पञ्चांग 30 मार्च 2025 दिन रविवार।।

Panchang 30 March 2025
Panchang 30 March 2025

बालाजी वेद, वास्तु एवं ज्योतिष केन्द्र।।

पञ्चांग, Panchang, आज का पञ्चांग, Aaj ka Panchang, Panchang 2025,
आज का लेख एवं आज का पञ्चांग 30 मार्च 2025 दिन रविवार।।

मित्रों, तारीख 30 मार्च 2025 दिन रविवार को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष कि प्रतिपदा तिथि है। आज से चैत्र मास का बासन्तीय नवरात्र आरम्भ होता है। वैदिक सनातनी पञ्चांगों के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से सनातनियों का नववर्ष (Sanatani New Year 2025) की शुरुआत होती है। सनातनी ग्रन्थों की मान्यता के अनुसार इसी प्रतिपदा तिथि से ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना का आरम्भ किया था। इसी कारण इस तिथि से सनातनी नवसम्वत्सर 2082 कालयुक्त नामक सम्वत की शुरुआत मानी जाती है। इस वर्ष के राजा सूर्य देवता हैं। तो आज वर्षपति के पूजन का भी विधान (अर्थात सूर्य की पूजा) बताया गया है। इसके अलावा इसी दिन भगवान राम का राज्याभिषेक भी हुआ था। इस शुभ अवसर पर लोग भजन-कीर्तन का आयोजन करते हैं और शुभ काम के द्वारा सनातनी नववर्ष की शुरुआत करते हैं, इससे उनका सम्पूर्ण वर्ष खुशियों से भरा रहता है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि तारीख 30 मार्च को ही है। इसी दिन से सनातनी हिंदू नववर्ष और चैत्र नवरात्र दोनों की शुरुआत होती हैं। आज से चैत्र मास का बासन्तीय नवरात्र भी आरम्भ होता है। हम सनातनी अपने नववर्ष की शुरुआत माता की उपासना से करते हैं। आज प्रथम दिवस कलश स्थापन किया जाता है। कलश स्थापन का मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त में अर्थात दोपहर 12:00 AM से 12:44 PM तक का है। आज माता शैलपुत्री के दर्शन एवं पूजन का असीमित पुण्य होता है। आज सिन्धी समाज के सम्माननीय श्री झुलेलाल जी कि जन्म जयन्ती है। आज के दिन गुड़ीपडवा का त्यौहार भी हमारे महाराष्ट्र प्रदेश में बड़ी उत्सव एवं बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। आज सभी सनातनियों को अपने-अपने घरों के छतों पर ध्वजा रोपण अवश्य करना चाहिए। आज से सिन्धी समाज के लोगों का भी नया वर्ष आरम्भ होता है। आज चैत्र नवरात्रि के दौरान माता की सम्पूर्ण कृपा प्राप्ति हेतु दुर्गा सप्तशती का पाठ भी अवश्य ही अपने-अपने घरों में ब्राह्मण से करवाना चाहिए। आप सभी सनातनियों को “बासन्तीय नवरात्र, झुलेलाल जी के जन्म जयन्ती एवं ध्वजा रोपण तथा सनातनी हिन्दू नववर्ष” की हार्दिक शुभकामनायें।।

हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी), आज के योग और आज के करण। आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातकों पर अपनी कृपा बनाए रखें। इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव ही सर्वश्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो। ऐसी मेरी आप सभी आज के अधिष्ठात्री देवों से हार्दिक प्रार्थना है।।

मेरे प्रियात्मनों, यह वेबसाईट बिलकुल नि:शुल्क है। यदि आपको इस साईट से कुछ भी लाभ प्राप्त हुआ हो, आपको हमारे लेख पसंद आते हो तो मदद स्वरुप आप स्वयं हमारे साईट पर विजिट करें एवं अपने सभी सम्पर्कियों को भी इस साईट के बारे में अवश्य बताएं।।

।। पधारने हेतु भागवत प्रवक्ता – स्वामी धनञ्जय महाराज की ओर से आपका ह्रदय से धन्यवाद। आपका आज का दिन मंगलमय हो। अपने गाँव, शहर अथवा सोसायटी में भागवत कथा के आयोजन हेतु कॉल – 9375308850 करें या इस लिंक को क्लिक करें।।

वैदिक सनातन हिन्दू पञ्चांग, Vedic Sanatan Hindu Panchang पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi), 2:- वार (Day), 3:- नक्षत्र (Nakshatra), 4:- योग (Yog) और 5:- करण (Karan).

