पञ्चांग 20 जुलाई 2025 दिन रविवार।।

Panchang 17 August 2025
Panchang 17 August 2025

बालाजी वेद, वास्तु एवं ज्योतिष केन्द्र।।

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आज का लेख एवं आज का पञ्चांग 20 जुलाई 2025 दिन रविवार।।

मित्रों, तारीख 20 जुलाई 2025 दिन रविवार को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि है। आज भगवान श्रीसूर्यनारायण पुनर्वसु नक्षत्र को छोड़कर पुष्य नक्षत्र में सायं 05:13 PM बजे पर चले जायेंगे। जिनका विवरण इस प्रकार है:- चन्द्र-चन्द्र, पु.स्त्री. योग है, चातक वाहन, चन्डा नाड़ी, जिसका स्वामी शनि है। जिससे तेज हवाओं के साथ सामान्य से लेकर अच्छी वर्षा का भी योग बनेगा। आप सभी सनातनियों को “सूर्य देवता के पुष्य संक्रान्ति” की हार्दिक शुभकामनायें।।

हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी), आज के योग और आज के करण। आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातकों पर अपनी कृपा बनाए रखें। इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव ही सर्वश्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो। ऐसी मेरी आप सभी आज के अधिष्ठात्री देवों से हार्दिक प्रार्थना है।।

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वैदिक सनातन हिन्दू पञ्चांग, Vedic Sanatan Hindu Panchang पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi), 2:- वार (Day), 3:- नक्षत्र (Nakshatra), 4:- योग (Yog) और 5:- करण (Karan).

पञ्चांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग का श्रवण करते थे। शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है। वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।।

नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापों का नाश होता है। योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है। करण के पठन-श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए नित्य पञ्चांग को देखना, पढ़ना एवं सुनना चाहिए।।

Panchang 20 July 2025

आज का पञ्चांग 20 जुलाई 2025 दिन रविवार।।
Aaj ka Panchang 20 July 2025.

विक्रम संवत् – 2082.

संकल्पादि में प्रयुक्त होनेवाला संवत्सर – कालयुक्त.

शक – 1946.

अयन – सौम्यायनम्.

गोल – सौम्य.

ऋतु – ग्रीष्म.

मास – श्रावण.

पक्ष – कृष्ण.

गुजराती पंचांग के अनुसार – आषाढ़ कृष्ण पक्ष.

Panchang 20 July 2025

तिथि – दशमी 12:14 PM बजे तक उपरान्त एकादशी तिथि है।।

नक्षत्र – कृत्तिका 22:54 PM तक उपरान्त रोहिणी नक्षत्र है।।

योग – गंड 21:49 PM तक उपरान्त वृद्धि योग है।।

करण – विष्टि 12:14 PM तक उपरान्त बव 22:58 PM तक उपरान्त बालव करण है।।

चन्द्रमा – मेष राशि पर 06:12 AM तक उपरान्त वृषभ राशि पर।।

सूर्य – कर्क राशि एवं मृगशिरा नक्षत्र पर गोचर कर रहे हैं।।

मुम्बई सूर्योदय – प्रातः 06:10:08

मुम्बई सूर्यास्त – सायं 19:18:29

वाराणसी सूर्योदय – प्रातः 05:19:53

वाराणसी सूर्यास्त – सायं 18:41:52

राहुकाल (अशुभ) – सायं 17:41 बजे से 19:20 बजे तक।।

विजय (शुभ) मुहूर्त – दोपहर 12.33 PM से 12.57 बजे तक।।

Panchang 20 July 2025

दशमी तिथि विशेष – दशमी तिथि को कलम्बी एवं परवल का सेवन वर्जित है। दशमी तिथि धर्मिणी और धनदायक तिथि मानी जाती है। यह दशमी तिथि पूर्णा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह दशमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायिनी मानी जाती है। दशमी को धन देनेवाली अर्थात धनदायक तिथि माना जाता है। इस दिन आप धन प्राप्ति हेतु उद्योग करते हैं तो सफलता कि उम्मीदें बढ़ जाती हैं। यह दशमी तिथि धर्म प्रदान करने वाली तिथि भी माना जाता है। अर्थात इस दिन धर्म से संबन्धित कोई बड़े अनुष्ठान वगैरह करने-करवाने से सिद्धि अवश्य मिलती है। इस दशमी तिथि में वाहन खरीदना उत्तम माना जाता है। इस दशमी तिथि को सरकारी कार्यालयों से सम्बन्धित कार्यों को आरम्भ करने के लिये भी अत्यंत शुभ माना जाता है।।

