पञ्चांग 22 जुलाई 2025 दिन मंगलवार।।

Panchang 22 July 2025
Panchang 22 July 2025

बालाजी वेद, वास्तु एवं ज्योतिष केन्द्र।।

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आज का लेख एवं आज का पञ्चांग 22 जुलाई 2025 दिन मंगलवार।।

मित्रों, तारीख 22 जुलाई 2025 दिन मंगलवार को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है। तो जैसा कि आप सभी जानते हैं, कि तारीख 21 जुलाई 2025 दिन सोमवार को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि थी। जिसका आरम्भ 20 जुलाई को दिन में 12:14 PM बजे दोपहर को हुआ था। और यह एकादशी तिथि 21 जुलाई सुबह के 09:40 AM बजे तक थी। तो आज 22 जुलाई को कामदा एकादशी व्रत का पारण किया जायेगा। तो चलिए कामदा एकादशी व्रत के पारण का निर्णय देखते हैं। आज 22 जुलाई 2025 को पारण का समय सुबह 06:10 AM से 08:47 AM बजे तक है। इस समय के भीतर ही सभी उत्पन्ना एकादशी व्रतियों को एकादशी व्रत का पारण कर लेना चाहिए। आज मंगलवार का प्रदोष व्रत भी है। यह प्रदोष व्रत उनके लिए बहुत ही अच्छा है, जिनके ऊपर कर्ज बहुत ज्यादा हो गया है। आज दुर्गायात्रा-गौरीपुजा-हनुमान जी का दर्शन आदि बहुत ही श्रेयस्कर माना गया है। अ स्थायीजययोग, द्विपुष्कर योग एवं यमघंट योग भी है।।

हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी), आज के योग और आज के करण। आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातकों पर अपनी कृपा बनाए रखें। इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव ही सर्वश्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो। ऐसी मेरी आप सभी आज के अधिष्ठात्री देवों से हार्दिक प्रार्थना है।।

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वैदिक सनातन हिन्दू पञ्चांग, Vedic Sanatan Hindu Panchang पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi), 2:- वार (Day), 3:- नक्षत्र (Nakshatra), 4:- योग (Yog) और 5:- करण (Karan).

पञ्चांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग का श्रवण करते थे। शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है। वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।।

नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापों का नाश होता है। योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है। करण के पठन-श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए नित्य पञ्चांग को देखना, पढ़ना एवं सुनना चाहिए।।

Panchang 22 July 2025

आज का पञ्चांग 22 जुलाई 2025 दिन मंगलवार।।
Aaj ka Panchang 22 July 2025.

विक्रम संवत् – 2082.

संकल्पादि में प्रयुक्त होनेवाला संवत्सर – कालयुक्त.

शक – 1946.

अयन – सौम्यायनम्.

गोल – सौम्य.

ऋतु – ग्रीष्म.

मास – श्रावण.

पक्ष – कृष्ण.

गुजराती पंचांग के अनुसार – आषाढ़ कृष्ण पक्ष.