पञ्चांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग का श्रवण करते थे। शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है। वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।।

नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापों का नाश होता है। योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है। करण के पठन-श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए नित्य पञ्चांग को देखना, पढ़ना एवं सुनना चाहिए।।

Panchang 30 March 2025

आज का पञ्चांग 30 मार्च 2025 दिन रविवार।।
Aaj ka Panchang 30 March 2025.

विक्रम संवत् – 2082.

संकल्पादि में प्रयुक्त होनेवाला संवत्सर – कालयुक्त.

शक – 1946.

अयन – उत्तरायण.

गोल – दक्षिण.

ऋतु – बसन्त.

मास – चैत्र.

पक्ष – शुक्ल.

गुजराती पंचांग के अनुसार – चैत्र शुक्ल पक्ष.

Panchang 30 March 2025

तिथि – प्रतिपदा 12:51 PM बजे तक उपरान्त द्वितीया तिथि है।।

नक्षत्र – रेवती 16:37 PM तक उपरान्त अश्विनी नक्षत्र है।।

योग – ऐन्द्र 17:55 PM तक उपरान्त वैधृति योग है।।

करण – किन्स्तुघ्न 02:41 AM तक उपरान्त बव 12:51 PM तक उपरान्त बालव करण है।।

चन्द्रमा – मीन राशि पर 16:37 PM तक उपरान्त मेष मीन राशि पर।।

सूर्य – मीन राशि एवं उत्तराभाद्रपद नक्षत्र पर गोचर कर रहे हैं।।

मुम्बई सूर्योदय – प्रातः 06:34:43

मुम्बई सूर्यास्त – सायं 18:50:32

वाराणसी सूर्योदय – प्रातः 05:53:53

वाराणसी सूर्यास्त – सायं 18:07:52

राहुकाल (अशुभ) – सायं 17:19 बजे से 18:51 बजे तक।।

विजय (शुभ) मुहूर्त – दोपहर 12.31 PM से 12.55 बजे तक।।

Panchang 30 March 2025

प्रतिपदा तिथि विशेष – प्रतिपदा को कद्दू एवं कूष्माण्ड तथा द्वितीया तिथि को कटेरी के फल का दान एवं भक्षण दोनों ही त्याज्य बताया गया है। प्रतिपदा तिथि वृद्धि और सिद्धिप्रद तिथि मानी जाती है। इसके स्वामी अग्नि देवता हैं और यह तिथि नन्दा नाम से विख्यात है।।

मित्रों, यह प्रतिपदा तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभ फलदायिनी मानी जाती है। आज अग्निदेव से धन एवं तेज प्राप्त करने अथवा किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति करवायी जा सकती हैं। इसके लिए आज अग्नि घर पर ही प्रज्ज्वलित करके घी से (ॐ अग्नये नम: स्वाहा) इस मन्त्र से हवन करना चाहिये।।

मित्रों, ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति का जन्म प्रतिपदा तिथि में होता है वह व्यक्ति अनैतिक कार्यों में संलग्न रहने वाला होता है। ऐसा व्यक्ति कानून के विरूद्ध जाकर काम करने वाला भी होता है। ऐसे लोगों को मांस मदिरा काफी पसंद होता है अर्थात ये तामसी भोजन के शौकीन होते हैं। आम तौर पर इनकी दोस्ती ऐसे लोगों से होती है जिन्हें समाज में सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता अर्थात बदमाश और ग़लत काम करने वाले लोग।।

Panchang 30 March 2025

मित्रों, तारीख 30 मार्च 2025 दिन रविवार से बासन्तीय नवरात्रि का आरंभ हो रहा है। आप सभी सनातनी बंधुओं को शारदीय नवरात्रा की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनायें एवं अनन्त-अनन्त बधाइयाँ। मातारानी से हमारी हार्दिक प्रार्थना यही है, कि आप सभी सनातनियों कि सभी समस्याओं का समाधान कर उन्हें सुखद एवं आनंददायी जीवन प्रदान करें। नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना की जाती है। इसके साथ ही बासन्तीय नवरात्रि का पर्व आरंभ हो जाता है। नवरात्रि में कलश स्थापना यानि घटस्थापना शुभ मुहूर्त में करना चाहिए।।

घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त (Vasantiya Navratri 2025 Ghatsthapana shubh muhurat): नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना के साथ देवी मां का पूजन शुरू किया जाता है। घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। 30 मार्च 2025 को घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 12 बजे से सुबह 12:44 बजे तक का है। शुभ एवं मनोवांछित फल प्राप्ति हेतु इसी समय में घटस्थापना करनी चाहिये।।

इस बासन्तीय नवरात्रि में माता दुर्गा का आगमन उनके वाहन सिंह पर नहीं बल्कि हाथी पर होगा। मान्यता है, कि माता दुर्गा का हाथी पर सवार होकर आना बहुत शुभ होता है। मान्यताओं के अनुसार अगर नवरात्रि का समापन रविवार को होता है तो माता हाथी पर सवार होकर प्रस्थान करती हैं यह भी अत्यन्त शुभ माना जाता है।।

वैदिक सनातन शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि का पहला दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। नवरात्रि के पहले दिन ही कलश की स्थापना की जाती है। ऐसी मान्यता है, कि कलश को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है। इसलिए नवरात्रि पूजा से पहले कलश की स्थापना की जाती है। परंतु इस बार कुछ शुभ संकेत मिल रहे हैं। इस बासन्तीय नवरात्रि में माता दुर्गा का आगमन उनके वाहन सिंह पर नहीं बल्कि हाथी पर होगा। मान्यता है, कि माता दुर्गा का हाथी पर सवार होकर आना बहुत शुभ होता है।  मान्यताओं के अनुसार अगर नवरात्रि का समापन रविवार को होता है तो माता हाथी पर सवार होकर ही प्रस्थान करती हैं, जिसे शुभ माना जाता है।।

शास्त्रों के अनुसार हाथी पर आने से इस बार वर्षा के योग बनेंगे। साथ ही कुछ बीमारियाँ जैसे सर्दी, खांसी, बुखार, डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है। इसके साथ ही हाथी पर विदा होना भी शुभता का ही सूचक है। युद्ध आदि कि स्थितियों से हम निकल सकते हैं। माता का हाथी पर आना वर्षा का सूचक माना जाता है। इसके वजह से कहीं-कहीं काफी ज्यादा बारिश होने की संभावना बनती है। जिससे बाढ़ भी आ सकता है। इस बार देवी मां के पूजन की शुरुआत रविवार के दिन से हो रही है, जो पूजा एवं आध्यात्मिक उन्नति के लिए शुभ माना गया है। इस बासन्तीय नवरात्र की शुरुआत रेवती नक्षत्र में हो रही है, जिससे साधाना, साहस और संतोष की प्राप्ति में सहायक होता है।।

Panchang 30 March 2025

मित्रों, देवी माता दुर्गा के मुख्यतः नौ रूप होते हैं। देवी दुर्गा ज़ी के पहले स्वरूप को “माता शैलपुत्री” के नाम से जाना जाता है। यही नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा है। शैलराज हिमालय के घर पुत्री के रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। नवरात्र पूजन में प्रथम दिवस इन्हीं की पूजा ओर उपासना की जाती है।।

मित्रों, माता श्रीदुर्गा देवी का प्रथम रूप माता श्री शैलपुत्री हैं। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण ये शैलपुत्री कहलाती हैं। नवरात्र के प्रथम दिन इनकी पूजा और आराधना की जाती है। गिरिराज हिमालय की पुत्री होने के कारण भगवती का प्रथम स्वरूप शैलपुत्री का है। जिनकी आराधना से प्राणी सभी मनोवांछित फल को प्राप्त कर लेता है।।

मां दुर्गा शक्ति की उपासना का पर्व नवरात्र कि प्रतिपदा से नवमी तक सनातन काल से मनाया जाता रहा है। आदि-शक्ति के हर रूप की नवरात्र के नौ दिनों में पूजा की जाती है। अत: इसे नवरात्र के नाम भी जाना जाता है। सभी देवता, राक्षस, मनुष्य इनकी कृपा-दृष्टि के लिए लालायित रहते हैं। यह वैदिक सनातन समाज का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जिसका धार्मिक, आध्यात्मिक, नैतिक एवं सांसारिक इन चारों ही दृष्टिकोण से काफी महत्व है।।

