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आज का लेख एवं आज का पञ्चांग 14 अक्टूबर 2025 दिन मंगलवार।।
मित्रों, तारीख 14 अक्टूबर 2025 दिन मंगलवार को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष कि अष्टमी तिथि है। आज राधाष्टमी का पावन उत्सव है। आज की अष्टमी को राधा रानी क नम जयन्ती मनायी जाती है। आज की अष्टमी को महाराष्ट्रा में कराष्टमी के नाम से जाना जाता है। आप सभी सनातनियों को “राधाष्टमी के पावन उत्सव अर्थात राधा जयन्ती” की हार्दिक शुभकामनायें।।
हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी), आज के योग और आज के करण। आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातकों पर अपनी कृपा बनाए रखें। इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव ही सर्वश्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो। ऐसी मेरी आप सभी आज के अधिष्ठात्री देवों से हार्दिक प्रार्थना है।।
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।। पधारने हेतु भागवत प्रवक्ता – स्वामी धनञ्जय महाराज की ओर से आपका ह्रदय से धन्यवाद। आप का आज का दिन मंगलमय हो। अपने गाँव, शहर अथवा सोसायटी में भागवत कथा के आयोजन हेतु कॉल – 9375148850 करें या इस लिंक को क्लिक करें।।
वैदिक सनातन हिन्दू पञ्चांग, Vedic Sanatan Hindu Panchang पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi), 2:- वार (Day), 3:- नक्षत्र (Nakshatra), 4:- योग (Yog) और 5:- करण (Karan).
पञ्चांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग का श्रवण करते थे। शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है। वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापों का नाश होता है। योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है। करण के पठन-श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए नित्य पञ्चांग को देखना, पढ़ना एवं सुनना चाहिए।।
आज का पञ्चांग 14 अक्टूबर 2025 दिन मंगलवार।।
Aaj ka Panchang 14 October 2025.
विक्रम संवत् – 2082.
संकल्पादि में प्रयुक्त होनेवाला संवत्सर – कालयुक्त.
शक – 1946.
अयन – याम्यायनम्.
गोल – सौम्य.
ऋतु – शरद.
मास – कार्तिक.
पक्ष – कृष्ण.
गुजराती पंचांग के अनुसार – अश्विन कृष्ण पक्ष.
Panchang 14 October 2025
तिथि – अष्टमी 11:10 AM बजे तक उपरान्त नवमी तिथि है।।
नक्षत्र – पुनर्वसु 11:55 AM तक उपरान्त पुष्य नक्षत्र है।।
योग – शिव 05:56 AM तक उपरान्त सिद्ध योग है।।
करण – कौलव 11:10 AM तक उपरान्त तैतिल 22:47 PM तक उपरान्त गर करण है।।
चन्द्रमा – मिथुन राशि पर 05:59 AM तक उपरान्त कर्क राशि पर।।
सूर्य – कन्या राशि एवं चित्रा नक्षत्र पर गोचर कर रहे हैं।।
मुम्बई सूर्योदय – प्रातः 06:34:00
मुम्बई सूर्यास्त – सायं 18:13:40
वाराणसी सूर्योदय – प्रातः 06:15:45
वाराणसी सूर्यास्त – सायं 17:45:38
राहुकाल (अशुभ) – दोपहर 15:19 बजे से 16:47 बजे तक।।
शुभ मुहूर्त – दोपहर 12.12 बजे से 12.36 बजे तक।।
Panchang 14 October 2025
