पञ्चांग 16 अप्रैल 2025 दिन बुधवार।।

Panchang 10 September 2025
Panchang 10 September 2025

बालाजी वेद, वास्तु एवं ज्योतिष केन्द्र।।

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आज का लेख एवं आज का पञ्चांग 16 अप्रैल 2025 दिन बुधवार।।

मित्रों, तारीख 16 अप्रैल 2025 दिन बुधवार को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। आज संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी का पावन व्रत है। इसे समान्य भाषा में गणेश चौथ के नाम से भी जाना जाता है। आज की संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत को सनातनी स्त्रियाँ अपने पुत्रों के दीर्घायु हेतु दिन भर अखण्ड उपवास रखकर, सायंकाल में भगवान श्रीगणेश जी की पुजा करने के बाद चन्द्रमा देवता के निकलने (चंद्रोदय:- रात्रि 09:27 PM बजे) पर उन्हें देखकर अर्घ्य देकर ही व्रत खोलती हैं। आज रत्नागिरी में श्रीदुर्गादेवी रथोत्सव निकलता है। आप सभी सनातनियों को “संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी के पावन व्रत” की हार्दिक शुभकामनायें।।

हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी), आज के योग और आज के करण। आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातकों पर अपनी कृपा बनाए रखें। इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव ही सर्वश्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो। ऐसी मेरी आप सभी आज के अधिष्ठात्री देवों से हार्दिक प्रार्थना है।।

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वैदिक सनातन हिन्दू पञ्चांग, Vedic Sanatan Hindu Panchang पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi), 2:- वार (Day), 3:- नक्षत्र (Nakshatra), 4:- योग (Yog) और 5:- करण (Karan).

पञ्चांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग का श्रवण करते थे। शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है। वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।।

नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापों का नाश होता है। योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है। करण के पठन-श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए नित्य पञ्चांग को देखना, पढ़ना एवं सुनना चाहिए।।

Panchang 16 April 2025

आज का पञ्चांग 16 अप्रैल 2025 दिन बुधवार।।
Aaj ka Panchang 16 April 2025.

विक्रम संवत् – 2082.

संकल्पादि में प्रयुक्त होनेवाला संवत्सर – कालयुक्त.

शक – 1946.

अयन – उत्तरायण.

गोल – दक्षिण.

ऋतु – बसन्त.

मास – वैशाख.

पक्ष – कृष्ण.

गुजराती पंचांग के अनुसार – चैत्र कृष्ण पक्ष.

Panchang 16 April 2025

तिथि – तृतीया 13:18 PM बजे तक उपरान्त चतुर्थी तिथि है।।

नक्षत्र – विशाखा 03:11 AM तक उपरान्त अनुराधा नक्षत्र है।।

योग – व्यतिपात 24:18 PM तक उपरान्त वरियान योग है।।

करण – वणिज 00:08 AM तक उपरान्त बव 13:18 PM तक उपरान्त बव करण है।।

चन्द्रमा – वृश्चिक राशि पर।।

सूर्य – मेष राशि एवं अश्विनी नक्षत्र पर गोचर कर रहे हैं।।

मुम्बई सूर्योदय – प्रातः 06:18:12

मुम्बई सूर्यास्त – सायं 18:56:23

वाराणसी सूर्योदय – प्रातः 05:41:23

वाराणसी सूर्यास्त – सायं 18:19:35

राहुकाल (अशुभ) – दोपहर 12:38 बजे से 14:13 बजे तक।।

विजय मुहूर्त (शुभ) – दोपहर 12:26 बजे से 12:50 बजे तक।।

Panchang 16 April 2025

तृतीया तिथि विशेष – तृतीया तिथि में नमक का दान तथा भक्षण दोनों ही त्याज्य बताया गया है। तृतीया तिथि एक सबला अर्थात बल प्रदान करने वाली तिथि मानी जाती है। इतना ही नहीं यह तृतीया तिथि आरोग्यकारी रोग निवारण करने वाली तिथि भी मानी जाती है। इस तृतीया तिथि की स्वामिनी माता गौरी और इसके देवता कुबेर देवता हैं। यह तृतीया तिथि जया नाम से विख्यात मानी जाती है। यह तृतीया तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभफलदायिनी मानी जाती है।।

तृतीया तिथि केवल बुधवार की हो तो अशुभ मानी जाती है। अन्यथा इस तृतीया तिथि को सभी शुभ कार्यों में लिया जा सकता है। आज तृतीया तिथि को माता गौरी की पूजा करके व्यक्ति अपनी मनोवाँछित कामनाओं की पूर्ति कर सकता है। आज तृतीया तिथि में एक स्त्री माता गौरी की पूजा करके अचल सुहाग की कामना करे तो उसका पति सभी संकटों से मुक्त हो जाता है। आज तृतीया तिथि को भगवान कुबेर जी की विशिष्ट पूजा करनी चाहिये। देवताओं के कोषाध्यक्ष की पूजा आज तृतीया तिथि को करके मनुष्य अतुलनीय धन प्राप्त कर सकता है।।

