शनिवार को ये काम करेंगे तो कंगाल हो जायेंगे।।

Shanidev And Shanivar
Shanidev And Shanivar

कुछ ऐसे काम जिसे शनिवार को करेंगे तो कंगाल हो सकते है आप जानिये शनिदेव के बारे में।। Shanidev And Shanivar.

हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,

मित्रों, आज शनिवार है, तो आज शनिदेव से सम्बन्धित लेख आप सभी के लिये प्रस्तुत है । सर्वप्रथम हम ये जानने का प्रयत्न करते हैं, कि न्याय के देवता शनिदेव हैं कौन ? वैसे तो सभी नवग्रहों में शनिदेव का स्थान सर्वाधिक महत्वपूर्ण है और शनि को न्यायाधीश का पद भी प्राप्त है ।।

न्यायाधीश होने के नाते शनिदेव ही हमारे कर्मों का शुभ-अशुभ फल निर्धारित करते हैं । जिस व्यक्ति के जैसे कर्म होते हैं, ठीक वैसे ही फल शनिदेव प्रदान करते हैं । ज्योतिष के अनुसार शनिदेव मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं । शनि देव को अर्पित की जाने वाली वस्तुओं में लौहा, तेल, काले-नीले वस्त्र, घोड़े की नाल, काली उड़द, काले रंग का कंबल आदि शामिल है ।।

मित्रों, शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ मास के अमावस्या की रात में शनिदेव का जन्म हुआ था । शनि अत्यंत धीमे चलने वाले ग्रह है और इन्हें सूर्य की परिक्रमा करने में 30 वर्ष लगते हैं । इसलिए शनिदेव को मंद भी कहते हैं । शनै:-शनै: अर्थात धीरे-धीरे चलने के कारण इन्हें शनैश्चराय भी कहते हैं ।।

शनिदेव का जन्म सौराष्ट्र के शिंगणापुर में हुआ है । हनुमान, भैरव, बुध एवं राहू को वे अपना मित्र मानते हैं । शनिदेव का वाहन गिद्ध है और उनका रथ लोहे का बना हुआ है । शनिदेव यमराज के बड़े भाई हैं, इसलिए इन्हें यमाग्रज भी कहा जाता हैं । रविपुत्र, नीलांबर, छायापुत्र, सूर्यपुत्र आदि भी शनि के नाम हैं । लेकिन ये दस नाम यम, बभ्रु, पिप्पलाश्रय, कोणस्थ, सौरि, शनैश्चर, कृष्ण, रोद्रान्तक, मंद, पिंगल” प्रसिद्ध हैं ।।

मित्रों, अगर शनिदेव के पारिवारिक परिचय की बात करें तो शास्त्रों के अनुसार शनिदेव को सूर्य का पुत्र माना गया है और इनकी माता का नाम छाया है । कश्यप ऋषि कि वंश परंपरा में भगवान सूर्य की पत्नी छाया के पुत्र हैं । शनिदेव को सूर्य पुत्र के साथ साथ पितृ शत्रु भी कहा जाता है । शनिदेव के भाई-बहन मृत्यु देव यमराज, पवित्र नदी यमुना व क्रूर स्वभाव की भद्रा हैं ।।

शनिदेव का विवाह चित्ररथ की बड़ी पुत्री नीलदेवी से हुआ था । शनिदेव अपना शुभ प्रभाव विशेषतः कानून, राजनीति एवं अध्यात्म के विषयों में देते हैं । शनि के बुरे प्रभाव से गुर्दा रोग, डायबिटीज, मानसिक रोग, त्वचा रोग, वात रोग एवं कैंसर आदि हो सकते है जिनसे राहत के लिये शनि की वस्तुओं का दान करना चाहिये ।।

मित्रों, जब शनिदेव अपनी माता छाया के गर्भ में थे, तब शिव भक्तिनी माता ने तेजस्वी पुत्र की कामना हेतु भगवान शिव की घोर तपस्या की । इसके वजह से धूप एवं गर्मी की तपन में शनि का रंग गर्भ में ही काला हो गया लेकिन मां के इसी तप ने शनिदेव को अपार शक्ति भी दी । शनिदेव लंगड़ाकर चलते हैं जिस कारण उनकी गति धीमी है । उन्हें एक राशि को पार करने में लगभग ढा़ई वर्ष का समय लगता है ।।

शनिदेव लंगड़ाकर चलते हैं ? क्योंकि इनकी ही एक माता स्वर्णा ने इनको श्राप दे दिया कि तेरा पांव टूट जाये । दूसरा रावन अपराजेय पुत्र कि कामना से शनिदेव को स्थिर रहने को कहा ताकि मेघनाद दीर्घायु हो, लेकिन शनिदेव आगे बढ़ गये इसीपर गुस्से में रावण ने शनि के पैर पर अपनी गदा से प्रहार किया जिसके कारण शनिदेव लंगडे़ हो गये ।।