अष्टमी तिथि विशेष – अष्टमी तिथि को नारियल त्याज्य बताया गया है। अष्टमी तिथि बलवती अर्थात स्ट्रांग तिथि मानी जाती है। इसका मतलब कोई भी विकट कार्य आज आप कर-करवा सकते हैं। इतना ही नहीं अपितु अष्टमी तिथि व्याधि नाशक तिथि भी मानी जाती है। इसका मतलब आज आप कोई भी भयंकर रोगों के इलाज का प्रयत्न भगवान के नाम के साथ करेंगे-करवाएंगे तो निश्चित लाभ होगा। यह अष्टमी तिथि जया नाम से विख्यात मानी जाती है। यह अष्टमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायिनी मानी जाती है।।
इस अष्टमी तिथि के देवता भगवान शिव भोलेनाथ जी माने जाते हैं। इसलिये इस अष्टमी तिथि को भगवान शिव का दर्शन एवं पूजन अवश्य करना चाहिए। आज अष्टमी तिथि में कच्चा दूध, शहद, काला तिल, बिल्वपत्र एवं पञ्चामृत शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है। घर में कोई रोगी नहीं होता एवं सभी मनोकामनाओं की सिद्धि तत्काल होती है।।
मंगलवार को छोड़कर बाकि अन्य किसी भी दिन की अष्टमी तिथि शुभ मानी गयी है। परन्तु मंगलवार की अष्टमी शुभ नहीं होती। इसलिये इस अष्टमी तिथि में भगवान शिव के पूजन से हर प्रकार की सिद्धियाँ प्राप्त होती है। इस अष्टमी तिथि को अधिकांशतः विष्णु और वैष्णवों का प्राकट्य हुआ है। इसलिये आज अष्टमी तिथि में भगवान शिव और भगवान नारायण दोनों का पूजन एक साथ करके आप अपनी सम्पूर्ण मनोकामनायें पूर्ण कर सकते हैं।।
मित्रों, अष्टमी तिथि को जिस व्यक्ति का जन्म होता है वह व्यक्ति धर्मात्मा होता है। मनुष्यों पर दया करने वाला तथा हरेक प्रकार के गुणों से युक्त गुणवान होता है। ये कठिन से कठिन कार्य को भी अपनी निपुणता से पूरा कर लेते हैं। इस तिथि के जातक सत्य का पालन करने वाले होते हैं यानी सदा सच बोलने की चेष्टा करते हैं। इनके मुख से असत्य तभी निकलता है जबकि किसी मज़बूर को लाभ मिले।।
Panchang 14 October 2025
पुनर्वसु नक्षत्र के जातकों का गुण एवं स्वभाव:- पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति बेहद मिलनसार और दूसरों से प्रेमपूर्वक व्यवहार रखने वाले होते हैं। परन्तु बहुत कम लोग आपके स्नेहपूर्वक व्यवहार को समझ पाते हैं और प्रायः आपके व्यवहार को कायरता से जोड़ देतें हैं। आपके गुप्त शत्रुओं की संख्या अधिक होती है। आपको अधिक संतान की प्राप्ति भी होती है परन्तु उनका आपस में या आप के साथ व्यवहार सौहार्दपूर्ण नहीं होता है।।
सहयोगी, पडोसी या ससुराल पक्ष में आप के प्रति षड़यंत्र बनते रहते हैं। पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मे जातकों को सबसे अधिक भय अपने निकटतम मित्रों से होता है। क्योंकि जीवन में कभी न कभी आप अपने मित्रों द्वारा ही विश्वासघात के शिकार होते हैं। आप स्वभाव से शांत प्रकृति के व्यक्ति होंगे। परन्तु आप देखने में सुन्दर और सुशील होते हैं। अपने दानी स्वभाव के कारण मित्रों और समाज में अधिक लोकप्रिय होते हैं।।