इस लेख “सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करनेवाली नवरात्री कि प्रथम पूज्य माता शैलपुत्री।।” को पूरा पढ़ने के लिए इस लिंक को क्लिक करें:

Panchang 30 March 2025

रेवती नक्षत्र के जातकों का गुण एवं स्वभाव:- यदि आपका जन्म रेवती नक्षत्र में हुआ है तो आप एक माध्यम कद और गौर वर्ण के व्यक्ति होंगे। रेवती नक्षत्र में जन्मे जातकों के व्यक्तित्व में संरक्षण, पोषण और प्रदर्शन प्रमुख होते है। आप एक निश्चल प्रकृति के व्यक्ति होंगे जो किसी के साथ छल कपट करने में स्वयं डरता है। परंतु आप को क्रोध शीघ्र ही आ जाता है।।

किसी की ज़रा सी विपरीत बात आपसे सहन नहीं होती है। क्रोध में आप आत्म नियंत्रण भी खो देते हैं। परन्तु क्रोध जितनी जल्दी आता है उतनी जल्दी चला भी जाता है। साहसिक कार्य और पुरुषार्थ प्रदर्शन की आपको ललक सदा ही रहती है। आध्यात्मिक होते हुए भी आपका दृष्टिकोण व्यवहारिक होगा। आप किसी भी बात को मानने से पहले भली भाँती जांचते हैं।।

यही दृष्टिकोण आपका अपने मित्रों और सम्बन्धियों के साथ भी रहेगा। आप आँख बंद करके किसी पर भी भरोसा नहीं करेंगे। आप एक बुद्धिमान परन्तु मनमौजी व्यक्ति होंगे जो स्वतंत्र विचारधारा में विश्वास रखता है। आप परिवार से जुड़े हुए व्यक्ति होंगे जो दूसरों की मदद के लिए सदा तैयार रहते हैं। आपके जीवनकाल में विदेश यात्राओं की संभावनाएं प्रबल होंगी।।

रेवती नक्षत्र में पैदा हुए जातक संवेदनशील होते हैं इसलिए शीघ्र ही भावुक हो जाते हैं। आप सिद्धांतों और नैतिकता पर चलने वाले व्यक्ति होंगे जो सबसे अधिक अपनी आत्मा की सुनना और उसी पर चलना भी पसंद करता है। आप किसी भी निर्णय पर पहुँचने से पहले सभी तथ्यों के बारे में जान लेना आवश्यक समझते हैं, और निर्णय लेने के उपरान्त बदलते नहीं हैं।।

बाहरी दुनिया के लिए आप एक जिद्दी और कठोर स्वभाव के व्यक्ति होंगे। परन्तु जीवन में कई बार आप कठिनाईयों से घबराए एवं हारे हुये लगेंगे। इश्वर में पूर्ण आस्था के कारण आप जीवन में सभी अडचनों को साहस के साथ पार कर लेंगे। अपनी कुशाग्र बुद्धि के कारण आप किसी भी प्रकार के कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के योग्य होंगे।।

रेवती नक्षत्र के जातकों को सरकारी नौकरी, बैंक, शिक्षा, लेखन, व्यापार, ज्योतिष एवं कला के क्षेत्र में कार्य करते देखा गया है। अपने जीवन के 23वें वर्ष से 26वें वर्ष तक आप अनेक सकारात्मक परिवर्तन देखेंगे। परन्तु 26वें वर्ष के बाद का समय कुछ रुकावटों भरा होगा जो कि 42वें वर्ष तक चलेगा। 50वें वर्ष के उपरान्त आपके जीवन में स्थिरता, संतुष्टि एवं शांति का अनुभव होगा।।

अपने स्वतंत्र विचारों और स्वभाव के कारण अपने कार्यों में किसी का हस्तक्षेप आपको कतई पसंद नहीं होगा। और न ही आप किसी क्षेत्र में स्थिर होकर कर कार्य कर पाते हैं। अपने बदलते कार्यक्षेत्रों के कारण आपको अपने परिवार से भी दूर रहना पड़ सकता है। अपने कार्यों के प्रति निष्ठा और परिश्रम के कारण आप करियर की ऊँचाईयों तक पहुंच जाते हैं।।

