पञ्चांग 23 जून 2025 दिन सोमवार।।

Panchang 23 June 2025
Panchang 23 June 2025

बालाजी वेद, वास्तु एवं ज्योतिष केन्द्र।।

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आज का लेख एवं आज का पञ्चांग 23 जून 2025 दिन सोमवार।।

मित्रों, तारीख 23 जून 2025 दिन सोमवार को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष कि द्वादशी उपरान्त त्रयोदशी तिथि है। आज सोमवार का प्रदोष व्रत भी है। पुत्र प्राप्ति हेतु बहुत ही श्रेयस्कर इस व्रत को माना जाता है। आज मासशिवरात्रि का परम पावन व्रत भी है। आज स्थायीजय योग एवं सर्वार्थसिद्धियोग भी है। आप सभी सनातनियों को “सोमप्रदोष एवं मासशिवरात्रि के परम पावन व्रत” की हार्दिक शुभकामनायें।।

हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी), आज के योग और आज के करण। आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातकों पर अपनी कृपा बनाए रखें। इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव ही सर्वश्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो। ऐसी मेरी आप सभी आज के अधिष्ठात्री देवों से हार्दिक प्रार्थना है।।

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वैदिक सनातन हिन्दू पञ्चांग, Vedic Sanatan Hindu Panchang पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi), 2:- वार (Day), 3:- नक्षत्र (Nakshatra), 4:- योग (Yog) और 5:- करण (Karan).

पञ्चांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग का श्रवण करते थे। शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है। वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।।

नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापों का नाश होता है। योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है। करण के पठन-श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए नित्य पञ्चांग को देखना, पढ़ना एवं सुनना चाहिए।।

Panchang 23 June 2025

आज का पञ्चांग 23 जून 2025 दिन सोमवार।।
Aaj ka Panchang 23 June 2025.

विक्रम संवत् – 2082.

संकल्पादि में प्रयुक्त होनेवाला संवत्सर – कालयुक्त.

शक – 1946.

अयन – उत्तरायण.

गोल – दक्षिण.

ऋतु – ग्रीष्म.

मास – आषाढ़.

पक्ष – कृष्ण.

गुजराती पंचांग के अनुसार – ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष.

Panchang 23 June 2025

तिथि – त्रयोदशी 22:11 PM बजे तक उपरान्त चतुर्दशी तिथि है।।

नक्षत्र – कृत्तिका 15:18 PM तक उपरान्त रोहिणी नक्षत्र है।।

योग – धृति 13:18 PM तक उपरान्त शूल योग है।।

करण – गर 11:48 AM तक उपरान्त वणिज 22:11 PM तक उपरान्त विष्टि करण है।।

चन्द्रमा – वृषभ राशि पर।।

सूर्य – मिथुन राशि एवं आर्द्रा नक्षत्र पर गोचर कर रहे हैं।।

मुम्बई सूर्योदय – प्रातः 06:01:07

मुम्बई सूर्यास्त – सायं 19:19:25

वाराणसी सूर्योदय – प्रातः 05:13:41

वाराणसी सूर्यास्त – सायं 06:47:23

राहुकाल (अशुभ) – सुबह 07:41 बजे से 09:21 बजे तक।।

विजय (शुभ) मुहूर्त – दोपहर 12.29 बजे से 12.53 बजे तक।।

Panchang 23 June 2025

त्रयोदशी तिथि विशेष:- त्रयोदशी तिथि को बैंगन त्याज्य होता है। अर्थात आज त्रयोदशी तिथि में भूलकर भी बैंगन की सब्जी या भर्ता नहीं खाना चाहिए। त्रयोदशी तिथि जयकारी अर्थात विजय दिलवाने वाली तिथि मानी जाती है। यह त्रयोदशी तिथि सर्वसिद्धिकारी अर्थात अनेकों क्षेत्रों में सिद्धियों को देनेवाली तिथि मानी जाती है। यह त्रयोदशी तिथि जया नाम से विख्यात मानी जाती है। यह त्रयोदशी तिथि शुक्ल पक्ष में शुभ और कृष्ण पक्ष में अशुभ फलदायिनी होती है।।

इस त्रयोदशी तिथि के देवता मदन (कामदेव) हैं। शास्त्रानुसार भगवान कृष्ण और रुक्मिणी के पुत्र हैं भगवान कामदेव। कामदेव प्रेम और आकर्षण के देवता माने जाते हैं। जिन पुरुषों अथवा स्त्रियों में काम जागृत नहीं होता अथवा अपने जीवन साथी के प्रति आकर्षण कम हो गया है, उन्हें आज के दिन भगवान कामदेव का उनकी पत्नी रति के साथ पूजन करके उनके मन्त्र का जप करना चाहिये। कामदेव का मन्त्र – ॐ रतिप्रियायै नम:। अथवा – ॐ कामदेवाय विद्महे रतिप्रियायै धीमहि। तन्नो अनंग: प्रचोदयात्।।

