राहु कि अशुभ दशा से मुक्ति के सरल उपाय।।

Rahu Is Prakar Ke Kasht Deta Hai
Rahu Is Prakar Ke Kasht Deta Hai

राहु कि अशुभ दशा से मुक्ति के सरल उपाय।। Rahu Is Prakar Ke Kasht Deta Hai.

मित्रों, वैदिक सनातन के पुराणों के अनुसार राहु और केतु एक ही राक्षस के दो भाग हैं। समुद्र मंथन के दौरान छल से स्वरभानु नाम के एक राक्षस ने अमृत पी लिया था। लेकिन सूर्य और चंद्रमा ने यह जान लिया और भगवान विष्णु को बता दी। उन्होने तत्क्षण ही अपने प्रिय सुर्दशन चक्र से स्वरभानु का सर उसके धड़ से अलग कर दिया है।।

लेकिन अमृत की कुछ बूंदे गले से नीचे उतरने के कारण मर कर भी ये दोनों अमर हो गए। शुक्राचार्य के वजह से सिर वाला हिस्सा राहु और धड़ वाले हिस्से को केतु कहा गया है। इस बात का बदला लेने के लिए राहु और केतु समय-समय पर सूर्य और चंद्रमा पर हमला करते हैं। उन्हें जकड़ने का प्रयास करते हैं। इससे सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण की स्थिति बनती है। राहु बेहद रहस्मय ग्रह है। ज्योतिष शास्त्र में राहु को पाप ग्रह माना गया है। अशुभ होने पर राहु बहुत ही बुरे फल प्रदान करता है।।

मित्रों, जन्म कुंडली में राहु यदि अशुभ हो तो व्यक्ति को नशे की आदत लगा देता है। इसके साथ ही उसकी संगत को भी गलत बनाता है। अशुभ राहू जातक को बुरे कार्यों में लिप्त कर देता है। राहु को भ्रम का कारण और छाया ग्रह भी बताया गया है। राहु जातक को किसी भ्रम में सदैव जीने का आदत बना देता है।।

कभी-कभी अपनी बुरी आदतों के कारण जातक अपना संपूर्ण जीवन बर्बाद कर लेता है। प्रतिभावान व्यक्ति के जीवन में राहु की अशुभता के कारण संघर्ष की स्थिति बनी रहती है। ऐसा व्यक्ति तनाव और साजिशों से जूझता रहता है। छिपे हुए शत्रु हानि पहुंचाते रहते हैं तथा अज्ञात भय की स्थिति सदैव बनी रहती है। राहु अपयश भी प्रदान करता है। व्यक्ति के मान सम्मान में भी कमी लाता है।।

राहु दोष के शांति के उपाय।। Rahu Ki Shanti Ka Upay.

राहु ग्रह के अशुभ परिणामों से बचने के लिए राहु के मंत्र का जप करना चाहिए। राहु की अशुभ दशा से बचने के लिये बुधवार के दिन जौ, सरसों, सिक्का, सात प्रकार के अनाज, नीले या भूरें रंग के कपड़े और कांच की वस्तुओं का दान करना चाहिए। गोमेद रत्न धारण करने से भी राहु के दोष से मुक्ति मिलती है।।

राहु को शांत करने अथवा शुभ बनाने के लिए रसोईघर में ही बैठकर भोजन करना चाहिए। चंदन का तिलक लगाएं एवं चोटी रखें। ठोस चांदी का हाथी घर में रखें। इसके साथ ही पानी की कमी शरीर में न होने दें। गुरु का उपाय करने और माता सरस्वती की पूजा करने से भी राहु की अशुभता दूर होती है।।

सदैव अपने पास सफेद चन्दन अवश्य रखना चाहिए। राहु की शांति के लिए श्रावण मास में अथवा कभी भी रुद्राष्टाध्यायी का पाठ करना चाहिए। यदि संभव न हो तो किसी वेदपाठी ब्राह्मण से रुद्रष्टाध्यायी से रुद्राभिषेक करवाएँ। शनिवार को कोयला, तिल, नारियल, कच्चा दूध, हरी घास, जौ, तांबा बहती नदी में प्रवाहित करें। बहते पानी में शीशा अथवा नारियल प्रवाहित करें। नारियल में छेद करके उसके अन्दर ताम्बे का पैसा डालकर नदी में बहा दें।।

इन उपायों से राहू के अशुभ प्रभावों में कमी आती है। जीवन पहले से कुछ सहज और आसान जरूर बन जाता है। ईश्वर पर विश्वास सबसे प्रभावी उपाय है, सम्पूर्ण विश्वास के साथ इन उपायों को अपनाएं आपके जीवन में परिवर्तन अवश्य आएगा।।

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