सुन्दर दीर्घायु और स्वस्थ संतान हेतु कुछ विशिष्ट निर्देश।।

healthy Putra Prapti Ke Upay
healthy Putra Prapti Ke Upay

सुन्दर, दीर्घायु और स्वस्थ संतान हेतु कुछ विशिष्ट निर्देश।। Beautiful, longevity and healthy Putra Prapti Ke Upay.

हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,

मित्रों, जिन लोगों को सुन्दर, दीर्घायु और स्वस्थ संतान चाहिये उन्हें गडांत, ग्रहण, सूर्योदय एवम सूर्यास्तकाल, किसी की मृत्यु वाले नक्षत्र एवं रिक्ता तिथि आदि में सम्भोग वर्जित होता है। दिवाकाल, भद्रा, पर्वकाल, अमावस्या, श्राद्ध के दिन, गंड तिथि, गंड नक्षत्र तथा आंठवें चंद्रमा का त्याग करके शुभ मुहुर्त में संभोग करना चाहिये।। healthy child to Some instructions

पुराने समय में पति-पत्नी आज की तरह हर रात्रि को नहीं मिलते थे। उनका सहवास सिर्फ़ संतान प्राप्ति के उद्देष्य के लिये ही होता था। शुभ दिन और शुभ मुहुर्त के संभोग से हमारे पूर्वज योग्य संतान प्राप्त करते थे। शास्त्रानुसार कहें तो आज के समय में युवाओं की उदंडता, अनुशासनहीनता, लडाई-झगडे की प्रवॄति वाले उग्रवादी होने के लिये वास्तव में उनके माता पिता ही जिम्मेदार हैं।।

क्योंकि वे किसी भी दिन, किसी भी समय संभोग करके गर्भ धारण करके संतान पैदा कर लेते हैं। जन्मकुंडली के अनुसार यदि बात करें तो गर्भाधान के समय किसी केन्द्र एवम किसी त्रिकोण में शुभ ग्रह हों। तीसरे छठे ग्यारहवें घरों में पाप ग्रह हों, लग्न पर मंगल गुरू इत्यादि शुभ कारक ग्रहों की दॄष्टि हो, विषम का चन्द्रमा नवमांश कुंडली में हो और मासिक धर्म से सम रात्रि हो।।

इन समयों में यदि सात्विक विचार पूर्वक योग्य पुत्र की कामना से सम्भोग किया जाये तो निश्चित ही योग्य पुत्र की प्राप्ति होती है। परन्तु इस समय में भी पुरूष का दायां तथा स्त्री का बांया स्वर ही चलना चाहिये। यह अत्यंत अनुभूत और अचूक उपाय है जो व्यर्थ नहीं जाता।। healthy child to Some instructions.

इसमें वैज्ञानिक कारण यह है, कि पुरुष का जब दाहिना स्वर चलता है तब उसका दाहिना अंडकोशः अधिक मात्रा में शुक्राणुओं का विसर्जन करता है। इसके वजह से अधिक मात्रा में पुलिंग शुक्राणु निकलते हैं, इसलिये पुत्र ही उत्पन्न होता है। यदि आप सन्तान प्राप्ति के इच्छुक ना हों और सिर्फ सम्भोग ही करना हो तो मासिक धर्म के अठारहवें दिन से पुन: मासिक धर्म आने तक के समय में सम्भोग कर सकते हैं।।

इस काल में गर्भाधान की संभावना नहीं के बराबर होती है। परन्तु जब तीन चार मास का गर्भ हो जाये तो किसी भी दम्पत्ति को सहवास नहीं करना चाहिये। जो लोग तीन से चार मास के गर्भ होने के बाद भी अगर सम्भोग करते हैं तो उनकी भावी संतान अपंग या फिर रोगी पैदा होने की सम्भावनायें बढ़ जाती है।। healthy child to Some instructions

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।।। नारायण नारायण ।।।

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