आज की त्रयोदशी तिथि में सपत्निक कामदेव की मिट्टी कि प्रतिमा बनाकर सायंकाल में पूजा करने के बाद उपरोक्त मन्त्र का जप आपका वर्षों का खोया हुआ प्रेम वापस दिला सकता है। आपके चेहरे की खोयी हुई कान्ति अथवा आपका आकर्षण आपको पुनः प्राप्त हो सकता है इस उपाय से। जो युवक-युवती अपने प्रेम विवाह को सफल बनाना चाहते हैं उन्हें इस उपाय को करना चाहिये। जिन दम्पत्तियों में सदैव झगडा होते रहता है उन्हें अवश्य आज इस उपाय को करना चाहिये।।

त्रयोदशी तिथि ज्योतिषशास्त्र में अत्यंत श्रेष्ठ माना गया है। इस तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति महापुरूष होता है। इस तिथि में जन्म लेने वाला व्यक्ति बुद्धिमान होता है और अनेक विषयों की अच्छी जानकारी रखने वाला होता है। यह व्यक्ति काफी विद्वान होता है तथा अन्यों के प्रति दया भाव रखने वाला एवं किसी की भी भलाई करने हेतु सदैव तत्पर रहने वाला होता है । इस तिथि के जातक समाज में काफी प्रसिद्धि हासिल करते ही हैं।।

Panchang 23 June 2025

कृतिका नक्षत्र के जातकों का गुण एवं स्वभाव:- कृतिका नक्षत्र में जन्मा जातक सुन्दर और मनमोहक छवि वाला होता है। वह केवल सुन्दर ही नहीं अपितु गुणी भी होते हैं। आपका व्यक्तित्व किसी राजा के समान ओजपूर्ण एवं पराक्रमी होता है। कृतिका नक्षत्र का स्वामी ग्रह सूर्य है। अतः आप तेजस्वी एवं तीक्ष्ण बुद्धि के स्वामी होते हैं। बचपन से ही आपकी विद्या प्राप्ति में अधिक रूचि रहती है और आगे चलकर कृतिका नक्षत्र का जातक विद्वान् होता है।।

यह सूर्य ग्रह का विशेष गुण भी माना है। परन्तु शुक्र और सूर्य में शत्रुता भी है। अतः सुन्दर और तेजस्वी होने पर भी विचार अस्थिर रहेंगे। सूर्य के इस नक्षत्र में चन्द्र भी रहेगा अर्थात सूर्य चन्द्र के मेल के कारण शरीर पर तेज़ की अनुभूति होगी। चन्द्रमा से प्रभावित होने के कारण आपमें प्रभुत्व आएगा। आप की सोच और कार्य उच्च स्तरीय होंगे। आपके व्यक्तित्व में राजकीय गुण स्वाभाविक हैं। चन्द्रमा के प्रभाव के कारण ही आपके पास धन भी आएगा।।

कृतिका नक्षत्र में जन्म लेने वाला व्यक्ति खाने का शौक़ीन एवं पराई स्त्रियों में आसक्त होता है। आपका रुझान गायन, नृत्यकला, सिनेमा, तथा अभिनेता और अभिनेत्रियों के प्रति अधिक रहता है। इस नक्षत्र में जन्मे जातक या जातिकाएं एक दूसरे के प्रति आकर्षित रहते हैं। सौन्दर्य के तेज़ के कारण प्रसिद्धि भी बहुत अधिक मिलती है एवं पुरुषों को महिलाएं एवं महिलाओं को पुरुषों के प्रेम प्रस्ताव मिलते ही रहते हैं।।

हालाँकि किसी भी सम्बन्ध में आप बंध कर रहना पसंद नहीं करते। जहाँ आपको बंधन महसूस होता है वहीँ आप बिना किसी की परवाह किए रिश्तों को समाप्त कर आगे बढ़ जाते हैं। बहु भोगी होना और रोगी होना इस नक्षत्र में जन्मे जातकों का स्वभाव है। सेक्स के प्रति अधिक रुझान एवं भोजन के प्रति असावधानी रोग का कारण बन सकती है। आप औरों के लिए एक बहुत अच्छे मार्गदर्शक साबित होते हैं।।