Panchang 22 July 2025

तिथि – द्वादशी 07:07 AM बजे तक उपरान्त त्रयोदशी तिथि है।।

नक्षत्र – मृगशिरा 19:26 PM तक उपरान्त आर्द्रा नक्षत्र है।।

योग – ध्रुव 15:33 PM तक उपरान्त व्याघात योग है।।

करण – तैतिल 07:07 AM तक उपरान्त गर 17:53 PM तक उपरान्त वणिज करण है।।

चन्द्रमा – वृषभ राशि पर 08:16 AM तक उपरान्त मिथुन राशि पर।।

सूर्य – कर्क राशि एवं मृगशिरा नक्षत्र पर गोचर कर रहे हैं।।

मुम्बई सूर्योदय – प्रातः 06:10:54

मुम्बई सूर्यास्त – सायं 19:17:54

वाराणसी सूर्योदय – प्रातः 05:20:45

वाराणसी सूर्यास्त – सायं 18:40:38

राहुकाल (अशुभ) – दोपहर 16:02 बजे से 17:40 बजे तक।।

शुभ मुहूर्त – दोपहर 12.33 बजे से 12.57 बजे तक।।

Panchang 22 July 2025

मित्रों, तारीख 22 जुलाई 2025 दिन मंगलवार को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि है। तो जैसा कि आप सभी जानते हैं, कि तारीख 21 जुलाई 2025 दिन सोमवार को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि थी। जिसका आरम्भ 20 जुलाई को दिन में 12:14 PM बजे दोपहर को हुआ था। और यह एकादशी तिथि 21 जुलाई सुबह के 09:40 AM बजे तक थी। तो आज 22 जुलाई को कामदा एकादशी व्रत का पारण किया जायेगा। तो चलिए कामदा एकादशी व्रत के पारण का निर्णय देखते हैं। आज 22 जुलाई 2025 को पारण का समय सुबह 06:10 AM से 08:47 AM बजे तक है। इस समय के भीतर ही सभी उत्पन्ना एकादशी व्रतियों को एकादशी व्रत का पारण कर लेना चाहिए। आज मंगलवार का प्रदोष व्रत भी है। यह प्रदोष व्रत उनके लिए बहुत ही अच्छा है, जिनके ऊपर कर्ज बहुत ज्यादा हो गया है। आज दुर्गायात्रा-गौरीपुजा-हनुमान जी का दर्शन आदि बहुत ही श्रेयस्कर माना गया है। अ स्थायीजययोग, द्विपुष्कर योग एवं यमघंट योग भी है।।

द्वादशी तिथि विशेष – द्वादशी तिथि को मसूर की दाल एवं मसूर से निर्मित कोई भी व्यंजन नहीं खाना न ही दान देना चाहिये। यह मसूर से बना सभी व्यंजन इस द्वादशी तिथि में त्याज्य बताया गया है। द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान श्री हरि नारायण भगवान को बताया गया है। आज द्वादशी तिथि के दिन भगवान नारायण का श्रद्धा-भाव से पूजन करना चाहिये। साथ ही भगवान नारायण के नाम एवं स्तोत्रों जैसे विष्णुसहस्रनाम आदि के पाठ अवश्य करने चाहिए। नाम के पाठ एवं जप आदि करने से व्यक्ति के जीवन में धन, यश एवं प्रतिष्ठा की प्राप्ति सहज ही होने लगती है।।

आज द्वादशी तिथि के दिन तुलसी नहीं तोड़ना चाहिये। आज द्वादशी तिथि के दिन भगवान नारायण का पूजन और जप आदि करने से मनुष्य का कोई भी बिगड़ा काम भी बन जाता है। यह द्वादशी तिथि यशोबली अर्थात यश एवं प्रतिष्ठा प्रदान करने वाली तिथि मानी जाती है। यह द्वादशी तिथि सर्वसिद्धिकारी अर्थात अनेकों प्रकार के सिद्धियों को देनेवाली तिथि भी मानी जाती है। यह द्वादशी तिथि भद्रा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह द्वादशी तिथि शुक्ल पक्ष में शुभ तथा कृष्ण पक्ष में अशुभ फलदायिनी मानी जाती है।।

द्वादशी तिथि में जन्म लेनेवाले व्यक्ति का स्वभाव अस्थिर होता है। इनका मन किसी भी विषय में केन्द्रित नहीं हो पाता है। इस व्यक्ति का मन हर पल चंचल बना रहता है। इस तिथि के जातक का शरीर पतला व कमज़ोर होता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से इनकी स्थिति अच्छी नहीं होती है। ये यात्रा के शौकीन होते हैं और सैर सपाटे का आनन्द लेते रहते हैं।।

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मृगशिरा नक्षत्र के जातकों का गुण एवं स्वभाव:- यदि आपका जन्म मृगशिरा नक्षत्र में हुआ है तो आप स्वभाव से चतुर एवं चंचल होते हैं। आप अध्ययन में अधिक रूचि रखते हैं। माता पिता के आज्ञाकारी और सदैव साफ़ सुथरे आकर्षक वस्त्र पहनने वाले होते हैं। आपको श्वेत रंग अत्यधिक प्रिय है। मृगशिरा नक्षत्र में पैदा हुए जातकों का चेहरा बहुत ही आकर्षक एवं सुन्दर होता है।।

आपका झुकाव विपरीत लिंग की ओर सामान्यतः अधिक होता है। आपका मन सौम्य परन्तु कामातुर होता है। भ्रमण करना आपको प्रिय है। आपका अधिकतर जीवन विलासितापूर्ण एवं ऐश्वर्यशाली होता है। आप आर्धिक रूप से धनि होने के साथ-साथ बहुत ही सोच समझ कर धन खर्च करने वाले होते हैं। अपने इसी स्वभाव के कारण मित्रों में आप कन्जूस भी कहलाते हैं।।