मित्रों, तृतीया तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति मानसिक रूप से अस्थिर होता है अर्थात उनकी बुद्धि भ्रमित होती है। इस तिथि का जातक आलसी और मेहनत से जी चुराने वाला होता है। ये दूसरे व्यक्ति से जल्दी घुलते मिलते नहीं हैं बल्कि लोगों के प्रति इनके मन में द्वेष की भावना भी रहती है। इनके जीवन में धन की कमी रहती है, इन्हें धन कमाने के लिए काफी मेहनत और परिश्रम करना पड़ता है।।

Panchang 16 April 2025

अनुराधा नक्षत्र के जातकों का गुण एवं स्वभाव:- यदि आपका जन्म अनुराधा नक्षत्र में हुआ है तो आपका अधिकाँश जीवन विदेशों में ही बीतेगा। परन्तु अच्छी बात यह है, कि विदेशों में रहकर आप अधिक धन कमाएंगे और समाज में मान सम्मान प्राप्त करेंगे। आप बहुत साहसी एवं कर्मठ व्यक्तित्व के स्वामी होंगे। परिस्थितियों की मार के सामने आप झुकने वालों में से नहीं होंगे। आप चुपचाप बिना रुके और बिना थके निरंतर आगे बढ़ते ही रहेंगे।।

आप बहुत दृढ इच्छाशक्ति एवं तीक्ष्ण बुद्धि के मालिक हैं। अनुराधा नक्षत्र में जन्मा जातक भ्रमणशील प्रवृत्ति का होता है। आप खाने पीने के बहुत अधिक शौक़ीन होंगे। इसलिए अधिकतर समय आप स्वादिष्ट व्यंजनों की ही खोज में रहेंगे। सब कुछ होते हुए भी जीवन में कभी-कभी ऐसा समय भी आएगा की आप धन की कमी महसूस करेंगे। जन्म स्थान से पृथक होने का दुःख भी यदा-कदा सताता रहेगा।।

परन्तु आप बहुत मेहनती होंगे और शारीरिक श्रम से कभी नहीं घबरायेंगे। इसलिए बहुत जल्द ही घटनाओं से उबरने की कोशिश करते है। अनुराधा नक्षत्र में जन्मी महिलाएं भी खाने की बेहद शौक़ीन होती हैं। साथ ही सामान्य से अधिक भोजन करने और पचाने में सक्षम होती है। स्वभाव से भ्रमणशील परन्तु झगडालू प्रवृत्ति होने के कारण कभी कभी क्रूरतापूर्वक व्यवहार भी करती हैं।।

अनुराधा नक्षत्र में जन्मी महिलाओं के सुंदर बाल उनकी पहचान के संकेत हैं। अनुराधा नक्षत्र में जन्मा जातक पेट और गले से सम्बंधित रोग से ग्रसित होता है। अनुराधा नक्षत्र में जन्मी स्त्रियों में मासिक धर्म से जुडी समस्याएं ज्यादातर देखी गयी है।।

प्रथम चरण:- अनुराधा नक्षत्र के प्रथम चरण का स्वामी सूर्य होता है। इस नक्षत्र चरण में जन्मा जातक उतावले स्वभाव का होता है। सूर्य लग्न स्वामी मंगल का मित्र है। परन्तु लग्न नक्षत्र स्वामी का शत्रु है। अतः सूर्य की दशा मिश्रित फल देगी। शनि की दशा में भौतिक रूप से उन्नति होगी। लग्नेश मंगल की दशा अत्यंत शुभ फल देगी।।

द्वितीय चरण:- अनुराधा नक्षत्र के द्वितीय चरण का स्वामी बुध होता है। इस नक्षत्र में जन्मा जातक धार्मिक स्वभाव का होता है। बुध लग्न स्वामी मंगल का शत्रु ग्रह है। बुध में शनि का अंतर एवं शनि में बुध का अंतर शुभ फलदायी होगा। परन्तु शनि में मंगल या मंगल में शनि का अंतर अशुभ फल देनेवाला होता है। मंगल की दशा में ऐसा जातक उन्नति ही करता है।।

तृतीय चरण:- अनुराधा नक्षत्र के तृतीय चरण का स्वामी शुक्र होता है। इस नक्षत्र चरण में जन्मा जातक दीर्घायु प्राप्त करता है। अनुराधा नक्षत्र के तीसरे चरण का स्वामी शुक्र है जो शनि का शत्रु है परन्तु मंगल का मित्र है। फलतः शुक्र की दशा माध्यम फलदायी होगी। शनि की दशा में पराक्रम बढेगा तथा भौतिक उपलब्धियों की प्राप्ति होगी। मंगल की दशा अत्यंत उत्तम फल देनेवाली होती है।।

चतुर्थ चरण:- अनुराधा नक्षत्र के चतुर्थ चरण का स्वामी मंगल होता है। इस नक्षत्र चरण में जन्मा जातक प्रायः नपुंसक होता है। अनुराधा नक्षत्र के चौथे चरण का स्वामी मंगल है तथा लग्न स्वामी भी मंगल है। अतः मंगल की दशा-अन्तर्दशा जातक को उत्तम फल देती है। शनि की दशा माध्यम फल देगी क्योंकि शनि और मंगल में शत्रुता है।।