परन्तु अस्थिर सोच के कारण अपने लिए सही निर्णय लेना आप के बस में नहीं होता है। आपको पुराने या नवीन विचारों से कोई परहेज़ नहीं होता। आप केवल सत्यता और मानवता के पथ पर ही चलना चाहते हैं। कृतिका जातक पिता की उपेक्षा अपनी माता से अधिक निकट होता है। साथ ही माता से हर प्रकार का सहयोग लेने में सक्षम रहता है। विवाह के उपरांत आपका पारिवारिक जीवन सुखमय रहता है।।

पत्नी के साथ सम्बन्ध प्रेमपूर्वक और मधुर बना रहता है। परन्तु घर परिवार से दूरी आपको अक्सर खलती है। कृतिका नक्षत्र में जन्मे जातक का भाग्योदय अक्सर जन्म स्थान से दूर जाकर होता है। आप अपने जीवन में कई यात्राएं भी करते हैं जिनमे से अधिकतर निरर्थक साबित होती हैं। निरंतर यात्राओं के कारण कार्यक्षेत्र में भी बदलाव होता है। आपको सफलता प्राप्त करने के लिए जीवन पर्यंत संघर्षरत रहना पड़ता है।।

सुदूर देशों में जाकर ही कृतिका नक्षत्र जातक खूब धन कमाता है। कृतिका नक्षत्र में जन्मी महिलाएं पतले दुबले शरीर और कफ प्रकृति की होती हैं। सामान्यतः अपने माता पिता की अकेली संतान होती हैं। या भाई बहनों के होते हुए भी उनके सुख से वंचित रहती है। इस नक्षत्र में जन्मी जातिकाएं प्रायः झगड़ालू तथा दूसरों में दोष निकलने वाली होती हैं।।

क्रोध सदा इनकी नाक पर रहता है। अपने इसी स्वभाव के कारण इनका अपने पति से भी प्रेमपूर्ण व्यवहार नहीं रहता है। इसी वजह से अक्सर वैवाहिक जीवन में अलगाव की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है। अनुशासित एवं ओजपूर्ण व्यवहार से आप सम्पन्न होते हैं। सर्दी, जुकाम और नाक से सम्बंधित रोग से आप सदैव ग्रसित रहते हैं।।

प्रथम चरण:- कृतिका नक्षत्र का स्वामी ग्रह सूर्य है। इसके प्रथम चरण का स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं। कृतिका नक्षत्र के पहले चरण में जन्म होने के कारण जातक जन्मस्थान से दूर जाकर खूब धन कमाता है। जातक की मंगल की दशा, सूर्य एवं गुरु की दशा-अन्तर्दशा अत्यंत शुभ फलदायी होगी। यह जातक मंगल की रहस्मयी शक्तियों का स्वामी होता है।।

द्वितीय चरण:- कृतिका नक्षत्र का स्वामी ग्रह सूर्य है। इसके द्वितीय चरण का स्वामी ग्रह शनि हैं। कृतिका नक्षत्र के द्वितीय चरण में जन्म होने के कारण जातक विज्ञान का जानकार हो सकता है। सूर्य और शनि के कारण ज्ञान और अनुभव दोनों का समावेश रहेगा। जातक शास्त्रों का ज्ञाता एवं अपने क्षेत्र का तेजस्वी विद्वान् होगा। जातक लग्नबली एवं चेष्टावान होगा। सूर्य एवं शनि की दशाएं अशुभ परन्तु लग्नेश शुक्र की दशा शुभ फल देती है।।

तृतीय चरण:- कृतिका नक्षत्र का स्वामी ग्रह सूर्य है। इसके तृतीय चरण का स्वामी ग्रह शनि हैं। कृतिका नक्षत्र के तीसरे चरण में जन्म होने के कारण जातक शूरवीर तथा भाग्यशाली होगा। सूर्य और शनि के कारण ज्ञान और अनुभव दोनों का समावेश रहेगा। जातक शास्त्रों का ज्ञाता एवं अपने क्षेत्र का तेजस्वी विद्वान् होगा। जातक की सूर्य एवं शुक्र दोनों की दशाएं संघर्षपूर्ण होंगी।।

चतुर्थ चरण:- कृतिका नक्षत्र का स्वामी ग्रह सूर्य है। इसके चतुर्थ चरण का स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं। कृतिका नक्षत्र के चौथे चरण में जन्म होने के कारण जातक दीर्घायु एवं एक से अधिक पुत्रों वाला होगा। सूर्य और बृहस्पति जातक ज्ञानी एवं सात्विक विचारों वाला होगा। जातक की सूर्य एवं बृहस्पति की दशा-अन्तर्दशा में उन्नति होगी। जातक का विशेष भाग्योदय सूर्य, बृहस्पति एवं लग्न स्वामी शुक्र की दशा में होगा।।