परन्तु मेहनत के अनुरूप जीवन में अपेक्षित मान-सम्मान और पहचान नहीं मिल पाती है। अपने जीवन में रेवती नक्षत्र के जातकों को माता पिता का सहयोग कभी नहीं प्राप्त होता है। यही नहीं आपके करीबी मित्र या रिश्तेदार भी कष्ट के समय आपके साथ नहीं होते हैं। परन्तु आपका दाम्पत्य जीवन बहुत खुशहाल होगा।।

विवाह के उपरान्त आपका जीवन साथी आपके साथ हर प्रकार से सहयोग करेगा तथा आपका जीवन सुखमय और आनंदित रहेगा। रेवती नक्षत्र के जातकों का प्रमुख लक्षण उनका साहस एवं सदव्यहार होता है। रेवती नक्षत्र के जातकों को बुखार, मुख, कान और आंतड़ियों से सम्बंधित रोग होने की संभावनाएं होती हैं।।

रेवती नक्षत्र का प्रथम चरण:- रेवती नक्षत्र के देवता पूषा हैं तथा नक्षत्र स्वामी बुध है। इस रेवती नक्षत्र के प्रथम चरण का स्वामी गुरु हैं। रेवती नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्मा जातक ज्ञानी होता है। लग्न नक्षत्र स्वामी बुध, नक्षत्र चरण स्वामी से शत्रुता रखता है। अतः गुरु की दशा अत्यंत शुभ फल देती है। गुरु की दशा में जातक को पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है एवं यह दशा जातक के लिए स्वास्थ्य वर्धक रहेगी। बुध की दशा माध्यम फल देनेवाली होती है।।

रेवती नक्षत्र का द्वितीय चरण:- रेवती नक्षत्र के देवता पूषा हैं तथा नक्षत्र स्वामी बुध है। इस नक्षत्र के दूसरे चरण का स्वामी शनि हैं। रेवती नक्षत्र के दूसरे चरण में जन्मे जातक की रूचि तस्करी में होती है। नक्षत्र चरण के स्वामी शनि से लग्नेश गुरु शत्रुता रखता है तथा नक्षत्र स्वामी बुध की भी गुरु से शत्रुता है। अतः गुरु और शनि की दशा माध्यम फलदायी होती है। तथा बुध की दशा अत्यंत शुभ फल देती है। बुध की दशा में गृहस्थ सुख एवं भौतिक उपलब्धियां प्राप्त होंगी।।

रेवती नक्षत्र का तृतीय चरण:- रेवती नक्षत्र के देवता पूषा हैं तथा नक्षत्र स्वामी बुध है। इस नक्षत्र के तीसरे चरण का स्वामी शनि हैं। रेवती नक्षत्र के तीसरे चरण में जन्मा जातक कोर्ट कचेहरी के मुकदमे अथवा वाद विवाद में सदैव विजयी होता है। नक्षत्र चरण स्वामी शनि लग्नेश गुरु का शत्रु है परन्तु बुध से शनि की मित्रता है। अतः गुरु की दशा मध्यम परन्तु शनि की दशा उत्तम फल देती है। बुध की दशा में गृहस्थ सुख एवं भौतिक उपलब्धियां प्राप्त होंगी।।

रेवती नक्षत्र का चतुर्थ चरण:- रेवती नक्षत्र के देवता पूषा हैं तथा नक्षत्र स्वामी बुध है। इस नक्षत्र के चौथे चरण का स्वामी गुरु हैं। रेवती नक्षत्र के चौथे चरण में जन्मा जातक सदैव गृह कलेश में ही उलझा रहता है। लग्नेश और नक्षत्र चरण स्वामी दोनों ही गुरु हैं अतः गुरु की दशा में जातक को अति उत्तम फलों की प्राप्ति होती है। गुरु की दशा में जातक पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति करेगा। गुरु की नक्षत्र स्वामी बुध में परस्पर शत्रुता है। अतः बुध की दशा जातक के लिए माध्यम फलदायी होती है।।