Panchang 16 April 2025

आज बुधवार के दिन यह सावधानी अवश्य रखें:- बुधवार को बालों से संबंधित कोई भी वस्तु न खरीदें, टूथ ब्रश आदि भी नहीं खरीदना चाहिए। बुधवार के दिन दूध की खीर या अन्य कोई व्यंजन जिसमें दूध जलने की संभावना हो नहीं बनाना चाहिए। अगर हो सके तो आज के दिन दूध न उबालें। बुधवार के दिन किसी को उधार पैसे न दें। इससे आपको धन संबंधित परेशानी हो सकती है।।

आज बुधवार के दिन ये विशेष उपाय करें – बुधवार गणपति, गजानन, विघ्नहर्ता श्री गणेशजी का दिन है। इसलिये आज के दिन इनकी पूजा का विशेष महत्त्व होता है। आज के दिन गणपति की पूजा के उपरान्त मोदक, बेशन के लड्डू एवं विशेष रूप से दूर्वादल का भोग लगाना चाहिये इससे मनोकामना की सिद्धि तत्काल होती है।।

अगर आपकी कुण्डली में बुध अच्छा हो तो इन कार्य क्षेत्र में आपको सफलता सहजता से मिल सकती है। बुधवार को भी इन कामों को करना चाहिए। जिससे आपके जीवन में सफलता प्राप्त हो जाएगी।।

ज्योतिष, शेयर, दलाली जैसे कार्यों के लिए भी यह दिन शुभ माना गया है। सिंदूर का तिलक या टीका लगाएं। इस दिन पूर्व, दक्षिण और नैऋत्य दिशा में यात्रा कर सकते हैं। इस दिन धन जमा करने से धन में बरकत होती है। माता दुर्गा के मंदिर जाना चाहिए। इस दिन किसी कन्या को साबुत बादाम भी दान में देना चाहिए।।

बुधवार का विशेष – बुधवार के दिन तेल मर्दन अथवा मालिश करने से माता लक्ष्मी प्रशन्न होती हैं और धनलाभ होता है – (मुहूर्तगणपति)।।
बुधवार को क्षौरकर्म (बाल दाढी अथवा नख काटने या कटवाने) से धन एवं पूण्य का लाभ होता है।। (महाभारत अनुशासनपर्व)।।

दिशाशूल – बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो, यात्रा करनी ही हो तो धनिया, तिल की वस्तु, ईलायची अथवा पिस्ता खाकर यात्रा कर सकते है।।

Panchang 16 April 2025

मित्रों, बुधवार को जन्म लेने वाले व्यक्ति मधुर वाणी बोलने वाले होते हैं। इस तिथि के जातक पठन पाठन में रूचि रखते हैं और ज्ञानी होते हैं। ऐसे लोगों का लेखन में अत्यधिक रूचि होती है और अधिकांशत: इसे अपनी जीवका का साधन भी बना लेते हैं। ये जिस विषय का चयन करते हैं उसके अच्छे जानकार होते हैं। इनके पास धन तो होता है परंतु ऐसे लोग धोखेबाज भी होते हैं।।

ऐसे जातक सामन्य रंग-रूप, बुद्धिमान, लेखक, पत्रकार, प्रकाशक एवं द्विस्वभाव के होते हैं। किसी एक कार्य को न कर अनेक कार्य में जुटे होते हैं। वैसे शान्तिप्रिय रहना इनका स्वभाव होता है। अधिकांशतः मार्केटिंग के क्षेत्र में ऐसे लोगों को उत्तम सफलता मिलती है। बुधवार को जन्म लेने वाले हमेशा असमंजस के शिकार रहते हैं। वह एक समय कई कार्यों पर हाथ आजमाने की कोशिश करते हैं, कई बार सफलता मिल भी जाती है और कई बार गिरते भी हैं।।

इनमें छल-कपट नहीं होता और कई बार तो ये दूसरों की गलतियां खुद पर तक ले लेते हैं। इनको लेखन, पत्रकारिता, प्रकाशन, बैंकिंग और मार्केटिंग के क्षेत्र में अपना किस्मत आजमाना चाहिये। इन क्षेत्रों में इन्हें अच्छी सफलता की संभावना होती है। इनके लिये बुधवार एवं शुक्रवार का दिन भाग्यवर्धक होता है तथा 3 और 6 इनका लकी नम्बर होता है।।

आज का सुविचार – मित्रों, यदि जीवन में लोकप्रिय होना हो तो सबसे ज्यादा “आप” शब्द का, उसके बाद “हम” शब्द का और सबसे कम “मैं” शब्द का प्रयोग करना चाहिए। इस संसार में कोई किसी का हमदर्द नहीं होता, लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पुछ्ते हैं.. और कितना वक़्त लगेगा।।

Panchang 16 April 2025

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मकर राशि वालों के मृत्यु का योग।। Makar Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.

“तुला राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी।। Tula Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.

“मिथुन राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी। Mithun Rashi Walo Ki Mrityu.

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Panchang 16 April 2025

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