Panchang 23 June 2025

सामान्यतया सोमवार शॉपिंग के लिए अच्छा दिन माना जाता है।।

सोमवार का विशेष – सोमवार के दिन तेल मर्दन अर्थात् तेल मालिश करने से चहरे और शरीर की कान्ति बढ़ती है – (मुहूर्तगणपति)।।

सोमवार को क्षौरकर्म (बाल दाढी अथवा नख काटने या कटवाने) से शिव भक्ति की हानि होती है। पुत्रवान पिता को तो कदापि नहीं करना चाहिये। (महाभारत अनुशासनपर्व)।।

दिशाशूल – सोमवार को पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो कोई दर्पण देखकर घर से प्रस्थान कर सकते है।।

सोमवार के दिन ये विशेष उपाय करें – सोमवार को भगवान शिव का दर्शन एवं पूजन अवश्य करना चाहिए। कच्चा दूध, शहद, काला तिल, बिल्वपत्र एवं पञ्चामृत शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है घर में कोई रोगी नहीं होता एवं सभी मनोकामनाओं की सिद्धि तत्काल होती है।।

Panchang 23 June 2025

मित्रों, जिस व्यक्ति का जन्म सोमवार को होता है, वो जातक शांत प्रवृत्ति के गौर वर्ण लिए हुये होते हैं। सोमवार चन्द्र प्रधान दिन होता है, इसलिये इस जातक में कल्पनाशीलता, दया भाव, नम्रता के गुण परिलक्षित होते हैं। माता के प्रिय एवं सद्गुणों से युक्त ये जातक कवि ह्रदय, सफेद वस्तुओं से लाभ पाने वाला, यात्रा का शौकीन, जलाशयों एवं प्रकृति का प्रेमी होता है।।

सोमवार को जन्म लेने वाला व्यक्ति बुद्धिमान होता है। इनकी प्रकृति यानी इनका स्वभाव शान्त होता है। इनकी वाणी मधुर और मोहित करने वाली होती है। ये स्थिर स्वभाव वाले होते हैं सुख हो या दु:ख सभी स्थिति में ये समान रहते हैं। धन के मामले में भी ये भाग्यशाली होते हैं तथा इन्हें सरकार एवं समाज से मान-सम्मान मिलता है।।

इस दिन जन्म लेने वाले जातक को पर्यावरण के क्षेत्र में, समुद्र विज्ञान के क्षेत्र में, पानी से जुड़े रोजगार जैसे मत्य् क पालन या मछली का व्यवसाय, पत्थरों का व्यवसाय, कपड़े का व्यंवसाय शुद्ध फलता है। इनके लिए सफेद रंग सदा शुभकारी होता है इसलिए कैरियर के लिहाज से आप जहां भी जायें सफेद रुमाल अपनी जेब में रखें और उस क्षेत्र को ही चुने जिसमें सफेद रंग की प्रधानता हो, जैसे पानी, कपड़ा, फूल, पत्थयर आदि से जुड़ा व्यवसाय।।

आज का सुविचार – मित्रों, जीना हैं, तो उस दीपक की तरह जियो जो बादशाह के महल में भी उतनी ही रोशनी देता हैं जितनी किसी गरीब की झोपड़ी में। जो भाग्य में हैं वह भाग कर आयेगा और जो भाग्य में नही हैं वह आकर भी भाग जायेगा। हँसते रहो तो दुनिया साथ हैं, वरना आँसुओं को तो आँखो में भी जगह नही मिलती।।

Panchang 23 June 2025

चन्द्रमा द्वारा निर्मित कुछ अतुलनीय धनदायक योग।।…… आज के इस पुरे लेख को पढ़ने के लिये इस लिंक को क्लिक करें…. वेबसाईट पर पढ़ें:  & ब्लॉग पर पढ़ें:

ॐ अथ शिवप्रातः स्मरणस्तोत्रम् – यहाँ क्लिक करें और पढ़ें:

मकर राशि वालों के मृत्यु का योग।। Makar Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.

“तुला राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी।। Tula Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.

“मिथुन राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी। Mithun Rashi Walo Ki Mrityu.

ज्योतिष के सभी पहलू पर विस्तृत समझाकर बताया गया बहुत सा हमारा विडियो हमारे YouTube के चैनल पर देखें । इस लिंक पर क्लिक करके हमारे सभी विडियोज को देख सकते हैं – Watch YouTube Video’s.

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Panchang 23 June 2025

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सिलवासा ऑफिस:- बालाजी ज्योतिष केन्द्र, गायत्री मंदिर के बाजू में, मेन रोड़, मन्दिर फलिया, आमली, सिलवासा।।

सिलवासा ऑफिस में प्रतिदिन मिलने का समय:-
10:00 AM to 02:00 PM And 04:30 PM to 08:30 PM.

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