Panchang 30 March 2025

मित्रों, आज रविवार को सुबह भगवान सूर्य को ताम्बे के एक लोटे में लाल चन्दन, गुड़ और लाल फुल मिलाकर अर्घ्य इस मन्त्र से प्रदान करें। अथ मन्त्रः- एही सूर्य सहस्रांशो तेजो राशे जगत्पते। अनुकम्प्य मां भक्त्या गृहाणार्घ्य दिवाकर।। अथवा गायत्री मन्त्र से भी सूर्यार्घ्य दे सकते हैं।।

इसके बाद आदित्यह्रदयस्तोत्रम् का पाठ करना चाहिये। भोजन में मीठा भोजन करना चाहिये नमक का परित्याग करना अत्यन्त श्रेयस्कर होता है। इस प्रकार से किया गया रविवार का पूजन आपको समाज में सर्वोच्च प्रतिष्ठा एवं अतुलनीय धन प्रदान करता है। क्योंकि सूर्य धन और प्रतिष्ठा का कारक ग्रह है।।

दिशाशूल – रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो पान एवं घी खाकर यात्रा कर सकते है।।
रविवार का विशेष – रविवार के दिन तेल मर्दन करने से ज्वर (बुखार लगता) होता हैं – (मुहूर्तगणपति)।।
रविवार को क्षौरकर्म (बाल, दाढी अथवा नख काटने या कटवाने) से बुद्धि और धर्म की हानि होती है। (महाभारत अनुशासनपर्व)।।

विशेष जानकारी – मित्रों, रविवार के दिन, चतुर्दशी एवं अमावस्या तिथियों में तथा श्राद्ध एवं व्रत के दिन स्त्री सहवास नहीं करना चाहिये। साथ ही तिल का तेल, लाल रंग का साग तथा कांसे के पात्र में भोजन करना भी शास्त्रानुसार मना है अर्थात ये सब नहीं करना चाहिये।।

Panchang 30 March 2025

रविवार ध्रुव प्रकृति का दिन माना जाता है। रविवार भगवान सूर्य का दिन होता है। यह भगवान विष्णु का दिन भी माना जाता है। वैदिक सनातन धर्म में इसे सर्वश्रेष्ठ वार माना गया है। अच्छा स्वास्थ्य व तेजस्विता पाने के लिए रविवार के दिन उपवास रखना चाहिए। प्रचलन से सप्ताह का पहला वार सोमवार को माना जाता है क्योंकि रविवार को छुट्टी का नाम घोषित है। परंतु सही मायने में तो रविवार सप्ताह का प्रथम वार ही है। परंतु रविवार को कुछ ऐसे कार्य जिसे यदि आप करते हैं तो इससे आपन नुकसान उठाना पड़ सकता है।।

रविवार के दिन पश्चिम और वायव्य दिशा में यात्रा न करें। इन दिशाओं में यात्रा करना जरूरी हो तो रविवार को दलिया, घी या पान खाकर या इससे पहले पांच कदम पीछे चलकर ही इस दिशा में जाएं क्योंकि इस दिन खासकर पश्चिरम में दिशा का शूल माना जाता है। रविवार को तांबे से निर्मित चीजों को बेचने से बचना चाहिए। तांबे के अलावा सूर्य से संबंधित अन्य धातु या वस्तुएं भी ना बेचें।।

रविवार के दिन नीले, काले, कत्थई और ग्रे कलर के कपड़े नहीं पहनना चाहिए। काले या नीले से मिलते जुलते कपड़े तो कदापि ना पहनें। रविवार को नमक नहीं खाना चाहिए। इससे स्वास्थ्य पर असर पड़ता है और हर कार्य में बाधा आती है। खास कर सूर्यास्त के बाद तो नमक बिलकुल भी नहीं खाना चाहिए।।

रविवार को दिन में सहवास करना और मांस एवं मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन शनि से संबंधित पदार्थों का सेवन भी नहीं करना चाहिए। आमतौर पर लोग रविवार को ही बाल कटाते हैं परंतु इस दिन बाल कटाने से सूर्य कमजोर होता है। इस दिन शरीर में तेल मालिश भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह सूर्य का दिन होता है और तेल शनि का होता है।।