दशमी तिथि के देवता यमराज जी बताये जाते हैं। यमराज दक्षिण दिशा के स्वामी माने जाते हैं। इस दशमी तिथि में यमराज के पूजन करने से जीव अपने समस्त पापों से छुट जाता है। पूजन के उपरान्त क्षमा याचना (प्रार्थना) से जीव नरक कि यातना एवं जीवन के सभी संकटों से मुक्त हो जाता है। इस दशमी तिथि को यम के निमित्ति घर के बाहर दीपदान करना चाहिये, इससे अकाल मृत्यु के योग भी टल जाते हैं।।

दशमी तिथि को जिस व्यक्ति का जन्म होता है, वो लोग देशभक्ति तथा परोपकार के मामले में बड़े तत्पर एवं श्रेष्ठ होते हैं। देश एवं दूसरों के हितों के लिए ये सर्वस्व न्यौछावर करने को भी तत्पर रहते हैं। इस तिथि में जन्म लेनेवाले जातक धर्म-अधर्म के बीच के अन्तर को अच्छी तरह समझते हैं और हमेशा धर्म पर चलने वाले होते हैं।।

Panchang 20 July 2025

कृतिका नक्षत्र के जातकों का गुण एवं स्वभाव:- कृतिका नक्षत्र में जन्मा जातक सुन्दर और मनमोहक छवि वाला होता है। वह केवल सुन्दर ही नहीं अपितु गुणी भी होते हैं। आपका व्यक्तित्व किसी राजा के समान ओजपूर्ण एवं पराक्रमी होता है। कृतिका नक्षत्र का स्वामी ग्रह सूर्य है। अतः आप तेजस्वी एवं तीक्ष्ण बुद्धि के स्वामी होते हैं। बचपन से ही आपकी विद्या प्राप्ति में अधिक रूचि रहती है और आगे चलकर कृतिका नक्षत्र का जातक विद्वान् होता है।।

यह सूर्य ग्रह का विशेष गुण भी माना है। परन्तु शुक्र और सूर्य में शत्रुता भी है। अतः सुन्दर और तेजस्वी होने पर भी विचार अस्थिर रहेंगे। सूर्य के इस नक्षत्र में चन्द्र भी रहेगा अर्थात सूर्य चन्द्र के मेल के कारण शरीर पर तेज़ की अनुभूति होगी। चन्द्रमा से प्रभावित होने के कारण आपमें प्रभुत्व आएगा। आप की सोच और कार्य उच्च स्तरीय होंगे। आपके व्यक्तित्व में राजकीय गुण स्वाभाविक हैं। चन्द्रमा के प्रभाव के कारण ही आपके पास धन भी आएगा।।

कृतिका नक्षत्र में जन्म लेने वाला व्यक्ति खाने का शौक़ीन एवं पराई स्त्रियों में आसक्त होता है। आपका रुझान गायन, नृत्यकला, सिनेमा, तथा अभिनेता और अभिनेत्रियों के प्रति अधिक रहता है। इस नक्षत्र में जन्मे जातक या जातिकाएं एक दूसरे के प्रति आकर्षित रहते हैं। सौन्दर्य के तेज़ के कारण प्रसिद्धि भी बहुत अधिक मिलती है एवं पुरुषों को महिलाएं एवं महिलाओं को पुरुषों के प्रेम प्रस्ताव मिलते ही रहते हैं।।

