भूत प्रेत कि समस्या से मुक्ति का उपाय।। Bhut Pret Se Mukti Ka Upay.
हैल्लो फ्रेंड्सzzz,
मित्रों, इस सृष्टि में जो भी उत्पन्न हुआ है उसका नाश होना भी निश्चित ही है। साथ ही दोबारा उत्पन्न होकर फिर से नाश होना है। यह क्रम नियमित रूप से चलता रहता है। सृष्टि के इसी चक्र से मनुष्य भी बंधा हुआ है। इस चक्र की प्रक्रिया से अलग कुछ भी होने से भूत-प्रेत की योनी उत्पन्न होती है। जैसे अकाल मृत्यु का होना ऐसा ही एक कारण है जिसे तर्क के दृष्टिकोण पर परखा जा सकता है।।
सृष्टि के चक्र से अलग हटकर आत्मा भटकाव की स्थिति में आ जाती है। इसी प्रकार की आत्माओं की उपस्थिति का अहसास हम भूत के रूप में या फिर प्रेत के रूप में करते हैं। यही आत्मा जब सृष्टि के चक्र में फिर से प्रवेश करती है तो उसके भूत होने का अस्तित्व भी समाप्त हो जाता है। अधिकांशतः आत्माएं अपने जीवन काल में संपर्क में आने वाले व्यक्तियों को ही अपनी ओर आकर्षित करती है।।
इसलिए उन्हें ही इसका बोध भी होता जिनके संपर्क में वे शुरू से रहते है। जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ रही है इन्सान वैसे-वसे ही कभी जल में डूबकर, बिजली द्वारा, अग्नि में जलकर, लड़ाई-झगड़े में, प्राकृतिक आपदा से मृत्यु अथवा दुर्घटनाओं के कारण भी होनेवाले मृत्यु से भूत प्रेतों की संख्या भी उसी रफ्तार से बढ़ रही है।। Bhut Pret And Upay
प्रेतों की संख्या में वृद्धि का कारण मृत प्राणी का श्राद्ध न होना भी माना गया है। ऐसी मृत आत्माएं जो अतृप्त होती हैं और जिनकी अकाल मृत्यु हुई हो ऐसी आत्माएं अपने निकट संबंधियों को ही तकलीफें भी देती है। इनसे छुटकारा अथवा इनकी मुक्ति का उपाय इनका विधिवत श्राद्ध करवाना तीर्थों में इनका पिंड दान करना ही बताया गया है।। Bhut Pret And Upay
यदि इन उपायों से भी शान्ति न हो तो अंतिम में भागवत कथा के माध्यम से हम इनकी मुक्ति का उपाय कर सकते हैं। आजकल बहुत बड़ी संख्या में अलग-अलग धर्मों, पंथों एवं संप्रदायों के विभिन्न मतों के वजह से मृत प्राणियों का श्राद्ध नहीं हो रहा है। यह भी एक बहुत बड़ा कारण है। लेकिन हमें इसकी शान्ति के लिए बहुत बड़े स्तर पर यज्ञ, श्राद्ध अथवा भागवत कथा का आयोजन करवाना चाहिए।।
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