Panchang 30 March 2025

मित्रों, रविवार सप्ताह का प्रथम दिन होता है, इसके अधिष्ठात्री देव सूर्य को माना जाता है। इस दिन जिस व्यक्ति का जन्म होता है वह व्यक्ति तेजस्वी, गर्वीले और पित्त प्रकृति के होते है। इनके स्वभाव में क्रोध और ओज भरा होता है तथा ये चतुर और गुणवान होते हैं। इस दिन जन्म लेनेवाले जातक उत्साही और दानी होते हैं तथा संघर्ष की स्थिति में भी पूरी ताकत से काम करते हैं।।

रविवार को जन्म लेनेवाले जातक सुन्दर एवं गेंहूए रंग के होते हैं। इनमें तेजस्विता का गुण स्वाभाविक ही होता है। महत्वाकांक्षी होने के साथ ही प्रत्येक कार्य में जल्दबाजी करते है और सफल भी होते हैं। उत्साह इनमें कूट-कूट कर भरा होता है तथा ये परिश्रम से कभी भी घबराते नहीं हैं। ये हर कार्य में रूचि लेने वाले होते हैं परन्तु ये लोग समय के पाबंद नहीं होते। ये जातक अपना करियर किसी भी क्षेत्र में अपने कठिन परिश्रम से बनाने की क्षमता रखते हैं। इनका शुभ दिन रविवार तथा शुभ अंक 7 होता है।।

आज का सुविचार – मित्रों, गलती कबूल़ करने और गुनाह छोङने में कभी देर ना करना। क्योंकि सफर जितना लंबा होगा वापसी उतनी ही मुशिकल हो जाती हैं। दुनिया में सिर्फ माँ-बाप ही ऐसे हैं जो बिना किसी स्वार्थ के प्यार करते हैं। कोई देख ना सका उसकी बेबसी जो सांसें बेच रहा हैं गुब्बारों में डालकर।।

Panchang 30 March 2025

सूर्य की महादशा में मंगल विजय और बुध कुष्ठ रोग देता है ।।…. आज के इस पुरे लेख को पढ़ने के लिये इस लिंक को क्लिक करें…. वेबसाईट पर पढ़ें:  & ब्लॉग पर पढ़ें:

इस लेख “सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करनेवाली नवरात्री कि प्रथम पूज्य माता शैलपुत्री।।” को पूरा पढ़ने के लिए इस लिंक को क्लिक करें:

मकर राशि वालों के मृत्यु का योग।। Makar Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.

“तुला राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी।। Tula Rashi Walo Ki Mrityu.” – My Latest video.

“मिथुन राशि वालों की मृत्यु किस उम्र में होगी। Mithun Rashi Walo Ki Mrityu.

ज्योतिष के सभी पहलू पर विस्तृत समझाकर बताया गया बहुत सा हमारा विडियो हमारे YouTube के चैनल पर देखें । इस लिंक पर क्लिक करके हमारे सभी विडियोज को देख सकते हैं – Watch YouTube Video’s.

इस तरह की अन्य बहुत सारी जानकारियों, ज्योतिष के बहुत से लेख, टिप्स & ट्रिक्स पढने के लिये हमारे ब्लॉग एवं वेबसाइट पर जायें तथा हमारे फेसबुक पेज को अवश्य लाइक करें, प्लीज – My facebook Page.

Panchang 30 March 2025

वास्तु विजिटिंग के लिये तथा अपनी कुण्डली दिखाकर उचित सलाह लेने एवं अपनी कुण्डली बनवाने अथवा किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति के लिए संपर्क करें।।

किसी भी तरह के पूजा-पाठ, विधी-विधान, ग्रह दोष शान्ति आदि के लिए तथा बड़े से बड़े अनुष्ठान हेतु योग्य एवं विद्वान् ब्राह्मण हमारे यहाँ उपलब्ध हैं।।

सिलवासा ऑफिस:- बालाजी ज्योतिष केन्द्र, गायत्री मंदिर के बाजू में, मेन रोड़, मन्दिर फलिया, आमली, सिलवासा।।

सिलवासा ऑफिस में प्रतिदिन मिलने का समय:-
10:00 AM to 02:00 PM And 04:30 PM to 08:30 PM.

WhatsAap & Call: +91 – 8690 522 111.
E-Mail :: [email protected]

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here