हालाँकि किसी भी सम्बन्ध में आप बंध कर रहना पसंद नहीं करते। जहाँ आपको बंधन महसूस होता है वहीँ आप बिना किसी की परवाह किए रिश्तों को समाप्त कर आगे बढ़ जाते हैं। बहु भोगी होना और रोगी होना इस नक्षत्र में जन्मे जातकों का स्वभाव है। सेक्स के प्रति अधिक रुझान एवं भोजन के प्रति असावधानी रोग का कारण बन सकती है। आप औरों के लिए एक बहुत अच्छे मार्गदर्शक साबित होते हैं।।

परन्तु अस्थिर सोच के कारण अपने लिए सही निर्णय लेना आप के बस में नहीं होता है। आपको पुराने या नवीन विचारों से कोई परहेज़ नहीं होता। आप केवल सत्यता और मानवता के पथ पर ही चलना चाहते हैं। कृतिका जातक पिता की उपेक्षा अपनी माता से अधिक निकट होता है। साथ ही माता से हर प्रकार का सहयोग लेने में सक्षम रहता है। विवाह के उपरांत आपका पारिवारिक जीवन सुखमय रहता है।।

पत्नी के साथ सम्बन्ध प्रेमपूर्वक और मधुर बना रहता है। परन्तु घर परिवार से दूरी आपको अक्सर खलती है। कृतिका नक्षत्र में जन्मे जातक का भाग्योदय अक्सर जन्म स्थान से दूर जाकर होता है। आप अपने जीवन में कई यात्राएं भी करते हैं जिनमे से अधिकतर निरर्थक साबित होती हैं। निरंतर यात्राओं के कारण कार्यक्षेत्र में भी बदलाव होता है। आपको सफलता प्राप्त करने के लिए जीवन पर्यंत संघर्षरत रहना पड़ता है।।

सुदूर देशों में जाकर ही कृतिका नक्षत्र जातक खूब धन कमाता है। कृतिका नक्षत्र में जन्मी महिलाएं पतले दुबले शरीर और कफ प्रकृति की होती हैं। सामान्यतः अपने माता पिता की अकेली संतान होती हैं। या भाई बहनों के होते हुए भी उनके सुख से वंचित रहती है। इस नक्षत्र में जन्मी जातिकाएं प्रायः झगड़ालू तथा दूसरों में दोष निकलने वाली होती हैं।।

क्रोध सदा इनकी नाक पर रहता है। अपने इसी स्वभाव के कारण इनका अपने पति से भी प्रेमपूर्ण व्यवहार नहीं रहता है। इसी वजह से अक्सर वैवाहिक जीवन में अलगाव की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है। अनुशासित एवं ओजपूर्ण व्यवहार से आप सम्पन्न होते हैं। सर्दी, जुकाम और नाक से सम्बंधित रोग से आप सदैव ग्रसित रहते हैं।।

प्रथम चरण:- कृतिका नक्षत्र का स्वामी ग्रह सूर्य है। इसके प्रथम चरण का स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं। कृतिका नक्षत्र के पहले चरण में जन्म होने के कारण जातक जन्मस्थान से दूर जाकर खूब धन कमाता है। जातक की मंगल की दशा, सूर्य एवं गुरु की दशा-अन्तर्दशा अत्यंत शुभ फलदायी होगी। यह जातक मंगल की रहस्मयी शक्तियों का स्वामी होता है।।

द्वितीय चरण:- कृतिका नक्षत्र का स्वामी ग्रह सूर्य है। इसके द्वितीय चरण का स्वामी ग्रह शनि हैं। कृतिका नक्षत्र के द्वितीय चरण में जन्म होने के कारण जातक विज्ञान का जानकार हो सकता है। सूर्य और शनि के कारण ज्ञान और अनुभव दोनों का समावेश रहेगा। जातक शास्त्रों का ज्ञाता एवं अपने क्षेत्र का तेजस्वी विद्वान् होगा। जातक लग्नबली एवं चेष्टावान होगा। सूर्य एवं शनि की दशाएं अशुभ परन्तु लग्नेश शुक्र की दशा शुभ फल देती है।।

