कौन सा रोग किस ग्रह के वजह से हुआ है अथवा हो सकता है।। Kaun Sa Rog-Kis Grah Ke Karan Hota Hai.
हैल्लो फ्रेण्ड्सzzz,
मित्रों, हमारे पूर्वजों ने ज्योतिष के रूप में एक ऐसी विद्या दी है, जिसके माध्यम से मानव शरीर के हरेक विभाग के विषय में पर्याप्त जानकारी प्राप्त की जा सकती है ।।
हमारी उन्नति, हमारा रहन-सहन, खान-पान, सामाजिक प्रतिष्ठा से लेकर हर एक विषय में भरपूर जानकारी हासिल कर सकते हैं । इतना ही नहीं हमारे शरीर के किस अंग में कौन सा रोग कब और किस ग्रह के वजह से हो सकता है, इसकी जानकारी सरलता से प्राप्त की जा सकती है ।।
मित्रों, हम ये सरलता से ज्योतिष के माध्यम से जान सकते हैं, कि हमें कौन सा रोग हुआ है तो वो किस ग्रह के वजह से हुआ है । फिर हम उस ग्रह से सम्बन्धित मन्त्र जप, ग्रह शान्ति अथवा रत्न धारण के माध्यम से उसका सहज इलाज भी कर सकते हैं ।।
आइये जानते हैं, कि सूर्यादि ग्रह अगर दूषित हो तो कौन-कौन सा रोग आपको दे सकता है, अथवा आपको जो रोग हुआ है वो किस ग्रह के वजह से हुआ है, एक-एक करके सभी ग्रहों को विस्तार से देखते हैं, तो सर्वप्रथम सूर्य को देखते हैं ।।
मित्रों, सूर्य आपको पित्त, वर्ण, जलन, उदर सम्बन्धी रोग, रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी, न्यूरोलॉजी से सम्बन्धी रोग, नेत्र रोग, ह्रदय रोग, अस्थियों से सम्बन्धी रोग, कुष्ठ रोग, सिर के रोग, ज्वर, मूर्च्छा, रक्तस्त्राव, मिर्गी इत्यादि देता है ।।
चन्द्रमा ह्रदय एवं फेफड़े से सम्बन्धित रोग देता है, बायें नेत्र में विकार, अनिद्रा, अस्थमा, डायरिया, रक्ताल्पता, रक्तविकार, जल की अधिकता या कमी से संबंधित रोग, उल्टी किडनी संबंधित रोग, मधुमेह, ड्रॉप्सी, अपेन्डिस, कफ रोग, मूत्रविकार, मुख सम्बन्धी रोग, नासिका संबंधी रोग, पीलिया, मानसिक रोग इत्यादि देता है ।।
मित्रों, मंगल गर्मी के रोग, विषजनित रोग, व्रण, कुष्ठ, खुजली, रक्त सम्बन्धी रोग, गर्दन एवं कण्ठ से सम्बन्धित रोग, रक्तचाप, मूत्र सम्बन्धी रोग, ट्यूमर, कैंसर, पाइल्स, अल्सर, दस्त, दुर्घटना में रक्तस्त्राव, कटना, फोड़े-फुन्सी, ज्वर, अग्निदाह, चोट इत्यादि जैसा रोग देता है ।।
बुध छाती से सम्बन्धित रोग, नसों से सम्बन्धित रोग, नाक से सम्बन्धित रोग, ज्वर, विषमय खुजली, अस्थिभंग, टायफाइड, पागलपन, लकवा, मिर्गी, अल्सर, अजीर्ण, मुख के रोग, चर्मरोग, हिस्टीरिया, चक्कर आना, निमोनिया, विषम ज्वर, पीलिया, वाणी दोष, कण्ठ रोग, स्नायु रोग, इत्यादि देने में सक्षम होता है ।।
मित्रों, गुरु जातक को लीवर, किडनी, तिल्ली आदि से सम्बन्धित रोग, कर्ण सम्बन्धी रोग, मधुमेह, पीलिया, याददाश्त में कमी, जीभ एवं पिण्डलियों से सम्बन्धित रोग, मज्जा दोष, यकृत पीलिया, स्थूलता, दंत रोग, मस्तिष्क विकार आदि प्रकार का रोग देता है ।।
शुक्र दृष्टि से सम्बन्धित रोग, जननेन्द्रिय सम्बन्धित रोग, मूत्र सम्बन्धी एवं गुप्त रोग, मिर्गी, अपच, गले के रोग, नपुंसकता, अन्त:स्रावी ग्रन्थियों से संबंधित रोग, मादक द्रव्यों के सेवन से उत्पन्न रोग, पीलिया रोग इत्यादि देता है ।।
