाने अथवा किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति के लिए संपर्क करें।।
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