आजीवन धन और बल से युक्त रहते हैं। आपको समाज में मान-प्रतिष्ठा की कमी नहीं रहती। आप सहनशील एवं अपने भाई-बहनों से प्रेम करने वाले होते हैं। ईश्वर में पूर्ण आस्था एवं लोक-परलोक का विचार सदैव आपके मन में रहता है। इसलिए आप सदा ही सात्विक आचरण का समर्थन करते हैं। आप स्वभाव से सुन्दर एवं सात्विक आचरण वाले होंगे। आप खांसी, निमोनिया, सुजन, फेफड़ों में दर्द एवं कान से सम्बंधित रोग होने की संभावनायें होती है।।
प्रथम चरण:- पुनर्वसु नक्षत्र का स्वामी गुरु है। इसके प्रथम चरण का स्वामी मंगल हैं। मंगल और बृहस्पति दोनों मित्र ग्रह हैं। फलस्वरूप ऐसा जातक अपने जीवन में अनेकों सुख भोगता है। लग्नेश बुध की दशा शुभ फल देगी। शनि की दशा में भाग्योदय होगा। बृहस्पति की दशा में गृहस्थ एवं नौकरी का सुख मिलेगा।।
द्वितीय चरण:- पुनर्वसु नक्षत्र का स्वामी गुरु है। इसके द्वितीय चरण का स्वामी शुक्र हैं। बृहस्पति देवगुरु हैं तथा शुक्राचार्य दैत्यों के आचार्य हैं। अतः दोनों आचार्यों, बृहस्पति एवं शुक्र से सम्बन्ध रखने वाला जातक विद्वान् होगा। लग्नेश बुध की दशा माध्यम फल देगी। बृहस्पति की दशा में जातक का भाग्योदय होगा।।
तृतीय चरण:- पुनर्वसु नक्षत्र का स्वामी गुरु है। इसके तृतीय चरण का स्वामी बुध हैं। जो परस्पर विरोधी हैं। अतः पुनर्वसु नक्षत्र के तृतीय चरण में पैदा होने वाला जातक आजीवन रोगी होगा और कोई न कोई बीमारी उसे जीवन भर परेशान करेगी। बृहस्पति एवं बुध की दशाएं नेष्ट फल देंगी।।
चतुर्थ चरण:- पुनर्वसु नक्षत्र का स्वामी गुरु है। इसके चतुर्थ चरण का स्वामी चन्द्र हैं। पुनर्वसु नक्षत्र के चौथे चरण में पैदा होने वाला जातक धन बल से युक्त, कवी ह्रदय, संगीत प्रेमी, कम प्रयत्न से अधिक लाभ कमाने वाला परन्तु स्वभाव से कामुक होता है। इस नक्षत्र पर मंगल का होना जातक को स्वार्थी बना देता है और गुरु की उपस्तिथि में जातक समाज के सम्मानजनक पदों पर आसीन होता है।।
Panchang 14 October 2025
मंगलवार को नए कपड़े न ही खरीदना चाहिये और न ही पहली बार पहनना चाहिए। मंगलवार वाहन एवं भूमि-भवन आदि भी नहीं खरीदना चाहिये।।
मंगलवार का विशेष – मंगलवार के दिन तेल मर्दन (शरीर में तेल मालिश) करने से आयु घटती है – (मुहूर्तगणपति)।।
मंगलवार को क्षौरकर्म (बाल दाढी अथवा नख काटने या कटवाने) से भी आयु की हानि होती है।। (महाभारत अनुशासनपर्व)।।
दिशाशूल – मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो कोई गुड़ खाकर यात्रा कर सकते है।।
मंगलवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात दाढ़ी या बाल काटने या कटवाने से उम्र कम होती है। अत: मंगलवार को बाल या दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए। मंगलवार को बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व है।।
मंगलवार को यथासंभव कोशिश करके मंदिर में जाकर हनुमान जी के दर्शन करके उन्हें लाल गुलाब, इत्र अर्पित करके बूंदी/लाल पेड़े या गुड़ और चने का प्रसाद चढ़ाएं। हनुमान जी की पूजा से भूत-प्रेत एवं नज़र की बाधा से बचाव होता है साथ ही आपके समस्त शत्रु परास्त होते है।।
मंगलवार के व्रत से सुयोग्य संतान की प्राप्ति होती है, बल, साहस और सम्मान में भी वृद्धि होती है। मंगलवार को धरती पुत्र मंगलदेव की आराधना करने से जातक को मुक़दमे, राजद्वार में सफलता मिलती है, उत्तम भूमि, भवन का सुख मिलता है, मांगलिक दोष दूर होता है।।