मित्रों, शनिदेव शारीरिक कमजोरी, दर्द, पेट दर्द, घुटनों या पैरों में होने वाला दर्द, दांतों अथवा त्वचा सम्बन्धित रोग, अस्थिभ्रंश, मांसपेशियों से सम्बन्धित रोग, लकवा, बहरापन, खांसी, दमा, अपच, स्नायुविकार इत्यादि प्रकार का रोग जातक को देते हैं ।।
राहु मस्तिष्क सम्बन्धी विकार, यकृत सम्बन्धी विकार, निर्बलता, चेचक, पेट में कीड़े, ऊंचाई से गिरना, पागलपन, तेज दर्द, विषजनित परेशानियां, किसी प्रकार का रियेक्शन, पशुओं या जानवरों से शारीरिक कष्ट, कुष्ठ रोग, कैंसर ये सब रोग देता है ।।
मित्रों, केतु वातजनित बीमारियां, रक्तदोष, चर्म रोग, श्रमशक्ति की कमी, सुस्ती, अर्कमण्यता, शरीर में चोट, घाव, एलर्जी, आकस्मिक रोग या परेशानी, कुत्ते का काटना इत्यादि कष्टों को देनेवाला केतु ही है ।।
परन्तु इन रोगों से कब होगी मुक्ति ? इस विषय में हमारे आचार्यों का मत ये है, कि किसी भी रोग से मुक्ति रोगकारक ग्रह की दशा अर्न्तदशा की समाप्ति के पश्चात ही प्राप्त हो सकती है ।।
मित्रों, इसके अतिरिक्त यदि किसी जन्मकुण्डली में लग्नेश की दशा अर्न्तदशा आये अथवा किसी योगकारक ग्रह की दशा अर्न्तदशा-प्रत्यर्न्तदशा आ जाए तो रोग से छुटकारा प्राप्त होने की स्थिति बनती हैं ।।
शनि यदि रोग का कारक हो तो इतनी आसानी से मुक्ति नही मिलती । क्योंकि शनि किसी भी रोग से जातक को लम्बे समय तक पीड़ित रखता है और राहु जब किसी रोग का जनक होता है तो बहुत समय तक उस रोग की जांच ही नही हो पाती है । डॉक्टर यह समझ ही नहीं पाता है कि जातक को बीमारी क्या है और ऐसे में रोग उम्मीद से अधिक समय तक चलता रहता है ।।
मित्रों, हम अपने अगले लेख में और भी कोई प्रभावी लेख लेकर उपस्थित होंगे । इसलिये ज्योतिष के गूढ़-से-गूढ़ ज्ञान एवं अन्य हर प्रकार के टिप्स & ट्रिक्स के लिए हमारे फेसबुक के ऑफिसियल पेज को अवश्य लाइक करें – Astro Classes, Silvassa.
ज्योतिष के सभी पहलू पर विस्तृत समझाकर बताया गया बहुत सा हमारा विडियो हमारे YouTube के चैनल पर देखें । इस लिंक पर क्लिक करके हमारे सभी विडियोज को देख सकते हैं – Click Here & Watch My YouTube Channel.
इस तरह की अन्य बहुत सारी जानकारियों, ज्योतिष के बहुत से लेख, टिप्स & ट्रिक्स पढने के लिये हमारे ब्लॉग एवं वेबसाइट पर जायें तथा हमारे फेसबुक पेज को अवश्य लाइक करें, प्लीज – My facebook Page.
वास्तु विजिटिंग के लिये तथा अपनी कुण्डली दिखाकर उचित सलाह लेने एवं अपनी कुण्डली बनवाने अथवा किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति के लिए संपर्क करें ।।
किसी भी तरह के पूजा-पाठ, विधी-विधान, ग्रह दोष शान्ति आदि के लिए तथा बड़े से बड़े अनुष्ठान हेतु योग्य एवं विद्वान् ब्राह्मण हमारे यहाँ उपलब्ध हैं ।।
सिलवासा ऑफिस:- बालाजी ज्योतिष केन्द्र, गायत्री मंदिर के ठीक सामने, मेन रोड़, मन्दिर फलिया, आमली, सिलवासा।।
प्रतिदिन सिलवासा में मिलने का समय:
10:30 AM to 01:30 PM And 05: PM 08:30 PM
WhatsAap & Call: +91 – 8690 522 111.
E-Mail :: [email protected]