आपकी प्रगति में निरंतर बाधाएं आती रहती हैं तथा जीवन परिवर्तनशील रहता है। आप भी इस परिवर्तन को झेलते हुए जीवन में कई बार कार्य क्षेत्र बदलते हैं। आप किसी भी निर्णय पर पहुँचने से पहले उसके हर एक पहलु पर अच्छी तरह सोच विचार कर लेते हैं। स्वभाव से अक्सर गंभीर और शांत रहने वाले होते हैं। मृगशिरा नक्षत्र में जन्मे जातक क्रोध कम करते हैं।।

मृगशिरा नक्षत्र में जन्मे जातक यदि क्रोधित हो भी जाएँ तो शांत होने पर पश्चाताप भी करते हैं। इस नक्षत्र में जन्मे जातकों का गायन वाद्य आदि कलाओं में अधिक रूचि होती है। मृगशिरा नक्षत्र में जन्मे जातकों का जीवन बाधा रहित वैभव शाली होता है। पेट और पाचन से सम्बन्धी रोग, कन्धों में दर्द और जीवन में कोई विशेष दुर्घटना की संभावना सदैव बनी रहती है।।

प्रथम चरण:- मृगशिरा नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह है। इसके प्रथम चरण का स्वामी ग्रह सूर्य है। सूर्य और मंगल, दोनों ग्रहों का संयोग राजयोग देता है। फलस्वरूप ऐसा जातक राजतुल्य बनता है। उसके पास राजा के समान ठाट-बाट की सभी वस्तुएं रहती हैं। मंगल और सूर्य में मित्रता के कारण सूर्य और मंगल दोनों की दशाएं शुभ जायेंगी और शुक्र की दशा-अन्तर्दशा में जातक की विशेष उन्नति होगी।।

द्वितीय चरण:- मृगशिरा नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह है। इसके द्वितीय चरण का स्वामी ग्रह बुध हैं। अतः बुध और मंगल में शत्रुता के कारण जातक में झूठ बोलने एवं स्वर्ण चोरी के लक्षण देखे जाते हैं अर्थात जातक स्वर्णकार होगा। कुछ छिपाने की, चोरी की आदत स्वभाव में ही होती है। शुक्र की दशा-अन्तर्दशा में जातक की उन्नति तो होगी परन्तु विशेष भाग्योदय करने में सहायक नहीं होगी।।

तृतीय चरण:- मृगशिरा नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह है। इसके तृतीय चरण का स्वामी ग्रह शुक्र हैं। जो विलासप्रिय एवं भोगी होते हैं। अतः मृगशिरा नक्षत्र के तृतीय चरण में पैदा होने वाला जातक ऐश्वर्य प्रिय, भोगी एवं कुटिल बुद्धि वाला होगा। लग्नेश की दशा शुभ फल देगी।।

चतुर्थ चरण:- मृगशिरा नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह है। इसके चतुर्थ चरण का स्वामी ग्रह मंगल हैं। अतः मृगशिरा नक्षत्र के चौथे चरण में पैदा होने वाले जातक पर मंगल का प्रभाव अधिक रहेगा। जातक का जीवन धन-धान्य से युक्त रहेगा एवं सदा लक्ष्मियुक्त रहेगा। लग्नेश बुध और मंगल की दशा उत्तम फल देगी।।

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मंगलवार को नए कपड़े न ही खरीदना चाहिये और न ही पहली बार पहनना चाहिए। मंगलवार वाहन एवं भूमि-भवन आदि भी नहीं खरीदना चाहिये।।
मंगलवार का विशेष – मंगलवार के दिन तेल मर्दन (शरीर में तेल मालिश) करने से आयु घटती है – (मुहूर्तगणपति)।।
मंगलवार को क्षौरकर्म (बाल दाढी अथवा नख काटने या कटवाने) से भी आयु की हानि होती है।। (महाभारत अनुशासनपर्व)।।
दिशाशूल – मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो कोई गुड़ खाकर यात्रा कर सकते है।।

मंगलवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात दाढ़ी या बाल काटने या कटवाने से उम्र कम होती है। अत: मंगलवार को बाल या दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए। मंगलवार को बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व है।।

मंगलवार को यथासंभव कोशिश करके मंदिर में जाकर हनुमान जी के दर्शन करके उन्हें लाल गुलाब, इत्र अर्पित करके बूंदी/लाल पेड़े या गुड़ और चने का प्रसाद चढ़ाएं। हनुमान जी की पूजा से भूत-प्रेत एवं नज़र की बाधा से बचाव होता है साथ ही आपके समस्त शत्रु परास्त होते है।।