मित्रों, सूर्य की पत्नी छायादेवी के पुत्र होने के कारण इनका रंग काला है । यमराज शनि के भाई हैं तथा यमुनाजी इनकी बहन हैं । शनिदेव का विवाह चित्ररथ (गंधर्व) की कन्या नीलदेवी से हुआ था । नवग्रहों में बुध और शुक्र शनि के मित्र ग्रह हैं । सूर्य, चंद्र और मंगल, ये तीनों शनि के शत्रु ग्रह माने जाते हैं । इनके अलावा गुरु से शनि सम भाव रखता है । शेष दो ग्रह राहु और केतु से शनि देव मैत्री भाव रखते हैं ।।

शनि देव न्याय के देवता हैं, अगर शनि देव चाहें तो किसी रंक को राजा और राजा को रंक बनते देर नहीं लगती । शायद यही वजह है कि शनि देव को प्रसन्न करने की कोशिश सभी लोगों द्वारा ज्यादा-से-ज्यादा की जाती है । मान्यतानुसार प्रत्येक शनिवार को शनिदेव को सरसो का तेल और काला तिल चढ़ाया जाता है जिससे वे प्रसन्न होते हैं ।।

मित्रों, आज हम आपको कुछ ऐसी वस्तुओं के बारे में बताते हैं, जिन्हें कभी भी शनिवार के दिन नहीं खरीदना चाहिये । क्योंकि ऐसा करना शनिदेव की कृपा से बंचित करता है और उनके क्रोधित होते ही दुर्भाग्य का साया व्यक्ति के सिर पर मंडराने लगता है । जैसे शनिवार के दिन कभी लोहा नहीं खरीदना चाहिए । इसके अलावा शनिवार के दिन नमक खरीदने से घर दरिद्रता आती है ।।

शनिवार को लकड़ी भी कभी नहीं खरीदना चाहिए । शनिवार के दिन सरसो का दान कर सकते हैं, परन्तु सरसो का तेल या सरसो के दाने नहीं खरीदने चाहिये । बैंगन खरीदना भी शनिवार को मना है साथ ही शनिदेव पर काली उड़द चढ़ाई जाती है इसीलिए वह भी नहीं खरीदनी चाहिए । काले तिल या काली मिर्च भी शनिवार के दिन नहीं खरीदनी चाहिए ।।

मित्रों, जूते या काले कपड़े खरीदने के लिए भी शनिवार का दिन सही नहीं माना गया है । बादाम या नारियल खरीदने के लिए भी यह दिन उपयुक्त नहीं माना जाता । किसी भी प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक समान अथवा छतरी भी शनिवार के दिन नहीं खरीदना चाहिए । घर का कोई भी सदस्य अगर अपने ससुराल जाना चाहता हो तो उसे शनिवार के दिन ससुराल नहीं जाना चाहिए ।।

शनिवार के दिन तेल, लकड़ी, कोयला, नमक, लोहा या लोहे से निर्मित वस्तुयें खरीदनी नहीं चाहिए। हो सकता है, इस वजह से बिना बात की परेशानियाँ उत्पन्न हो जाये और अकारण कष्ट झेलना पड़े। शनिदेव की प्रकृति दारुण माना जाता है। भवन निर्माण का प्रारंभ, तकनीकी कार्य, शल्य क्रिया या जांच कार्य के लिए उचित दिन नहीं माना जाता। प्लास्टिक, तेल, पेट्रोल, लकड़ी, सीमेंट आदि भी क्रय और विक्रय का शुभ दिन नहीं है।।

===============================================

ज्योतिष के सभी पहलू पर विस्तृत समझाकर बताया गया बहुत सा हमारा विडियो हमारे YouTube के चैनल पर देखें । इस लिंक पर क्लिक करके हमारे सभी विडियोज को देख सकते हैं – Click Here & Watch My YouTube Video’s.

इस तरह की अन्य बहुत सारी जानकारियों, ज्योतिष के बहुत से लेख, टिप्स & ट्रिक्स पढने के लिये हमारे ब्लॉग एवं वेबसाइट पर जायें तथा हमारे फेसबुक पेज को अवश्य लाइक करें, प्लीज – My facebook Page.

वास्तु विजिटिंग के लिये तथा अपनी कुण्डली दिखाकर उचित सलाह लेने एवं अपनी कुण्डली बनवाने अथवा किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति के लिए संपर्क करें ।।

किसी भी तरह के पूजा-पाठ, विधी-विधान, ग्रह दोष शान्ति आदि के लिए तथा बड़े से बड़े अनुष्ठान हेतु योग्य एवं विद्वान् ब्राह्मण हमारे यहाँ उपलब्ध हैं ।।

संपर्क करें:- बालाजी ज्योतिष केन्द्र, गायत्री मंदिर के बाजु में, मेन रोड़, मन्दिर फलिया, आमली, सिलवासा ।।

WhatsAap & Call: +91 – 8690 522 111.

E-Mail :: [email protected]

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here