Panchang 14 October 2025
मंगलवार को जिनका जन्म होता है, वो जातक स्वभाव से उग्र, साहसी, प्रयत्नशील एवं महत्वाकांक्षी होते हैं। इनमें नेतृत्व की क्षमता अन्यों के मुकाबले बहुत शुद्ध होती है। ऐसे लोग जिम्मेदारियों के कार्य में सफल भी होते हैं। खिलाड़ी, पहलवान, सेना तथा पुलिस विभाग में सफल रहते हैं। यह जातक अधिकांशतः रक्तवर्ण या गेहूंआ रंग होता है।।
मंगलवार को जन्म लेनेवाला जातक जटिल बुद्धि वाला होता है। ये किसी भी बात को आसानी से नहीं मानते हैं। ऐसे लोग शक्की किस्म के होते हैं इसलिये सभी बातों में इन्हें कुछ न कुछ खोट दिखाई देता है। ये युद्ध प्रेमी और पराक्रमी होते हैं तथा अपनी बातों पर कायम रहने वाले होते हैं। जरूरत पड़ने पर ऐसे जातक हिंसा पर भी उतर आते हैं। इनके स्वभाव की एक बड़ी विशेषता है कि ये अपने कुटुम्ब का पूरा ख्याल रखते हैं।।
मंगलवार को जन्म लेने वाले व्यक्ति स्वभावानुसार क्रोधी, उग्र, पराक्रमी, जुझारू, अदम्य साहसी, आलोचना सहन न करने वाले और सांगठनिक क्षमता वाले होते हैं। नेतागिरी, पुलिस, सेना, नौकरशाह तथा खिलाड़ी के रूप में इनका कैरियर सफल रहता है। इनका शुभ अंक 3, 6, 9 तथा शुभ रंग लाल एवं मैरुन और इनका शुभ दिन मंगलवार एवं शुक्रवार होता है।।
Panchang 14 October 2025
मंगलवार का विशेष टिप्स – यदि आपके जीवन में कभी अचानक ज्यादा खर्च की स्थिति बन जाय, तो किसी भी मंगलवार के दिन हनुमानजी के मंदिर में गुड़-चने का भोग श्रद्धापूर्वक लगाएं। भोग लगाने के बाद वहीँ बैठकर 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ भी अवश्य करें।।
मंगलवार के दिन ये विशेष उपाय करें – मंगलवार को हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्त्व होता है। आज हनुमान जी को चमेली का तेल चढ़ाना, चमेली के तेल का ही दीपक जलाना तथा माखन का भोग लगाना चाहिये, इससे हर प्रकार की मनोकामना की सिद्धि तत्काल होती है।।
आज का सुविचार – मित्रों, दुनिया में भगवान का संतुलन कितना अद्भुत हैं, 50 कि.ग्रा. अनाज का बोरा जो उठा सकता हैं वो खरीद नही सकता और जो खरीद सकता हैं वो उठा नही सकता। जब आप गुस्सें में हो तब कोई फैसला न लेना और जब आप खुश हो तब कोई वादा न करना, अगर ये याद रखेंगे तो कभी नीचा नही देखना पड़ेगा।।
Panchang 14 October 2025
अरिष्ट अर्थात एक्सिडेन्ट एवं चोट आदि लगने के योग ।।….. आज के इस पुरे लेख को पढ़ने के लिये इस लिंक को क्लिक करें…. वेबसाईट पर पढ़ें: & ब्लॉग पर पढ़ें:
“मकर राशि वालों के मृत्यु का योग।। Makar Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.
“तुला राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी।। Tula Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.
“मिथुन राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी। Mithun Rashi Walo Ki Mrityu.
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Panchang 14 October 2025
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