तृतीय चरण:- कृतिका नक्षत्र का स्वामी ग्रह सूर्य है। इसके तृतीय चरण का स्वामी ग्रह शनि हैं। कृतिका नक्षत्र के तीसरे चरण में जन्म होने के कारण जातक शूरवीर तथा भाग्यशाली होगा। सूर्य और शनि के कारण ज्ञान और अनुभव दोनों का समावेश रहेगा। जातक शास्त्रों का ज्ञाता एवं अपने क्षेत्र का तेजस्वी विद्वान् होगा। जातक की सूर्य एवं शुक्र दोनों की दशाएं संघर्षपूर्ण होंगी।।

चतुर्थ चरण:- कृतिका नक्षत्र का स्वामी ग्रह सूर्य है। इसके चतुर्थ चरण का स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं। कृतिका नक्षत्र के चौथे चरण में जन्म होने के कारण जातक दीर्घायु एवं एक से अधिक पुत्रों वाला होगा। सूर्य और बृहस्पति जातक ज्ञानी एवं सात्विक विचारों वाला होगा। जातक की सूर्य एवं बृहस्पति की दशा-अन्तर्दशा में उन्नति होगी। जातक का विशेष भाग्योदय सूर्य, बृहस्पति एवं लग्न स्वामी शुक्र की दशा में होगा।।

Panchang 20 July 2025

मित्रों, आज रविवार को सुबह भगवान सूर्य को ताम्बे के एक लोटे में लाल चन्दन, गुड़ और लाल फुल मिलाकर अर्घ्य इस मन्त्र से प्रदान करें। अथ मन्त्रः- एही सूर्य सहस्रांशो तेजो राशे जगत्पते। अनुकम्प्य मां भक्त्या गृहाणार्घ्य दिवाकर।। अथवा गायत्री मन्त्र से भी सूर्यार्घ्य दे सकते हैं।।

इसके बाद आदित्यह्रदयस्तोत्रम् का पाठ करना चाहिये। भोजन में मीठा भोजन करना चाहिये नमक का परित्याग करना अत्यन्त श्रेयस्कर होता है। इस प्रकार से किया गया रविवार का पूजन आपको समाज में सर्वोच्च प्रतिष्ठा एवं अतुलनीय धन प्रदान करता है। क्योंकि सूर्य धन और प्रतिष्ठा का कारक ग्रह है।।

दिशाशूल – रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो पान एवं घी खाकर यात्रा कर सकते है।।

रविवार का विशेष – रविवार के दिन तेल मर्दन करने से ज्वर (बुखार लगता) होता हैं – (मुहूर्तगणपति)।।
रविवार को क्षौरकर्म (बाल, दाढी अथवा नख काटने या कटवाने) से बुद्धि और धर्म की हानि होती है। (महाभारत अनुशासनपर्व)।।

विशेष जानकारी – मित्रों, रविवार के दिन, चतुर्दशी एवं अमावस्या तिथियों में तथा श्राद्ध एवं व्रत के दिन स्त्री सहवास नहीं करना चाहिये। साथ ही तिल का तेल, लाल रंग का साग तथा कांसे के पात्र में भोजन करना भी शास्त्रानुसार मना है अर्थात ये सब नहीं करना चाहिये।।

Panchang 20 July 2025

रविवार ध्रुव प्रकृति का दिन माना जाता है। रविवार भगवान सूर्य का दिन होता है। यह भगवान विष्णु का दिन भी माना जाता है। वैदिक सनातन धर्म में इसे सर्वश्रेष्ठ वार माना गया है। अच्छा स्वास्थ्य व तेजस्विता पाने के लिए रविवार के दिन उपवास रखना चाहिए। प्रचलन से सप्ताह का पहला वार सोमवार को माना जाता है क्योंकि रविवार को छुट्टी का नाम घोषित है। परंतु सही मायने में तो रविवार सप्ताह का प्रथम वार ही है। परंतु रविवार को कुछ ऐसे कार्य जिसे यदि आप करते हैं तो इससे आपन नुकसान उठाना पड़ सकता है।।

