गोवर्धन पूजा में अन्नकूट का भोग क्यों लगाया जाता है।।

what is Annakoot
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गोवर्धन पूजा में भगवान को अन्नकूट का भोग क्यों लगाया जाता है।। what is Annakoot.

मित्रों, आज तारीख 02 नवम्बर 2024 “02 November 2024” दिन शनिवार को अन्नकूट का पावन त्यौहार है। आप सभी को गोवर्धन पुजा अन्नकूट की हार्दिक शुभकामनायें एवं अनन्त-अनन्त बधाइयाँ। सर्वप्रथम प्रश्न यह है, कि अन्नकूट क्या है? गोवर्धन पूजा के दिन इसका खास महत्त्व क्यों है? आज किस देवता की पुजा होती है तथा किस वस्तु का विशिष्ट भोग लगाने से भगवान की सम्पूर्ण कृपा प्राप्त होती है?।।

Annakoot Diwali 2024: गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) में घर के आंगन, छत या बालकनी में गोबर से गोवर्धन बनाए जाते हैं और उनको अन्नकूट (Annakoot) का भोग लगाया जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है और गोवर्धन पर्वत को भी पूजा जाता है। गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट बनाने और भगवान को इसका भोग लगाने का विशेष महत्त्व (Importance) है। इस वर्ष गोवर्धन पूजा के लिए सुबह का शुभ मुहूर्त प्रात: 05 बजकर 59 मिनट से प्रात: 08 बजकर 14 मिनट तक है। तो शाम की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 03 बजकर 02 मिनट PM से शाम 05 बजकर 18 मिनट PM तक का है।।

अन्नकूट क्या है? what is Annakoot: दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) करने की परंपरा है। इस बार गोवर्धन पूजा 02 नवम्बर को शनिवार के दिन की जाएगी। इस दिन को अन्नकूट, पड़वा और प्रतिपदा भी कहा जाता है। इस दिन घर के आंगन, छत या बालकनी में गोबर से गोवर्धन बनाए जाते हैं और उनको अन्नकूट (Annakoot) का भोग लगाया जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है और गोवर्धन पर्वत को भी पूजा जाता है।।

गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट बनाने और भगवान को इसका भोग लगाने का विशेष महत्त्व (Importance) होता है। परंतु ये अन्नकूट क्या है? और गोवर्धन पूजा के दिन इसका इतना खास महत्त्व क्यों होता है? तो चलिये सबसे पहले आपको गोवर्धन पूजा करने की वजह के बारे में बता देते हैं। भागवत कथा के अनुसार द्वापरयुग में भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर बृजवासियों ने भगवान इन्द्र की जगह पर गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी। क्योंकि गायों को चारा गोवर्धन पर्वत से मिलता था और गायें बृजवासियों के जीवन-यापन का जरिया थीं।।

इसी कारण तब इंद्रदेव ने नाराज होकर मूसलाधार बारिश की और भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी कनिष्ठा अंगुली पर गोवर्धन धारण कर लिया। भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर बृजवासियों की रक्षा की और उनको गोवर्धन के नीचे सुरक्षा प्रदान की थी। तब से ही भगवान श्रीकृष्ण के गोवर्धन पर्वत उठाये हुए रूप की पूजा की जाती है। जिसके तहत गोवर्धन पर्वत और भगवान श्री कृष्ण दोनों की पूजा होती है।।

अन्नकूट क्या है? Annakut Kya Hai:

मित्रों, अन्नकूट कई तरह के अन्न और सब्जियों के समूह को कहा जाता है। इस दिन अपनी सामर्थ्य के अनुसार 21, 51, 101 या फिर 108 प्रकार की सब्ज़ियों को मिलाकर एक तरह की मिक्स सब्ज़ी बनाई जाती है। जिसको विशेष तौर पर गोवर्धन पूजा के दिन भगवान को भोग लगाने के लिए बनाया जाता है। इसके साथ ही तरह-तरह के अन्न से तैयार पकवान और मिठाइयों से भी भगवान श्रीकृष्ण को भोग लगाने की परम्परा है।।

गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त।। Govardhan Pooja Ka Shubh Muhurt:

गोवर्धन पूजा सुबह और शाम दो समय की जाती है। सुबह में जहां भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की धूप, फल, फूल, खील-खिलौने, मिष्ठान आदि से पूजा-अर्चना और कथा-आरती करते हैं। वहीं शाम को भगवान को अन्नकूट का भोग लगाकर आरती की जाती है। इस वर्ष गोवर्धन पूजा के लिए सुबह का शुभ मुहूर्त प्रात: 05 बजकर 59 मिनट से प्रात: 08 बजकर 14 मिनट तक है। तो शाम की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 03 बजकर 02 मिनट से शाम 05 बजकर 18 मिनट तक का है।।

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