मंगलवार के व्रत से सुयोग्य संतान की प्राप्ति होती है, बल, साहस और सम्मान में भी वृद्धि होती है। मंगलवार को धरती पुत्र मंगलदेव की आराधना करने से जातक को मुक़दमे, राजद्वार में सफलता मिलती है, उत्तम भूमि, भवन का सुख मिलता है, मांगलिक दोष दूर होता है।।

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मंगलवार को जिनका जन्म होता है, वो जातक स्वभाव से उग्र, साहसी, प्रयत्नशील एवं महत्वाकांक्षी होते हैं। इनमें नेतृत्व की क्षमता अन्यों के मुकाबले बहुत शुद्ध होती है। ऐसे लोग जिम्मेदारियों के कार्य में सफल भी होते हैं। खिलाड़ी, पहलवान, सेना तथा पुलिस विभाग में सफल रहते हैं। यह जातक अधिकांशतः रक्तवर्ण या गेहूंआ रंग होता है।।

मंगलवार को जन्म लेनेवाला जातक जटिल बुद्धि वाला होता है। ये किसी भी बात को आसानी से नहीं मानते हैं। ऐसे लोग शक्की किस्म के होते हैं इसलिये सभी बातों में इन्हें कुछ न कुछ खोट दिखाई देता है। ये युद्ध प्रेमी और पराक्रमी होते हैं तथा अपनी बातों पर कायम रहने वाले होते हैं। जरूरत पड़ने पर ऐसे जातक हिंसा पर भी उतर आते हैं। इनके स्वभाव की एक बड़ी विशेषता है कि ये अपने कुटुम्ब का पूरा ख्याल रखते हैं।।

मंगलवार को जन्म लेने वाले व्यक्ति स्वभावानुसार क्रोधी, उग्र, पराक्रमी, जुझारू, अदम्य साहसी, आलोचना सहन न करने वाले और सांगठनिक क्षमता वाले होते हैं। नेतागिरी, पुलिस, सेना, नौकरशाह तथा खिलाड़ी के रूप में इनका कैरियर सफल रहता है। इनका शुभ अंक 3, 6, 9 तथा शुभ रंग लाल एवं मैरुन और इनका शुभ दिन मंगलवार एवं शुक्रवार होता है।।

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मंगलवार का विशेष टिप्स – यदि आपके जीवन में कभी अचानक ज्यादा खर्च की स्थिति बन जाय, तो किसी भी मंगलवार के दिन हनुमानजी के मंदिर में गुड़-चने का भोग श्रद्धापूर्वक लगाएं। भोग लगाने के बाद वहीँ बैठकर 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ भी अवश्य करें।।

मंगलवार के दिन ये विशेष उपाय करें – मंगलवार को हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्त्व होता है। आज हनुमान जी को चमेली का तेल चढ़ाना, चमेली के तेल का ही दीपक जलाना तथा माखन का भोग लगाना चाहिये, इससे हर प्रकार की मनोकामना की सिद्धि तत्काल होती है।।

आज का सुविचार – मित्रों, दुनिया में भगवान का संतुलन कितना अद्भुत हैं, 50 कि.ग्रा. अनाज का बोरा जो उठा सकता हैं वो खरीद नही सकता और जो खरीद सकता हैं वो उठा नही सकता। जब आप गुस्सें में हो तब कोई फैसला न लेना और जब आप खुश हो तब कोई वादा न करना, अगर ये याद रखेंगे तो कभी नीचा नही देखना पड़ेगा।।

Panchang 22 July 2025

अरिष्ट अर्थात एक्सिडेन्ट एवं चोट आदि लगने के योग ।।….. आज के इस पुरे लेख को पढ़ने के लिये इस लिंक को क्लिक करें…. वेबसाईट पर पढ़ें:  & ब्लॉग पर पढ़ें:

मकर राशि वालों के मृत्यु का योग।। Makar Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.

“तुला राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी।। Tula Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.

“मिथुन राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी। Mithun Rashi Walo Ki Mrityu.

ज्योतिष के सभी पहलू पर विस्तृत समझाकर बताया गया बहुत सा हमारा विडियो हमारे YouTube के चैनल पर देखें । इस लिंक पर क्लिक करके हमारे सभी विडियोज को देख सकते हैं – Watch YouTube Video’s.

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