रविवार के दिन पश्चिम और वायव्य दिशा में यात्रा न करें। इन दिशाओं में यात्रा करना जरूरी हो तो रविवार को दलिया, घी या पान खाकर या इससे पहले पांच कदम पीछे चलकर ही इस दिशा में जाएं क्योंकि इस दिन खासकर पश्चिरम में दिशा का शूल माना जाता है। रविवार को तांबे से निर्मित चीजों को बेचने से बचना चाहिए। तांबे के अलावा सूर्य से संबंधित अन्य धातु या वस्तुएं भी ना बेचें।।

रविवार के दिन नीले, काले, कत्थई और ग्रे कलर के कपड़े नहीं पहनना चाहिए। काले या नीले से मिलते जुलते कपड़े तो कदापि ना पहनें। रविवार को नमक नहीं खाना चाहिए। इससे स्वास्थ्य पर असर पड़ता है और हर कार्य में बाधा आती है। खास कर सूर्यास्त के बाद तो नमक बिलकुल भी नहीं खाना चाहिए।।

रविवार को दिन में सहवास करना और मांस एवं मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन शनि से संबंधित पदार्थों का सेवन भी नहीं करना चाहिए। आमतौर पर लोग रविवार को ही बाल कटाते हैं परंतु इस दिन बाल कटाने से सूर्य कमजोर होता है। इस दिन शरीर में तेल मालिश भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह सूर्य का दिन होता है और तेल शनि का होता है।।

Panchang 20 July 2025

मित्रों, रविवार सप्ताह का प्रथम दिन होता है, इसके अधिष्ठात्री देव सूर्य को माना जाता है। इस दिन जिस व्यक्ति का जन्म होता है वह व्यक्ति तेजस्वी, गर्वीले और पित्त प्रकृति के होते है। इनके स्वभाव में क्रोध और ओज भरा होता है तथा ये चतुर और गुणवान होते हैं। इस दिन जन्म लेनेवाले जातक उत्साही और दानी होते हैं तथा संघर्ष की स्थिति में भी पूरी ताकत से काम करते हैं।।

रविवार को जन्म लेनेवाले जातक सुन्दर एवं गेंहूए रंग के होते हैं। इनमें तेजस्विता का गुण स्वाभाविक ही होता है। महत्वाकांक्षी होने के साथ ही प्रत्येक कार्य में जल्दबाजी करते है और सफल भी होते हैं। उत्साह इनमें कूट-कूट कर भरा होता है तथा ये परिश्रम से कभी भी घबराते नहीं हैं। ये हर कार्य में रूचि लेने वाले होते हैं परन्तु ये लोग समय के पाबंद नहीं होते। ये जातक अपना करियर किसी भी क्षेत्र में अपने कठिन परिश्रम से बनाने की क्षमता रखते हैं। इनका शुभ दिन रविवार तथा शुभ अंक 7 होता है।।

आज का सुविचार – मित्रों, गलती कबूल़ करने और गुनाह छोङने में कभी देर ना करना। क्योंकि सफर जितना लंबा होगा वापसी उतनी ही मुशिकल हो जाती हैं। दुनिया में सिर्फ माँ-बाप ही ऐसे हैं जो बिना किसी स्वार्थ के प्यार करते हैं। कोई देख ना सका उसकी बेबसी जो सांसें बेच रहा हैं गुब्बारों में डालकर।।

Panchang 20 July 2025

सूर्य की महादशा में मंगल विजय और बुध कुष्ठ रोग देता है ।।…. आज के इस पुरे लेख को पढ़ने के लिये इस लिंक को क्लिक करें…. वेबसाईट पर पढ़ें:  & ब्लॉग पर पढ़ें:

मकर राशि वालों के मृत्यु का योग।। Makar Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.

“तुला राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी।। Tula Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.

“मिथुन राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी। Mithun Rashi Walo Ki Mrityu.

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Panchang 20 July 2025

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